तात्या टोपे का बलिदान दिवस
तात्या टोपे का बलिदान दिवसSocial Media

महान क्रांतिकारी तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर CM शिवराज ने दी श्रद्धांजलि

भोपाल, मध्यप्रदेश। आज महान क्रांतिकारी तात्या टोपे का बलिदान दिवस है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

भोपाल, मध्यप्रदेश। आज महान क्रांतिकारी तात्या टोपे का बलिदान दिवस है, बता दें कि देश की आजादी के क्रांतिकारी योद्धा तात्या टोपे को आज के दिन (18 अप्रैल 1859) फांसी दी गई थी, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी वीर महान तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित की है।

सीएम शिवराज ने किया ट्वीट

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया ट्वीट, कहा- दांतों में अंगुली दिए मौत भी खड़ी रही, फौलादी सैनिक भारत के ऐसे लड़े, अंग्रेज बहादुर एक दुआ मांगा करते, फिर किसी तात्या से पाला न पड़े।- कवि सरल प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 क्रांति के प्रमुख सेनानायक, महान क्रांतिकारी तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।

तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अंग्रेज़ी सेना के छक्के छुड़ा देने वाले महान देशभक्त और वीरता के प्रतीक तात्या टोपे का नाम भारतीय इतिहास में अमर हैं।

सीएम शिवराज ने कहा-

नरोत्तम मिश्रा ने भी किया ट्वीट

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कहा,1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर शत-शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि। तात्या जी ने शौर्य, रणकौशल और संगठन क्षमता से अंग्रेजों को मुंहतोड़ जवाब दिया। महान नायक तात्या टोपे की शौर्यगाथा अद्वितीय है।

बताते चलें किं तात्या टोपे का जन्म 1814 में एक मराठी परिवार में हुआ था, उनका वास्तविक नाम रामचंद्र पाण्डुरंग राव था, हालांकि लोग उन्हें तात्या टोपे के नाम से बुलाते थे। बता दें कि तात्या टोपे को बचपन से ही युद्ध और सेनानी कार्यों में अधिक रूचि थी, चूंकि पिताजी पेशवा बाजीराव के यहां पर बड़े पद पर आसीन थे, तात्या टोपे ने अपने संपूर्ण जीवन में अंग्रेजों के खिलाफ करीब 150 युद्ध पूरी वीरता के साथ लड़े थे। इस दौरान युद्ध में उन्होंने करीब 10 हजार सैनिकों को मार गिराया था।

आपको बता दें कि तात्या टोपे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी में से एक गिने जाते हैं, भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने में उनकी अहम भूमिका रही है। 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले तात्या टोपे के प्रयासों को आज भी याद किया जाता है। उनकी युद्ध करने की नीति और चतुराई से वह अक्सर अंग्रेजों के चंगुल में आने से बच जाते थे। एक जगह से युद्ध में नाकामयाब होने पर वह दूसरे युद्ध की तैयारी में जुट जाते थे, उनके इस रवैये ने अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था।

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