सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स की हड़ताल
सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स की हड़तालRE-Gwalior

संभाग आयुक्त और एडीजी ने निजी अस्पताल संचालकों से की चर्चा, मानवीय आधार पर इलाज के लिए आगे आये निजी अस्पताल

DOCTOR STRIKES : संभाग आयुक्त श्री सिंह ने जानकारी दी कि निजी अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर मरीजों के इलाज का खर्च आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों की तरह राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स की हड़ताल की मद्देनजर प्रशासन द्वारा की गई पहल पर मानवीय आधार पर मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए ग्वालियर शहर के सभी बड़े निजी अस्पताल आगे आए हैं। इस सिलसिले में संभाग आयुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार की देर रात निजी अस्पतालों के संचालकों व चिकित्सकों की अहम बैठक आयोजित हुई।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी. श्रीनिवास वर्मा एवं कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की मौजूदगी में आयोजित हुई बैठक में नर्सिंग होम व निजी अस्पतालों के संचालकों की सहमति से तय किया गया कि जेएएच समूह और जिला चिकित्सालय सहित अन्य सरकारी अस्पतालों के मरीज किस किस निजी अस्पताल में रेफर किये जायेंगे और अस्पताल वार बेड रिजर्व रहेंगे। संभाग आयुक्त श्री सिंह ने बैठक में जानकारी दी कि निजी अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर होकर जाने वाले मरीजों के इलाज का खर्च आयुष्मान कार्ड धारक मरीजों की तरह राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा।

बैठक में तय किया गया कि जेएएच समूह के मरीज सिम्स हॉस्पिटल, अपोलो हिस्पिटल, लिंक हॉस्पिटल, परिवार हॉस्पिटल व आरोग्य धाम हॉस्पिटल में रिफर किए जाएँगे। इसी तरह जिला चिकित्सालय मुरार के मरीज बिरला हॉस्पिटल व कल्याण हॉस्पिटल में रेफर किये जायेंगे। रेफर होने वाले मरीजों के लिए लिए इन निजी अस्पतालों में बेड की संख्या भी अस्पताल संचालकों की सहमति से बैठक में तय कर दी गई है।

ट्रामा व गंभीर प्रकृति के मरीज सीधे ही चिन्हित निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जा सकेंगे। उन्हें भर्ती कराने में मदद करने के लिए जेएएच व जिला चिकित्सालय के कर्मचारी और जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी निजी अस्पतालों में मौजूद रहेंगे। रेफर मरीजों को जल्द से जल्द निजी अस्पतालों में पहुंचाने के लिए जेएएच और जिला चिकित्सालय में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रहेगी। संभाग आयुक्त श्री सिंह ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र के निजी अस्पतालों से समन्वय बनाकर मरोजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

निर्णय के अनुसार जेएएच से गायनिक, पीडियाट्रिक, ह्रदयरोग, इमरजेंसी सर्जरी व ट्रामा के गंभीर मरीज सिम्स हॉस्पिटल, परिवार हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाएंगे। इसी तरह लिंक हॉस्पिटल में गायनिक, पीडिया एवं सभी प्रकार के ट्रामा सीरियस मरीज रेफर होंगे। अपोलो हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक, कार्डियोलॉजी, गायनिक, पीडिया व ट्रामा पेशेंट तथा आईटीएम हॉस्पिटल में भी ऑर्थोपेडिक, कार्डियोलॉजी, गायनिक, पीडिया एवं ट्रामा गंभीर मरीजों को भर्ती करने का इंतजाम किया गया है । इसी प्रकार जिला चिकित्सालय मुरार से सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, गायनिक, पीडिया और सभी प्रकार कर ट्रामा मरीज भर्ती कराए जाएंगे।

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय निगम, अपोलो हॉस्पिटल सर डॉ पुरेन्द्र भसीन, सिम्स से डॉ नीरज शर्मा, लिंक से डॉ प्रशांत लहारिया, डॉ सिंह बिरला हॉस्पिटल, परिवार हॉस्पिटल से डॉ दीपक यादव तथा डॉ राहुल सप्रा सहित अन्य निजी हॉस्पिटल के चिकित्सक गण एवं सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा व सिविल सर्जन डॉ आर के शर्मा और शहर के सभी एसडीएम मौजूद थे।

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