गेहूं की खरीदी
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किसानों की फज़ीहत : सोसाइटियों में छाया है ना पीने का पानी, कराया जा रहा है दो-दो दिन इंतजार

इंदौर जिले में भी 96 खरीदी केंद्र व सोसाइटियों पर गेहूं खरीदी की जा रही है, लेकिन अभी भी किसानों की परेशानी दूर नहीं हुई है।

इंदौर। मंडियों में गेहूं का भाव कम मिलने पर आक्रोशित किसानों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने पूरे मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीदी चालू कर दी है । इंदौर जिले में भी 96 गेहूं खरीदी केंद्र व सोसाइटियों पर गेहूं की खरीदी हो रही है, लेकिन कलर विहीन और कमजोर क्वालिटी के गेहूं को खरीदने से इनकार किया जा रहा है, जिससे किसानों में भारी आक्रोश है। यदि सरकार ने और मुख्यमंत्री ने रंग विहीन गेहूं की खरीदी चालू करने के अपने वादे को नहीं निभाया तो आक्रोशित किसान आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

उक्त जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि गत दिनों मंडियों में कम भाव पर गेहूं बेचने के बाद किसानों के हंगामे से सरकार कुछ हरकत में आई है और सरकारी रूप से गेहूं की खरीदी चालू कर दी गई है। इंदौर जिले में भी 96 खरीदी केंद्र व सोसाइटियों पर गेहूं खरीदी  की जा रही है, लेकिन अभी भी किसानों की परेशानी दूर नहीं हुई है।

लौटाया जा रहा किसानों को

पिछले दिनों लगातार हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल बर्बाद हुई थी और अधिकांश गेहूं कलर विहीन हो गया था। किसानों को उम्मीद थी कि सरकारी खरीद में उनका यह गेहूं खरीदा जाएगा, क्योंकि मुख्यमंत्री ने ओलावृष्टि के बाद घोषणा की थी कि किसी भी किसान का रंग विहिन गेहूं वापस नहीं किया जाएगा ,बल्कि उसे खरीदा जाएगा। अब सोसाइटियों में रंग विहीन गेहूं लेकर आ रहे किसान को लौटाया जा रहा है । कुछ किसानों को तो मंडी में गेहूं 2 दिन सुखाने के बाद भी उनकी खरीदी किए बगैर उन्हें अपने ऊपज वापस ले जाने को मजबूर किया जा रहा है।

हजारों रुपए लेने के बाद भी सुविधा नहीं

पदाधिकारियों ने बताया सोसाइटी प्रबंधकों ने हजारों रुपया  इसलिए आहरित कर लिया है कि किसानों की सुविधा के लिए खरीदी केंद्रों पर छाया व पानी जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन कहीं भी इस तरह की सुविधाएं नहीं है। खरीदी केंद्रों पर ना पानी की व्यवस्था ना बैठने की व्यवस्था  कागजों पर व्यवस्था रहती है। 

किसान ने बताई आपबीती

गौतमपुरा सोसाइटी का सामने आया। किसान दिलीप बीसी ने बताया कि हमने ऑनलाइन 28 तारीख का स्लाट बुक किया था और गौतमपुरा सोसाइटी में गेहूं लेकर आए। समिति प्रबंधक शिवनारायण  बैरागी द्वारा गेहूं देखकर 2 दिन सुखाने का कहा। उन्होंने कहा कि मंडी में गेहूं सुखा लो हम खरीद लेंगे। 2 दिन गेहूं सुखाने के बाद क्वालिटी खराब बताकर तुलाई से इंकार कर दिया। किसान का कहना हंै कि गेहूं बारिश में होने से क्वालिटी प्रभावित हुई है । खरीदी केंद्र पर बैठने की और पानी पीने की व्यवस्था नहीं है हम अपने घर से त्रिपाल लेकर आए हैं । साथ ही पानी अपने पैसे से लाकर पी रहे हैं। 3 दिन से मंडी में ही है रोजाना घर आ रहे हैं और जा रहे हैं।

किसान संगठन करेगा आंदोलन

किसान नेताओं ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे अपने वादे के अनुसार खरीदी केंद्रों पर चमक विहीन और क्वालिटी विहीन गेहूं की खरीदी भी सरकारी मूल्य पर करने के आदेश का पालन कराएं । यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो संयुक्त किसान मोर्चा अन्य किसान संगठनों को साथ लेकर आंदोलन करेगा। 

गेहूं नहीं खरीदने पर जोरदार हंगामा

सरकारी अधिकारियों के द्वारा शिप्रा स्थित सायलों में किसानों का गेहूं नहीं खरीदे जाने के कारण सैकड़ों किसान परेशान होने लगे । ऐसी स्थिति में मौके पर पहुंचकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की इंदौर संभाग की प्रवक्ता रीना बौरासी सेतिया ने मोर्चा संभाला, फिर जाकर किसानों की गेहूं की खरीदी शुरू हो सकी। रीना ने बताया दौरे के दौरान किसानों का फोन आया,  जिसमें बताया गया कि शिप्रा स्थित सायलों में सरकारी गेहूं खरीदी केंद्र पर उनका गेहूं नहीं खरीदा जा रहा है । अधिकारियों से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि किसानों का गेहूं नमी वाला है । इसके साथ ही गीला हो जाने के कारण उसका रंग भी बदल गया है । ऐसे में रीना ने कहा कि प्रकृति के द्वारा जो बेमौसम बारिश की गई है, उसके कारण किसानों के गेहूं में नमी हो गई है । गीला हो जाने के कारण गेहूं का रंग भी थोड़ा सा परिवर्तित सा है । हंगामे के बाद जाकर अधिकारियों के द्वारा गेहूं की खरीदी शुरू की गई ।

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