कार्यशाला का उद्घाटन करते मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा
कार्यशाला का उद्घाटन करते मंत्री ओमप्रकाश सकलेचाRavi Verma

शासन का लक्ष्य है 2022 तक प्रारंभ किए जाएं सभी औद्योगिक क्लस्टर : ओमप्रकाश सकलेचा

इंदौर, मध्यप्रदेश : औद्योगिक विकास के लिए क्लस्टर डेवलपमेंट पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित। प्रदेश में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए बनाएगें अनुकूल वातावरण।

इंदौर, मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश शासन के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा इंदौर में स्थानीय क्लस्टर विकासकर्ताओं एवं उद्योगपतियों के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने किया। इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, एमएमएमई विभाग के सचिव एवं उद्योग आयुक्त पी नरहरि, प्रबंध संचालक ऊर्जा विकास निगम विवेक पोरवाल सहित जनप्रतिनिधिगण तथा विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मंत्री श्री सकलेचा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में एक नया परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उद्योगपितयों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश में क्लस्टर विकास के माध्यम से उत्पादन की लागत कम किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके तहत ऊर्जा, परिवहन, इन्वेंटरी, भूमि आदि की लागत में कमी लाने के साथ-साथ निपुणता लाने के लिये शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

रिसायक्लिंग और कनेक्टिविटी को बढावा देना जरूरी :

मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि उत्पादन की लागत को कम करने के लिये रीसाइक्लिंग अत्यंत महत्वपूर्ण है। रीसाइक्लिंग के माध्यम से हम वेस्ट को औद्योगिक इकाइयों द्वारा रीसायकल कर के उत्पादन में उपयोग कर सकते है। उन्होंने कहा कि हमें देश को सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंट्री बनाना है जिसके लिए हमें ऐसी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना करनी है जिससे हमारा आयात घटे और निर्यात बढ़े। मंत्री श्री सकलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारी कनेक्टिविटी है। हमारी स्ट्रैटेजिक लोकेशन हमें देश का प्रोडक्शन एवं लॉजिस्टिक हब बनने की क्षमता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य है कि 2022 तक सभी औद्योगिक क्लस्टर प्रारंभ कर दिये जायें। कार्यशाला में हम नयी सोच, सुझाव एवं संकल्पों के साथ उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने की दिशा में चर्चा करेंगे और मध्य प्रदेश को औद्योगिक क्षेत्र में नई ऊंचाइयां दिलाने का संकल्प लेंगे।

उद्योगों के लिए इज ऑफ डूइंग बिजनेस :

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मध्यप्रदेश ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जिस तरह का वातावरण उपलब्ध कराया है उससे हमें एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिए इज ऑफ डूइंग बिजनेस बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कनेक्टिविटी अ'छी होने के कारण निवेश की संभावनाएं भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इंदौर में 150 एकड़ की भूमि में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। जिससे इंदौर के औद्योगिक विकास को एक नई गति प्राप्त हो सकेगी। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव एवं उद्योग आयुक्त पी. नरहरि ने कहा कि इस एक दिवसीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है कि एमएसएमई से संबंधित गतिविधियों के बारे में उद्योगपतियों से चर्चा की जा सके। आने वाले समय में मध्यप्रदेश शासन की मंशा के अनुरूप इस विभाग की गतिविधियों को आगे बढ़ाया जाएगा और प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को अधिक बेहतर बनाया जायेगा।

वैश्विक स्तर की तैयारियों की आवश्कता :

प्रबंध संचालक ऊर्जा विकास निगम विवेक पोरवाल ने कहा कि प्रदेश में क्लस्टर डेवलपमेंट में एक नई तेजी देखने को मिली है। शासन द्वारा प्रदान किए जा रहे पॉलिसी फ्रेमवर्क के तहत अब उद्यमी उन्नत कौशल और दक्षताओं के साथ गुणवत्तापूर्ण विकास का अनुभव कर रहे है। उन्होंने कहा कि उद्योगों की अधोसंरचना विकास में एक पैराडाइम शिफ्ट देखने को मिला है। उन्होनें अपने प्रेजेंटेशन में चाईना का उदहारण देते हुए उद्योगों के लिए ब्याज दर, विद्युत दर और रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की बात कही। उन्होनें बताया कि इंदौर से जेएनपीटी मुंबई तक ग्रीन कॉरिडोर रेलवे लाइन का भी प्रस्ताव बना था जिसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया गया।है। श्री पोरवाल ने कलस्टर और नई उद्योग नीति पर चर्चा करते हुए किए गए बदलावों की जानकारी भी दी। उन्होनें कलस्टर विकास के लिए सरकार के बजाए एसपीवी द्वारा किए जाने और उस संबध में शासन के लंबित निर्णयों पर भी जल्दी ही निर्णय होने की बात कही।

प्रस्तावित कलस्टरों की प्रस्तुति :

कार्यशाला के दौरान विभिन्न उद्यमियों द्वारा क्लस्टर निर्माण के संबंध में जानकारी दी गयी इस दौरान। फर्निचर कलस्टर, टॉय कलस्टर के साथ ही प्लास्टिक के लिए इंंडियन प्लास्ट पैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने प्रेजेंटेशन दिया। उन्होनें कलस्टर की आवश्कता के साथ उसकी स्थापना की आवश्कता भी बताई। प्लास्टिक कलस्टर से निवेश और निर्यात के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढेगें वही शासन को राजस्व भी बढेगा। श्री बंसल ने बताया कि प्लास्टिक उद्योगों के लिए वर्तमान में प्लास्टिक कलस्टर में स्थापित होने के लिए 150 से अधिक इकाईयों ने रूचि प्रदर्शित की है। आयोजन में स्टोन क्लस्टर एवं क्लीन एनर्जी के संबंध में भी पीपीटी के माध्यम से प्रेजेनटेशन भी दिया गया।

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