'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि
'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि Social Media

सीएम शिवराज ने 'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर जी की पुण्यतिथि पर अर्पित किए श्रद्धासुमन

आज राष्ट्रकवि का दर्जा प्राप्त रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) की पुण्यतिथि है। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की है।

भोपाल, मध्य प्रदेश। आज राष्ट्रकवि का दर्जा प्राप्त रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन अप्रैल 1974 को बेगूसराय में उनका निधन हुआ था। दिनकर की कविताएं आज भी साहित्य जगत में याद की जाती हैं। आज रामधारी सिंह दिनकर की पुण्यतिथि के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की है।

शिवराज सिंह चौहान ने कही यह बात:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते। विघ्नों को गले लगाते हैं, कांटों में राह बनाते हैं।-दिनकर जी" उन्होंने आगे ट्वीट करते हुए कहा कि, "अपनी ओजस्वी रचनाओं से राष्ट्रीय चेतना का भाव जागृत करने वाले 'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ।"

नरोत्तम मिश्रा ने कही यह बात:

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "खम ठोंक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़! मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है!"

उन्होंने आगे कहा कि, "स्वतंत्रता संग्राम में अपनी ओजस्वी रचनाओं से राष्ट्रवाद की ज्वाला प्रज्वलित करने वाले राष्ट्रकवि श्रद्धेय रामधारी सिंह 'दिनकर' जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।"

पीसी शर्मा ने किया ट्वीट:

वहीं, पीसी शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ है, समय लिखेगा उनके भी अपराध" उन्होंने कहा कि, "प्रसिद्ध साहित्यकार,शिक्षाविद और पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें सादर नमन।"

वीडी शर्मा ने कही यह बात:

वहीं, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "हिंदी के प्रमुख लेखक वीर रस के श्रेष्ठ कवि व निबन्धकार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि। दिनकर जी ने न केवल क्रांतिकारी आंदोलन को स्वर दिया बल्कि उनकी लेखनी सामाजिक असमानता व शोषण के खिलाफ भी मुखरित रही है। साहित्य में उनका योगदान प्रणम्य है।"

रामधारी सिंह दिनकर के बारे में:

वहीं, अगर रामधारी सिंह दिनकर के बारे में बात करे, तो रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर, 1908 को बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश भारत (अब बिहार के बेगूसराय जिले में) में हुआ था। वे एक भारतीय हिंदी कवि, निबंधकार और अकादमिक थे। एक छात्र के रूप में, उन्होंने इतिहास, दर्शन, हिंदी, संस्कृत, राजनीति का अध्ययन किया। अंग्रेजी, मैथिली, उर्दू और बंगाली। वह, तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1960 के दशक में परशुराम की प्रतीक्षा, कोयला और कविता, मृत्यु तिलक और आत्मा की आंखें लिखीं। 24 अप्रैल, 1974 को बेगूसराय में उनकी मृत्यु हो गई।

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