हाइलाइट्स :
बैंक ऑफ महाराष्ट्र से लिया गया था 15.67 करोड़ का कर्ज।
PMLA , 2000 के प्रावधानों के तहत लिया गया एक्शन।
ऋण का गलत उपयोग कर पैसे किये गए थे ट्रांसफर।
Property Of M/s Nav Bharat Press Bhopal Private Limited Attached By ED : मध्यप्रदेश। प्रवर्तन निदेशालय (ED), भोपाल ने मेसर्स नव भारत प्रेस भोपाल प्राइवेट लिमिटेड की 2.36 करोड़ की 10 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। ये अचल संपत्ति मध्यप्रदेश के सतना और सीहोर में थी। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत मेसर्स नव भारत प्रेस प्राइवेट लिमिटेड की संपत्तियों को कुर्क किया है।
ईडी ने सीबीआई, एसपीई, बीएस और एफसी, नई दिल्ली द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर जांच शुरू की थी। मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। ईडी की जांच में पता चला कि, साल 2004 में मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक के माध्यम से सुमित माहेश्वरी और अन्य ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र गौतम नगर ब्रांच, भोपाल से विभिन्न ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था।
ऋण राशि मशीनरी की खरीद के लिए स्वीकृत की गई थी लेकिन व्यय को एंबी समूह की कंपनियों के विभिन्न कर्मचारियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। एंबी समूह की कंपनियों को संदीप माहेश्वरी कंट्रोल करते थे। संदीप माहेश्वरी, सुमित माहेश्वरी के भाई हैं। जांच के दौरान यह पाया गया कि, माहेश्वरी परिवार (मैसर्स नव भारत प्रेस मालिक) ने विभिन्न कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत निपटान के उद्देश्य से ऋण राशि का उपयोग किया। इस प्रकार, वितरित ऋण का गलत उपयोग किया गया। इस तरह 15.67 करोड़ रुपए का ऋण खाता नॉन परफॉर्मिंग एसेट हो गया। ईडी द्वारा आगे की जांच जारी है।
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