छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस पर सीएम शिवराज ने दी विनम्र श्रद्धांजलि

भोपाल, मध्यप्रदेश : हर साल 11 मार्च को संभाजी बालिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने महान योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस पर अर्पित की श्रद्धांजलि।
छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि
छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलिSocial Media

भोपाल, मध्यप्रदेश। हर साल 11 मार्च को संभाजी बालिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है, यही वह दिन है जब छत्रपति संभाजी राजे भोसले की मृत्यु मुगल राजा औरंगजेब के निर्देश पर दो सप्ताह से अधिक समय तक यातनाएं सहने के बाद हुई थी, 'स्वराज' और स्व-शासन की स्थापना के लिए छत्रपति संभाजी महाराज ने अपने जीवन का अंतिम बलिदान दे दिया।

धरा को गौरवान्वित करने वाले वीर छत्रपति संभाजी को प्रमाण: CM

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महान योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज (Chhatrapati Sambhaji Maharaj) का बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। CM चौहान ने कहा- ‘मराठा गौरव, धर्म की रक्षा हेतु प्राणों को उत्सर्ग कर देने वाले महान योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि, धरा को धन्य व गौरवान्वित करने वाले वीर को प्रणाम।

देश धरम पर मिटने वाला, शेर शिवा का छावा था, महा पराक्रमी परम प्रतापी, एक ही शंभू राजा था।

सीएम शिवराज ने कहा-

14 मई को हुआ था संभाजी राजे का जन्म :

आपको बताते चलें कि शिवाजी महाराज के बड़े बेटे छत्रपति संभाजी राजे भोसले का जन्म 14 मई, 1657 को हुआ था, वे छत्रपति शिवाजी और उनकी पहली पत्नी साईबाई के सबसे बड़े बेटे थे, संभाजी को एक महान राजा और योद्धा माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि संभाजी ने 150 से अधिक लड़ाइयां लड़ीं और एक भी लड़ाई नहीं हारी, एक महान योद्धा होने के साथ-साथ, संभाजी महान गुणों के व्यक्ति भी थे।

बता दें कि संभाजी ने अपने बाल्यपन से ही राज्य की राजनीतिक समस्याओं का निवारण किया था और इन दिनों में मिले संघर्ष के साथ शिक्षा-दीक्षा के कारण ही बाल शम्भूजी राजे कालान्तर में वीर संभाजी राजे बन सके थे, आज के दिन उनके गौरवशाली पलों को लोग याद कर उन्हें अपनी श्रद्धा के फूल अर्पित करते हैं। बता दें कि संभाजी ने अपने बाल्यपन से ही राज्य की राजनीतिक समस्याओं का निवारण किया था और इन दिनों में मिले संघर्ष के साथ शिक्षा-दीक्षा के कारण ही बाल शम्भुजी राजे कालान्तर में वीर संभाजी राजे बन सके थे, आज के दिन उनके गौरवशाली पलों को लोग याद कर उन्हें अपनी श्रद्धा के फूल अर्पित करते हैं।

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