ग्वालियर : वक्त से पहले मेला खत्म होने के डर से व्यापारियों में हड़कंप

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : सीएम की वीसी के बाद एक दूसरे पर आरोप लगा रहीं मेला दुकानदार समिति। आपदा प्रबंधन की बैठक पर टिका मेला का भविष्य।
वक्त से पहले मेला खत्म होने के डर से व्यापारियों में हड़कंप
वक्त से पहले मेला खत्म होने के डर से व्यापारियों में हड़कंपRaj Express

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव से मेला व्यापारियों में हड़कंप मचा दिया है। हरिद्वार चाट भंडार एवं अन्य बड़े कारोबारियों द्वारा अपना सामान समेटने से मेला के छोटे दुकानदार पहले ही चिंतित थे। इस बीच सीएम शिवराज की मेला समापन को लेकर कमिश्नर, कलेक्टर से हुई चर्चा ने मेला व्यापारियों की नींद उड़ा दी है। इसे लेकर शुक्रवार को मेला परिसर में आयोजित हुई बैठक में व्यापारियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। मेला का भविष्य अब आपदा प्रबंधन की बैठक पर टिका है।

यहां बता दें कि सीएम शिवराज ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना व कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से मेला समय से पहले खत्म करने को लेकर सुझाव मांगा है। यह खबर फैलते ही मेला कारोबारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उन्हें अब यह चिंता सता रही है कि यदि मेला वक्त से पहले खत्म हो गया तो कर्ज लेकर उन्होंने जो मेला कारोबार मेें पैसा लगाया है, उसे कैसे चुकाएंगे। इसे लेकर मेला दुकानदार कल्याण समिति के बलवीर खटीक ने मांग की थी कि यदि मेला समय से पहले खत्म किया जाता है तो दुकानदारों को पैसा वापस किया जाए और यदि ऐसा नहीं किया जाता तो अगले वर्ष के किराए में समायोजित किया जाए। इसे लेकर शुक्रवार को मेला व्यापारी संघ द्वारा मेला परिसर में आयोजित बैठक में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई और बलवीर पर आरोप लगाते हुए एक व्यापारी ने कहा कि किराया वापस करने से क्या होगा। बड़े व्यापारियों का ट्रांसपोर्टेशन में जो लाखों खर्च किया है, उसकी भरपाई कैसे होगी। यह भी कहा कि बलवीर यदि व्यापारियों के हितैषी थे तो बैठक में क्यों नहीं आए। इस मौके पर मेला सचिव निरंजन श्रीवास्तव ने कहा कि अफवाहों से सावधान रहें और कोविड नियमों का पालन करते हुए मेला संचालन में सहयोग करें। बैठक में व्यापारी संघ के महेंद्र भदकारिया, महेश मुद्गल, अनिल पुनियानी, उमेश उप्पल, महेंद्र सैंगर, कल्ली पंडित, सुरेश गौड आदि सहित आधा सैकड़ा व्यापारी मौजूद रहे।

इनका कहना है :

मेरी बात को गलत लिया गया। मैं खुद दुकानदार हूं। दस नम्बर छत्री पर मेरी दुकान हैं। कोई दुकानदार नहीं चाहता कि मेला समय से पहले समाप्त हो, लेकिन मेरा स्पष्ट कहना है कि कोविड की वजह से मेला को यदि समय से पहले समाप्त करना पड़ता है तो मेला दुकानदारों को किराया वापस किया जाना चाहिए और यदि ऐसा संभव नहीं हैं तो किराए को अगले मेले में समायोजित करना चाहिए।

बलवीर खटीक, मेला दुकानदार कल्याण समिति

राष्ट्रीय आपदा में हम शासन प्रशासन के साथ हैं, लेकिन मेला को समाप्त करना बिल्कुल दुकानदारों के हित में नहीं हैं। कोविड नियमों के पालन करते हुए मेला का संचालन जरूरी है, क्योंकि मेला में एक एक दुकानदार का लाखों रुपया लगा है जो उन्होंने कर्ज लेकर लगाया है। सिर्फ किराया वापसी से मेला दुकानदारों के नुकसान की भरपाई नहीं होगी।

महेन्द्र भदकारिया, अध्यक्ष मेला दुकानदार संघ

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