Collector and SDM Case
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कलेक्टर और एसडीएम विवाद की जांच में दोनों अधिकारी पाए गए दोषी

होशंगाबाद: अवैध रेत और डंपर मामले में एसडीएम और कलेक्टर के बीच हुए विवाद की जानकारी लगते ही लगातार जांच की गई। मामले से जुड़े लोगों से 6 घंटे लगातार चली पूछताछ के बाद दोनों अधिकारियों के नाम आये सामने।

हाइलाइट्स :

  • अवैध रेत मामले में एसडीएम और कलेक्टर पाए गए दोषी

  • कमिश्नर रवीन्द्र मिश्रा को भोपाल मुख्यालय से मिले जांच के आदेश

  • बंगले पर चली 6 घंटे पूछताछ

  • बंगले पर बुलाकर बंधक बनाने का आरोप

  • एसडीएम द्वारा की गई शिकायत

  • प्रभारी मंत्री, सीएम और मुख्य सचिव से करेंगे बात

राज एक्सप्रेस। होशंगाबाद मे विगत दिनों अवैध रेत और रेत डंपर मामले को लेकर एसडीएम और कलेक्टर के बीच हुए विवाद की जानकारी लगते ही कमिश्नर रवीन्द्र मिश्रा को भोपाल मुख्यालय से दोनों की जांच के आदेश दिए गए हैं, जिनमें एस.डी.एम रवीश श्रीवास्तव एवं कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के नाम सामने आने के बाद से ही पूछताछ लगातार जारी है। इस मामले में जितने भी लोग जुड़े हैं जैसे ड्राइवर, सहित कुल 20 लोगों के बयान लिए गए है। इन सभी से करीब 6 घंटे तक लगातार पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद इन बयान की एक रिपाेर्ट बनाकर मंत्रालय भाेपाल भेजी गई।

बंगले पर चली ढ़ाई-तीन घंटे पूछताछ :

15 सितंबर को एसडीएम रवीश श्रीवास्तव के बंगले पर करीब ढ़ाई तीन घंटे पूछताछ जारी रही एवं कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह को भी पूछताछ के लिए कमिश्नर ऑफिस बुलाया गया। इस मुद्दे पर डिप्टी कलेक्टर रवीश श्रीवास्तव को उनके पद से हटाए जाने का मामला दर्ज हुआ जो, मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंच चुका है। कमलनाथ ने डिविजनल कमिश्नर से रवींद्रकुमार मिश्रा से तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने की मांग की है।

बंगले पर बुलाकर बंधक बनाने का आरोप :

इस मामले पर प्रमुख सचिव कर्मिक दीप्ति गाैड़ मुखर्जी ने डिविजनल कमिश्नर को एक पत्र लिखा। इस पर प्रभारी मंत्री ने भी कमिश्नर से रिपोर्ट की मांग की है। इस पर रवीश श्रीवास्तव ने अपने पक्ष की जानकारी भिजवा दी है, उन्होंने अपने पक्ष में बताते हुए आरोप लगाया है कि, अवैध रेत मामले पर कार्रवाई करने से रोकने के लिए उन्हें कलेक्टर द्वारा आधी रात को बंगले पर बुलाकर बंधक बना लिया गया। दूसरी तरफ कलेक्टर ने इस आरोप को ख़ारिज करते हुए कहा कि, एसडीएम ऑफिसर्स क्लब की फाइल नहीं दे रहे थे। अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का आमना सामना होगा।

एसडीएम द्वारा की गई शिकायत :

एसडीएम द्वारा की गई शिकायत में कलेक्टर पर भाजपा विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के भतीजे वैभव की फर्म के रेत स्टॉक के बाहर खड़े डंपरों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ विधायक शर्मा का कहना है कि, इस विवाद को देखे तो साफ़ समझ आ जाएगा कि, सरकारी मशीनरी फेल हो गई है। कलेक्टर मेरे एक भी पत्र का जवाब नहीं दे रहे हैं और कोई एसडीएम भी दूध के धुले हुए नहीं है। वह जानबूझ कर इस मुद्दे को रेत पर लेकर आगये हैं, जबकि मुख्य मुद्दा फाइल का था।

पूर्व मुख्यमंत्री का कहना :

इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाैहान का कहना है कि, "रेत डंपराें पर कार्रवाई करने गए एसडीएम को कलेक्टर द्वारा बंधक बनाना अराजकता बता रहा है। रेत की लूट मची है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और कार्मिक विभाग दिल्ली को पत्र भेजकर कलेक्टर पर कार्रवाई करने के लिए लिखूंगा।"

प्रभारी मंत्री का कहना :

प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि,अगर एसडीएम को सरकारी बंगले पर बुलाकर बंधक बनाया गया है तो, यह बहुत ही गलत किया गया है। मैंने इस मामले पर डिविजनल कमिश्नर से रिपाेर्ट की मांग की है। भाजपा के नेता रेत की चाेरी करने में जुटे हैं। इनकी जड़ें उखाड़नी पड़ेंगी। मै इस मामले पर सीएम और मुख्य सचिव से बात करूँगा।

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