अभी न चुनाव हुए न सरकार बनी और कांग्रेस ने सीएम कुर्सी की लड़ाई शुरू, गोविन्द सिंह और सज्जन वर्मा में बयानबाजी

MP Politics: नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बीच हुई बयानबाजी में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को सार्वजनिक कर दिया। वर्मा के बयान पर एक वीडियो भी जारी हुआ है।
गोविन्द सिंह और सज्जन वर्मा में बयानबाजी
गोविन्द सिंह और सज्जन वर्मा में बयानबाजी Raj Express

भोपाल, मध्यप्रदेश। विधानसभा चुनाव 2023 नवम्बर दिसंबर में होंगे मतदान होने में अभी लगभग 6-7 महीने का समय है। मतदान होने के बाद विधायकों की संख्या के आधार पर किस दल की सरकार बनेगी यह परिणाम आने पर तय होगा। जिस दल के विधायक अधिक होंगे उसी दल का मुख्यमंत्री निर्वाचित विधायक चुनेंगे। इन प्रक्रियाओं से पहले ही कांग्रेस (Congress) में मुख्यमंत्री कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह (Govind Singh) और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) के बीच हुई बयानबाजी में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई को सार्वजनिक कर दिया। वर्मा के बयान पर एक वीडियो भी जारी हुआ है।

दरअसल, बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ट नेता और नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह ने कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री कौन होगा इसका चुनाव विधायक (MLA) करेंगे। उनकी इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस में कमलनाथ समर्थक नेताओं के तेवर तीखे हो गए है। कमलनाथ (Kmalnath) के कट्टर समर्थक माने जाने वाले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने गोविन्द सिंह पर सीधा हमला बोला है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि, गोविन्द सिंह यह बात भूल गए है कि उनको विधयकों ने नहीं चुना वह पार्टी के वरिष्ठ नेता थे इसलिए हम सबने उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठा दिया।

पूर्व मंत्री सिंह ने कहा कि जब सभी वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई थी जिसमे नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह सहित अन्य नेता मौजूद थे उस बैठक में सर्वसम्मति से यह तय हो गया था कि मुख्यमंत्री का चेहरा कमलनाथ होंगे और सरकार बनने पर मुख्यमंत्री (Chief Minister) भी वही होंगे। इस पर आगे कोई चर्चा नहीं होगी। इसकी वीडियो क्लिप भी है।

विद्रोह जैसा कुछ नहीं होगा :

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से पूछा गया कि क्या कांग्रेस में विद्रोह होगा? उन्होंने कहा कि विदोह जैसा कुछ नहीं होगा पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता जानते है कि कमलनाथ जी और कांग्रेस संगठन के सभी नेताओं से प्रदेश में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ेगा।

ठीक ही थी दिग्विजय सिंह की नाराजगी :

चुनाव के ठीक पहले तक भी कांग्रेसियों में एकता और सामंजस्य नहीं होने से पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने नाराजगी जाहिर की थी। उनकी नाराजगी की वजह ऐसे कांग्रेसी नेता या कार्यकर्ता है जिनको पार्टी से अधिक स्वयं के हितों की चिंता है और उनकी आपसी कारण से चुनाव के दौरान कांग्रेस को नुक़सान उठाना पड़ता है। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा था कि जनता तो कांग्रेस की सरकार बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस के नेता ही आपसी गड़बड़ी में उलझे है।

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