भारतेंदु हरिश्चंद्र और शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती
भारतेंदु हरिश्चंद्र और शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती Sudha Choubey - RE

CM शिवराज ने शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा और भारतेंदु हरिश्चंद्र की जयंती पर किया कोटिश: नमन

CM शिवराज ने हिंदी साहित्य के पितामह, युगदृष्टा कवि एवं साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र और परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती पर नमन किया।

हाइलाइट्स-

  • भारतेंदु हरिश्चंद्र और शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती आज।

  • सीएम शिवराज ने भारतेंदु हरिश्चंद्र और शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती पर किया कोटिश: नमन।

भोपाल, मध्य प्रदेश। आज आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह, युगदृष्टा कवि एवं साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र और परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की जयंती है। इस मौके मध्य प्रदेश के मुख्यसमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें याद करते हुए कोटिश: नमन किया है। मुख्यसमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मध्य प्रदेश के कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

भारतेंदु हरिश्चंद्र का परिचय:

भारतेन्द्र हरिश्चन्द्र का जन्म 9 सितम्बर, 1850, को काशी के एक सम्पन्न वैश्य परिवार में हुआ था। उनके पिता गोपालचंद्र एक अच्छे कवि थे और ‘गिरधरदास’ उपनाम से कविता लिखा करते थे। भारतेन्द्र हरिश्चन्द्र जब पांच वर्ष के थे, तो उनकी माता की मृत्यु हो गई, वहीं जब वो दस वर्ष के थे, तो उनके पिता की मृत्यु हो गयी। भारतेन्द्र हरिश्चन्द्र काव्य-प्रतिभा अपने पिता से विरासत में मिली थी। भारतेन्‍दु जी ने मात्र पॉंच वर्ष की तुतलाती अल्‍पायु में ही दोहा बनाकर अपने पिता को सुनाया। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने घर पर ही हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी तथा बंगला का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था। 18 वर्ष की अवस्था में ही आपने साहित्य रचना आरंभ कर दी थी।

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिचय:

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर 1974 को पालमपुर में जी.एल. बत्रा और कमलकांता बत्रा के घर जन्म हुआ था। विक्रम की स्कूली पढ़ाई पालमपुर में ही हुई। सेना छावनी का इलाका होने की वजह से विक्रम बचपन से ही सेना के जवानों को देखते थे। कहा जाता है कि, यहीं से विक्रम खुद को सेना की वर्दी पहने देखने लगे। विक्रम बत्रा को कॉलेज के दौरान ही मर्चेंट नेवी के लिए चुना गया था, लेकिन उन्होंने अंग्रेजी में एमए के लिए दाखिला ले लिया। इसके बाद विक्रम सेना में शामिल हो गए। साल 1999 में करगिल युद्ध शुरू हो गया। इस वक्त विक्रम सेना की 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में तैनात थे। विक्रम बत्रा के नेतृत्व में टुकड़ी ने हम्प व राकी नाब स्थानों को जीता और इस पर उन्हें कैप्टन बना दिया गया था। उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

शिवराज सिंह ने किया ट्वीट:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह, युगदृष्टा कवि एवं साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। साहित्य के माध्यम से राष्ट्र और समाज की जागृति के आपके पुनीत प्रयासों के लिए देशवासी सदैव आपके ऋणी रहेंगे।"

सीएम ने विक्रम बत्रा को दी श्रद्धांजलि:

वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद विक्रम बत्रा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, "या तो तिरंगा लहरा के आऊंगा या तो तिरंगे में लिपटा चला आऊंगा, लेकिन आऊंगा जरूर" मां भारती के वीर सपूत, कारगिल युद्ध के महानायक,परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन। राष्ट्र के लिए आपका अप्रतिम त्याग और बलिदान हर भारतीय के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।"

नरोत्तम मिश्रा ने कही यह बात:

वहीं, मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भारतेंदु हरिश्चंद्र को याद करते हुए कहा कि, "आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की जयंती पर सादर नमन। हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में आपका महत्वपूर्ण योगदान हमेशा याद किया जाएगा।"

कैप्टन विक्रम बत्रा को किया नमन:

वहीं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैप्टन विक्रम बत्रा को नमन करते हुए कहा कि, "मातृभूमि की रक्षा के लिए कारगिल युद्ध में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपना सर्वस्व बलिदान देने वाले करगिल युद्ध के अमर नायक परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन विक्रम बत्रा जी की जयंती पर सादर नमन।"

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com