मध्यप्रदेश में तैयार हो रही है शिवराज' की शंकर सेना'
मध्यप्रदेश में तैयार हो रही है शिवराज' की शंकर सेना'Syed Dabeer Hussain - RE

Exclusive: मध्यप्रदेश में तैयार हो रही है 'शिवराज' की 'शंकर सेना', भविष्य में करेगी कमाल

Shivraj Shankar Sena: इस सेना की खूबी यह है कि इसमें सभी सैनिक युवा है। सेना का नाम "शंकर सेना" है और यह नाम स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया है।

हाईलाइट्स

  • शंकर सेना की खूबी यह है कि, इसमें सभी सैनिक युवा है।

  • यह सेना युवाओं को आध्यात्मिक और बौद्धिक रूप से करेगी तैयार।

  • सेना को तैयार करने में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास की महत्वपूर्ण भूमिका।

Shivraj's 'Shankar Sena' is Getting Ready in Madhya Pradesh: भोपाल। आप यह जानकर चौंक सकते हैं कि, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अपनी अलग सेना तैयार हो रही है। इस सेना की खूबी यह है कि, इसमें सभी सैनिक युवा है। इस सेना का नाम "शंकर सेना" है और यह नाम स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया है। शंकर सेना कोई युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं की जा रही है, बल्कि यह सेना आध्यात्मिक, बौद्धिक युद्ध लडऩे के लिए तैयार हो रही है। इस सेना का काम नई पीढ़ी को आध्यात्मिक और बौद्धिक रूप से तैयार करना है। इस सेना को तैयार करने में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

दरअसल, मप्र में स्थापित आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के अंतर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संचालित की जा रही है। इन गतिविधियों में से ही एक गतिविधि चयनित युवाओं को देशभर में मौजूद आत्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास की जानकारी देकर उन्हें बौद्धिक तौर पर मजबूत बनाना है। इसके लिए साल भर में एक बार देश भर के चयनित 50 युवाओं को देश के किसी भी भाग में ले जाकर उन्हें वहां की धार्मिक, प्राचीन जगहों से परिचय कराया जाता है।

ऐसे तैयार होती है शंकर सेना :

10 दिवसीय आवासीय शिविर में कुल 50 प्रतिभागी सम्मिलित होते है। ऑनलाइन पंजीयन के माध्यम से चयनित सभी प्रतिभागी आश्रम के सात्त्विक वातावरण में रहते हुए वैदिक दिनचर्या का पालन करते है तथा आचार्यों के सानिध्य में अद्वैत वेदांत का प्रारंभिक परिचय प्राप्त करते है। शिविर में योग, ध्यान, तीर्थाटन, भजन, कीर्तन भी सम्मिलित है। आचार्य शंकर के जीवन, योगदान तथा उनके अद्वैत वेदान्त दर्शन से युवाओं को परिचित कराने के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है, जिससे युवाओं के जीवन व दृष्टिकोण में भी एकात्म भाव आए तथा वह इस विचार को विश्व के जन-जन तक पहुंचा सकें।

आधुनिक विश्व में व्याप्त समस्याएं, भेदभाव, आर्थिक-सामाजिक व पर्यावरण संबंधी विषमताओं के दौर में संपूर्ण विश्व को भेद से अभेद की राह दिखाने के लिए अद्वैत अथवा एकात्मता के दर्शन का लोक व्यापीकरण आवश्यक है। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा साल में एक बार अद्वैत जागरण युवा शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर के बाद यह युवा 'अद्वैत यूथ क्लब ' के सदस्य बन जाते हैं और समाज में वेदांत के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करते हैं।

सोशल मीडिया पर रहेंगे एक्टिव

शंकर सेना में शामिल युवा सोशल मीडिया पर एक्टिव रहेंगे, यह युवा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लैटफ़ॉर्म का सदुपयोग करते हुए भारत की आध्यात्मिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर पोस्ट लिखेंगे, जिससे की इनसे जुड़े अन्य युवा इन विषयों पर अपनी समझ बढ़ा सकें।

शंकर सेना नाम के पीछे की कहानी

हाल ही में युवा अद्वैत यूथ क्लब का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए थे। उस समय गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री ने अचानक ही कहा कि, यह मेरी शंकर सेना तैयार हो रही है। बस यहीं से युवा अद्वैत यूथ क्लब का नाम शंकर सेना हो गया ।

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