भोपाल : पशुपालन एवं डेयरी विकास से प्रति वर्ष एक लाख रोजगार सृजित करें

भोपाल, मध्यप्रदेश : पुरानी अनुपयोगी योजनाओं को बंद किया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिए विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश।
पशुपालन एवं डेयरी विकास से प्रति वर्ष एक लाख रोजगार सृजित करें
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भोपाल, मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को समयबद्ध कार्य-योजना के अनुसार प्राप्त किया जाए। पशुपालन और डेयरी विभाग के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाया जाए। एक वर्ष में एक लाख लोगों को स्व-रोजगार से जोड़ने की कार्य-योजना तैयार कर उसे अमल में लाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में डेयरी व्यवसाय, पशुपालन विकास, उत्पादन में वृद्धि और विविधीकरण की गतिविधियों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह, एमडी मध्यप्रदेश दुग्ध संघ शमीम उद्दीन, अपर मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी जेएन कंसोटिया मौजूद थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि मुर्गा-मुर्गी, अंडे, बकरी और दूध का उत्पादन बढ़ाया जाए। इस कार्य में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाया जाए। स्व-रोजगार मूलक छोटी-छोटी योजनाएं बनायी जाए, जो गरीब परिवारों के लिए आय का जरिया बने और सफलता पूर्वक क्रियान्वित हो। अनेक वर्षों से संचालित हो रही योजनाओं की समीक्षा की जाए तथा अनुपयोगी योजनाओं को बंद किया जाए। इन योजनाओं के क्रियान्वयन की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट राज्य शासन के समक्ष प्रस्तुत की जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ाकर नस्ल सुधार और दूध उत्पादन वृद्धि के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गो-सेवकों को प्रशिक्षित कर और उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान कर अधिक दक्ष बनाया जाए। बैठक में बताया गया कि कृत्रिम गर्भाधान वर्तमान में 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक का लक्ष्य है। वर्ष 2020-21 में 1628 निजी कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है। इस कार्य में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

लापरवाह पशु चिकित्सकों तथा स्टाफ पर करें कार्रवाई :

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पशुओं को होने वाली बीमारियों का इलाज अभियान संचालित कर कराएं। पशु चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। विलंब से चिकित्सालय आने वाले, अनुपस्थित रहने वाले तथा लापरवाह पशु चिकित्सकों तथा स्टाफ के विरूद्ध कार्रवाई की जाए।

ये परियोजनाएं स्वीकृत :

बैठक बताया गया कि भोपाल में 12 करोड़ रुपए की प्रोडेक्ट डेयरी परियोजना, इंदौर में पांच करोड़ लागत की मक्खन भंडारण के लिए कोल्डस्टोरेज परियोजना और रीवा में तीन करोड़ 50 लाख रुपए लागत के 20 हजार लीटर क्षमता के दुग्ध संयंत्र स्थापना परियोजना को स्वीकृत किया गया है।

963 गौशालाओं का निर्माण पूरा :

वर्ष 2019-20 में 1004 गोशालाएं स्वीकृत की गयी, जिनमें से 963 गौशाओं का निर्माण पूरा हो गया है। वर्ष 2020-21 में 2365 गौशाला निर्माण का लक्ष्य है।

डेयरी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम होंगे शुरू :

बैठक में निर्णय लिया गया कि नाना जी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अंतर्गत डेयरी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे। प्रथम चरण में दो स्थानों पर यह पाठ्यक्रम प्रारंभ होगा। पशुपालन एवं डेयरी गतिविधियों के विस्तार के लिए कृषि विभाग अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों को ही पाठ्यक्रम एवं डेयरी विकास की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

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