CAA-NRC के विरोध में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस का शांति मार्च
राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में CAA और NRC के विरोध में कांग्रेस का शांति मार्च रंगमहल चौराहे से शुरू हुआ। रोशनपुरा चौराहे पर एक जनसभा रखी गई है। इस जनसभा में राज्य सरकार के मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। पैदल मार्च रंगमहल चौराहे से शुरू हुआ और मिंटो हाॅल में गांधी प्रतिमा के सामने समाप्त हुआ। इस मार्च में बड़ी संख्या में गांधी टोपी पहने और हाथों में तिरंगा लेकर मार्च करते लोग नज़र आये । कांग्रेस के साथ मार्च में सामाजिक संगठन भी शामिल हुए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मौके पर मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि
कांग्रेस की संस्कृति सभी धर्मो को जोड़ने की रही है। संविधान की रक्षा के लिए आज हम सब यहां एकत्रित हुए हैं। देश एवं प्रदेश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके खिलाफ यह आंदोलन किया जा रहा है। आज देश कठिनतम दौर से गुजर रहा है। जहां जनता की वास्तविक समस्याओं को सुलझाने के बजाए केंद्र रोज नए-नए ऐसे मुद्दे ला रहा है, जिनके कारण भारत की सामाजिक समरसता पर गंभीर प्रहार हो रहे हैं। सीएए और एनआरसी जैसी अवधारणाओं के माध्यम से भारतीय संविधान की उस मूल भावना को आहत किया जा रहा है, जिसमें स्पष्ट रूप से यह अभिव्यक्त किया गया है कि जाति, धर्म और भाषा के आधार पर भारत के नागरिकों के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ
शांति मार्च को गैर भाजपाई दलों का भी समर्थन मिला है। इस प्रोटेस्ट मार्च में बीएसपी, कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी भी शामिल हुयी और कांग्रेस के साथ मिल कर इस कानून का विरोध जताया। भोपाल में शांति मार्च को देखते हुए सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। इस दौरान रोशनपुरा चौराहे की ओर वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। लालघाटी की ओर से आने वाले वाहन पाॅलिटेक्निक चौराहा, निर्माणाधीन स्मार्ट रोड, डिपो चौराहा, माता मंदिर से मैनिट की ओर आ जा सकेंगे।
इंदौर से आया शांति का सन्देश
राहत इंदौरी ने नफरत और एक-दूसरे के प्रति शक़ के इस माहौल के बीच कहा,
मैं ये कहना चाहूंगा कि ये मुल्क मोहब्बतों का मुल्क है। नफरतों के लिए यहां बिल्कुल गुंजाइश ही नहीं है। नफरत का सफर एक कदम-दो कदम तुम भी थक जाओगे। हम भी थक जाएंगे। ये नफरतों की हवाएं कुछ दिन की हैं। ये हवा के झौंके की तरह आती हैं और चलीं भी जातीं हैं। मेरी खुदा से दुआ है कि ये देश फिर से उसी तरह साफ सुथरी हवा में सांसें ले। जो देश हमारे बुजुर्गों का था, जो देश हमारी कहानियों में था,जो पुराने लोगों ने सोचा था, जो आज का नौजवान सोचता है। ये तरक्की का मुल्क है और तरक्की करता रहे यही मेरी दुआ है।
राहत इंदौरी
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