महिलाओं ने पीपल की परिक्रमा कर मैया से सुख-समृद्धि की कामना की।
महिलाओं ने पीपल की परिक्रमा कर मैया से सुख-समृद्धि की कामना की।Raj Express

परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महिलाओं ने रखा दशामाता का व्रत, विधि-विधान से की पूजा

व्रतधारी महिलाओं ने स्नान ध्यान के बाद पीपल के वृक्ष की हल्दी, कुंकुम, चने की दाल, दही, नारियल आदि से पूजन किया। इसे निमाड़ में संपदा माता व्रत भी कहा जाता है।

विकास पवार, बड़वाह। शहर में शुक्रवार सुबह दशामाता का पूजन हुआ। इस अवसर पर महिलाओं ने दशा माता का व्रत रखकर पूजा-पाठ की। महिलाओं ने परिवार की दशा सुधारने और परिवार में सुख-समृद्धि के लिए पीपल के वृक्ष की परिक्रमा लगाई और सुहाग की सुरक्षा के लिए कच्चे सूत को वृक्ष पर लपेटकर बांधा। साथ ही महिलाओं ने एकत्र होकर कथा भी सुनी। शहर के तिलक मार्ग स्थित माता चौक, सत्ती घाटा, तिलभांडेश्वर मार्ग स्थित शिव मंदिर के पास, पुखराज कालोनी, कवर कालोनी, बस स्टैंड मार्ग, आदर्श नगर कालोनी, तिलक मार्ग, नागेश्वर मार्ग, दशहरा मैदान, हाऊसिंग बोर्ड कालोनी, तारा नगर सहित अन्य कालोनी और मोहल्लों में महिलाओं ने दशा माता का विधि-विधान से पूजन किया।

10 तार के धागे की माला का ये है महत्व

महिलाओं ने घर की बिगड़ी दशा सुधारने एवं घर में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और वैभव से परिपूर्ण रहने की कामना के साथ दशामाता का व्रत रखा। इसे निमाड़ में संपदा माता व्रत भी कहा जाता है। इस दिन व्रतधारी महिलाओं ने स्नान ध्यान के बाद पीपल के वृक्ष की हल्दी, कुंकुम, चने की दाल, दही, नारियल आदि से पूजन किया। इसके बाद पीपल के पेड़ की 10 परिक्रमा कर सूत का लपेटकर लक्ष्मी मैया से सुख-समृद्धि की कामना की। पूजन करने आई महिलाओं ने बताया की पूजन के बाद सभी महिलाएं सूत के धागे की 10 तार की माला बनाएगी। जिसमें 10 गठानें बांधकर उसे 10 दिनों तक अपने गले मे पहनेंगी। इसके पीछे यह मान्यता है कि इससे लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं एवं सदा घर में निवास करती हैं। पूजन के पश्चात महिलाओं ने व्रत कथा का श्रवण भी किया। इस दौरान महिलाओं ने बताया कि इस पूजन के दौरान हल्दी के पांच छापे पीपल के पेड़ को लगाने के बाद पांच छापे घर के मुख्य द्वार पर लगाए जाते हैं। वहीं घर जाकर झाड़ू की पूजा की जाती है। उल्लेखनीय है कि आदर्श नगर कालोनी स्थित श्री त्रिवेणेशवर महादेव मंदिर परिसर में कालोनी की महिलाओं सामूहिक रूप से पूजन किया।

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