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कलेक्टर के प्रायस से एयर एम्बुलेंस से बच्चा पहुंचा मिलेट्री हॉस्पिटल - सैनिक परिवार के बालक के दिल में है छेद

INDORE NEWS: दिल्ली के मिलेट्री अस्पताल में बच्चे का ऑपरेशन होना है, इसके लिए एयर एम्बुलेंस की जरूरत थी, लेकिन सैनिक परिवार के पास इतना रुपया नहीं था।
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इंदौर। रेड क्रॉस डे (8 मई) के ठीक एक दिन पहले जिला प्रशासन ने एक बार फिर मानवता निभाते हुए देश की सेवा में लगे एक सैनिक के परिवार की मदद की है। सैनिक के बेटे के दिल में छेद ( एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट) के कारण लंग्स में संक्रमण फैल रहा था। ऐसे में बच्चे का ऑपरेशन जरूरी था और इस चार माह के बच्चे को दिल्ली के मिलेट्री अस्पताल में तुरंत भेजना जरूरी था। इसके लिए एयर एम्बुलेंस की जरूरत थी, लेकिन सैनिक परिवार के पास इतना रुपया नहीं था।

इसकी जानकारी जैसे ही कलेक्टर इलैया राजा टी और अन्य अधिकारियों को लगी, तो उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाते हुए महू निवासी सैनिक परिवार की मदद की।  रविवार को चोइथराम में भर्ती बच्चे को ग्रीन कारिडोर बनाकर एयरपोर्ट तक भेजा और उसके बाद वहां से एयर एंबुलेंस के माध्मय से दिल्ली भेजा। बच्चा दिल्ली के आरआर अस्पताल भर्ती होकर इलाज शुरू हो गया है. पूरी जमा पूंजी इलाज में लगा दी।

इलाज में अभी तक लाखों रुपये खर्च

महू में पदस्थ दिनेश के चार माह के बच्चे गोरिश जोगचंद्रा के दिल में छेद है। जिसके कारण लंग्स संक्रमण फैल रहा था। इलाज के लिए वह जन्म के बाद से ही अस्पताल में भर्ती है। पिता ने अपना फर्ज निभाते हुए जितनी जमा पूंजी थी, वह अपने बच्चे के इलाज में लगा दी, लेकिन जब पैसा खत्म हुआ तो मदद की गुहार लगाई। पिता की मदद के लिए कलेक्टर इलैया राजा टी और कई समाजसेवी खड़े हो गए। बच्चा कई दिनों से यहां भर्ती है। उसकी देखभाल के लिए डाक्टर, प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी निस्वार्थ भाव से पूरे समय लगे रहे। मां रचना पिछले चार माह से अस्पताल में रहकर बच्चे की देखभाल कर रही हैं।

बच्चे का इंदौर, देवास दोनों जगह इलाज करवाया। लेकिन कोई खास आराम नहीं पड़ा। सैेनिक के बेटे के इलाज के लिए पैसे कम पड़े तो, समाजसेवियों ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए। गुरिश के इलाज में अभी तक लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। पिता ने बताया कि 25 अप्रैल को मेरे पास इलाज के लिए पैसे नहीं बचे थे। इसके बाद कुछ लोगों के माध्यम से समाजसेवियों से मिला। इसके बाद आगे के इलाज में मदद मिल पाई है। 

कई दिनों से अस्पताल में भर्ती है। यहां का बिल 2.32 लाख रुपये था, लेकिन मेरे पास 1.38 लाख रुपये ही थे। इसके बाद सीएम फंड से 90 हजार, अदभूत कम्यूनिटी से 70 हजार, समाधान संस्था से 9.5 हजार और डा. रुचि ने पांच हजार रुपये की मदद की। वहीं तीन दिन की दवाइयों का खर्च डा. रमेश डोशी ने उठाया। बच्चे के इलाज में डा. नोर्मन ने भी काफी मदद की। प्रशासन ने जो मेरी मदद की है।  परिवार के सदस्यों ने बताया कि कलेक्टर और प्रशासन ने हमारी काफी मदद की है। उनकी वजह से ही हमारा बच्चा दिल्ली इलाज के लिए जा पा रहा है। एयर एंबुलेंस से उसे भेजने का खर्च भी वहीं उठा रहे हैं। हमारे बच्चे को नया जीवन देने का प्रयास करने के लिए हम जिला प्रशासन को धन्यवाद कहते हैं। हमारा बच्चे को बेहतर इलाज मिल जाए और वह जल्दी से स्वस्थ हो जाए।

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