Morena : सोशल मीडिया पर सुर्खियां बन रहा नगरनिगम में व्याप्त भ्रष्टाचार

मुरैना, मध्यप्रदेश : सामान खरीदी, निर्माण व कर्मचारियों की भर्ती में भ्रष्टाचार के ननि आयुक्त पर लग रहे आरोप। ननि आयुक्त की वाट्सएप ग्रुपों पर हो रही किरकिरी प्रशासन अधिकारी बैठे खामोश।
नगरपालिक निगम मुरैना
नगरपालिक निगम मुरैनाराज एक्सप्रेस, संवाददाता

मुरैना, मध्यप्रदेश। नगरनिगम का भ्रष्टाचार सोशल मीडिया की सुर्खियां बन रहा है। सामान खरीदी के अलावा कर्मचारियों की भर्ती सहित भुगतान में चल रही दलाली खुलकर सामने आ रही है। खास बात यह है कि ननि आयुक्त के भ्रष्टाचार की कहानी नगरनिगम से ही प्राप्त अधिकृत दस्तावेज साफ कह रहे हैं। यह दस्तावेज सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त किए गए हैं, लेकिन आयुक्त इन प्रमाणों को भी नकारने से बाज नहीं आ रहे। बीते दिनों सीवर ठेकेदार को काम पूरा होने से पहले ही पूर्णता प्रमाण-पत्र थमा दिया गया था। यह सर्टीफिकेट आयुक्त ने दिया तो चोरी-छिपे था, लेकिन नगरनिगम के ही अधीक्षण यंत्री ने इस करतूत से भोपाल में बैठे चीफ इंजीनियर को वाकिफ करा दिया। इस करतूत पर जब आयुक्त से सवाल किए गए तो उन्होंने पूर्णता प्रमाण-पत्र दिए जाने से साफ इंकार कर दिया।

ननि आयुक्त अमर सत्य गुप्ता का यह झूठ तब सामने आया जब उन्होंने धीरे से एक दूसरा पत्र जारी कर पूर्णता प्रमाण-पत्र को निरस्त किया। दुबक कर किए गए इन दोनों ही पत्रों की फोटो प्रतियां नगरनिगम से बाहर आईं तो हर कोई समझ गया कि पहले पूर्णता प्रमाण-पत्र दिया गया और बाद में हंगामा होने पर कलम फंसती देख आयुक्त ने इसे निरस्त कर दिया।

भ्रष्टाचार केवल पूर्णता प्रमाण-पत्र के मामले में ही नहीं बल्कि अन्य मामलों में भी सामने आया है। पिछले दिनों नगरनिगम में कई कर्मचारियों की भर्ती वर्कशॉप शाखा में फिक्स-पे पर कर ली गई। इसके लिए किसी प्रकार की निविदा नहीं बुलाई गई थीं।

इस भर्ती प्रक्रिया की खबरें बाहर आईं तो लोगों ने सूचना का अधिकार के तहत नगरनिगम से जानकारी मांग ली। मजबूरन नगरनिगम को जानकारी देनी पड़ी। आरटीआई के तहत बाहर आई जानकारी में 22 कर्मचारियों को नौकरी दिया जाना ननि ने स्वीकार लिया। यह नियुक्तियां ड्रायवर व हेल्पर के पद पर की गई हैं। आरटीआई लगाने वालों का तो यहां तक कहना है कि नियुक्तियां इससे कहीं ज्यादा हुई हैं, लेकिन नगरनिगम ने केवल 22 के ही नाम बताए हैं। इस तरह के अन्य कई मामलों को लेकर नगर-निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता की वाट्सएप गु्रपों पर खूब किरकिरी हो रही है। लोग जमकर उन्हें भला बुरा कह रहे हैं। बावजूद इसके न तो आयुक्त के कानों पर जूं रेंगी है और न ही वरिष्ठ अधिकारियों ने ननि आयुक्त से जवाब तलब करना जरूरी समझा है।

एक ही फर्म से खरीदा कूड़ेदान, कम्प्यूटर और पौधे :

नगरनिगम के एक मामले ने सभी को हैरत में डाल दिया है। नगरनिगम ने एक ऐसी फर्म तलाश ली है जिससे कोरोनाकाल में खूब सामान खरीदा गया। छोटे-छोटे भुगतान की फाइलें बनाकर सामान की सप्लाई ले ली। हैरत इस बात की है एनए इन्फ्रा नाम की केयर नाम की इस फर्म से कूड़ेदान से लेकर कम्प्यूटर, जीपीएस सिस्टम, कम्प्यूटर, सेनेट्री नेपकिन पेड, गमला मिट्टी पौधे तक खरीदे गए। सभी सप्लाई अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग फाइलें बनाकर ली गई हैं। एनए इन्फ्रा केयर नाम की इस फर्म से 40 हजार से लेकर 4लाख तक दर्जनों ऑर्डर दिए गए और सामान खरीदी कागजों में दिखाई गई। सामान आया भी या नहीं इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।

एनए इन्फ्रा केयर सुर्खियो में :

नगरनिगम से प्राप्त एक सूची के जरिए एनए एन्फ्रा केयर नाम की फर्म सुर्खियां बन गई है। लोग यह कहकर चुटकी ले रहे हैं कि एक ओर ठेकेदार भुगतान व काम लेने के लिए नगरनिगम के चक्कर काट रहे हैं और दूसरी ओर एनए इन्फ्रा केयर को देखिए इसने ऐसी जुगाड़ भिड़ाई है कि हर तरह का सामान नगरनिगम को बेच रहा है। भले ही कोई आश्चर्य करे कि एक ही जगह डस्टबिन, कम्प्यूटर, पौधे, मिट्टी व अन्य सामान कैसे मिल सकता है।

भाजपा कार्यकर्ता ने की कलेक्टर से शिकायत :

नगरनिगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता की सोशल मीडिया पर तो किरकिरी हो ही रही है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों सहित भोपाल तक इनकी शिकायतें हो रही हैं। भाजपा कार्यकर्ता राजेन्द्र शर्मा रज्जू ने कलेक्टर को भेजी एक शिकायत में कहा है कि नगरनिगम आयुक्त के जिस पद पर अमरसत्य गुप्ता बैठे हैं उस पद की वो पात्रता नहीं रखते। क्योंकि वह सी-क्लास सीएमओ हैं इसलिए वह आयुक्त तो दूर उपायुक्त बनने के पात्र नहीं है। शिकायत में कहा गया है कि इसी कारण वह नगरनिगम आयुक्त की कुर्सी पर बैठकर कमीशनखोरी कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के चलते सीवर प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री आवास, वीआईपी रोड, नवीन जीवाजी क्लब की बिल्डिंग जैसे कई निर्माण कार्य अधर में लटके हैं। साथ ही तमाम प्रकार की सामग्री सप्लाई के आदेश एक ही फर्म को देकर करोड़ों का घोटाला किया गया है। शिकायत में कलेक्टर से इन सभी मामलों की जांच कराए जाने की मांग की है। भाजपा कार्यकर्ता ने कहा है कि यदि प्रशासन इन्हें दंडित नहीं करता है तो शहर के आमजनों को न्याय दिलाने के लिए ऐसे अनुभवहीन अधिकारी के खिलाफ ननि पार्क में आंदोलन करने व भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार महोत्सव सप्ताह मनाने की अनुमति प्रदान करें।

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