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RTPCR के लिए अब जेएएच पर निर्भर नहीं रहेगा जिला अस्पताल, तीन करोड़ रूपए की लागत से खरीदे गए उपकरण

जिला अस्पताल मुरार में आरटीपीसीआर जांच की मशीन न होने के कारण यहां से सेम्पल जांच के लिए जीआर मेडिकल कॉलेज भेजे जाते थे, लेकिन अब ऐसा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

ग्वालियर। आरटीपीसीआर जांच के लिए अब जिला अस्पताल मुरार जयारोग्य अस्पताल पर निर्भर नहीं रहेगा। कोविड के संदिग्ध मरीजों की जांच अब जिला अस्पताल में हो सकेगी। शासन की ओर से जांच में उपयोग होने वाले 3 करोड़ रूपए के उपकरण अस्पताल में आ गए हैं। इससे वहां सेम्पलिंग के साथ-साथ टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। सोमवार को यहां 23 कोरोना संदिग्ध मरीजों के सेम्पल जांच के लिए लगाए हैं, इनकी जांच रिपोर्ट मंगलवार को आएगी।

जिला अस्पताल मुरार में आरटीपीसीआर जांच की मशीन न होने के कारण यहां से सेम्पल जांच के लिए जीआर मेडिकल कॉलेज भेजे जाते थे, लेकिन अब ऐसा करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। आरटीपीसीआर जांच में उपयोग होने वाले 3 करोड़ रूपये के उपकरण शासन ने जिला अस्पताल को उपलब्ध करा दिये हैं। इससे अब जिला अस्पताल में ही सेम्पलिंग और टेस्टिंग होगी। कोविड के सेम्पलों को अस्पताल से बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ.आलोक पुरोहित ने बताया कि जिला अस्पताल में सोमवार से आरटीपीसीआर की टेस्टिंग आरंभ हो गई है। सोमवार को कोविड संदिग्ध 23 मरीजों के सेम्पल टेस्टिंग के लिए लगाए गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट 24 घंटे बाद यानि मंगलवार की सुबह आएगी।

प्राईवेट पैथलॉजी की जांच में 5 मिले कोरोना संक्रमित

प्राईवेट पैथलॉजी की जांच रिपोर्ट में 5 मरीजों को कोरोना होने की पुष्टि हुई है। वहीं राहत भरी खबर यह है कि संक्रमित मिले मरीजों से अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या वर्तमान में 43 है। सोमवार को संक्रमित मिले मरीजों में विंडसर हिल्स ग्वालियर 58 वर्षीय महिला, लाला का बाजार निवासी 6 वर्षीय युवती, थाटीपुर निवासी 70 वर्षीय वृद्ध महिला, मुरार निवासी 26 वर्षीय युवक और कृष्णापुरी ग्वालियर निवासी 58 वर्षीय महिला शामिल है।

जल्द स्थापित होगी डिजिटल रेडियोग्राफी मशीन

जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ.आलोक पुरोहित ने बताया कि 10 से 15 दिन बाद अस्पताल में आने वाले मरीजों का साधारण मशीन की जगह अब मरीजों का डिजीटल एक्स-रे मशीन से एक्सरा किया जाएगा। शासन की ओर से एक्स-रे मशीन जिला अस्पताल को उपलब्ध कराई गई है। इंजीनियर के आने के बाद मशीन को स्थापित कर मरीजों के एक्से-रे होने शुरू हो गए हैं। शासन की ओर से जिला अस्पताल बनने के बाद साधारण एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराई गई थी। ताकि मरीजों को एक्स-रे के लिए कहीं भटकना नहीं पड़े। तभी से अभी तक अस्पताल में मरीजों के साधारण मशीन द्वारा ही एक्स-रे मशीन द्वारा एक्स-रे किए जाते थे। जिसमें जांच रिपोर्ट साफ नहीं होने की आदि समस्याएं आती रहती थी। इन्हीं समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य महकमें ने शासन को पत्र लिखकर एक्स-रे के लिए डिजीटल मशीन की मांग की थी। अब स्वास्थ्य महकमें के प्रयासों के बाद शासन ने जिला अस्पताल को डिजीटल एक्स-रे मशीन उपलब्ध करा दी है।

इनका कहना है

आरटीपीसीआर जांच के लिए अब जिला अस्पताल को जीआरएमसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अभी तक हम सेम्पलिंग का काम कर रहे थे, लेकिन अब टेस्टिंग भी करेंगे। टेस्टिंग के लिए शासन द्वारा 3 करोड़ रूपए के उपकरण उपलब्ध कराये गए हैं।

डॉ.राजेश शर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल मुरार

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