प्यारे मियां के विरुद्ध आवाज उठाने वाली बेटियों की सहायता करेगी सरकार

भोपाल, मध्य प्रदेश : राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मीडिया से कहा मध्यप्रदेश में तैयार की जाएगी काउंसिल डेस्क।
प्यारे मियां के विरुद्ध आवाज उठाने वाली बेटियों की सहायता करेगी सरकार
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भोपाल, मध्य प्रदेश। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि शातिर अपराधी प्यारे मियां के यौन शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने वाली बहादुर बेटियों की मुआवजा स्वरूप सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन बेटियों से वह स्वयं मिले और विस्तार से चर्चा की। कानूनगो शनिवार की शाम लालघाटी स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्यारे मियां नाम के अपराधी द्वारा इन बच्चियों के साथ जो कृत्य किया गया है। इस मामले में बच्चियों को न्याय दिलवाया जाएगा। इसके लिए लगातार आयोग इन बेटियों से संवाद बना रहा है। इंदौर में भी उक्त आरोपी से पीड़ित बच्चियों से मुलाकात की गई है। उन्होंने कहा है कि इन बेटियों को मुआवजा के स्वरूप अभी 5000 की राशि प्रदान की जाएगी। इनके शिक्षण कार्य की जवाबदारी भी सरकार उठाएगी। इन बेटियों ने इंग्लिश और साइंस पढ़ने की इच्छा जाहिर की है। इसके लिए इन विषयों के एडिशनल टीचर की व्यवस्था की जा रही है। इनके लिए काउंसलर की भी अलग से स्थाई व्यवस्था होगी। यह देश की सबसे बहादुर बेटियां हैं। कानूनगो ने कहा कि इन बेटियों ने वीरता पूर्ण कार्य करके शोषण के विरुद्ध आवाज उठाई है। इनकी हिम्मत बढ़ाना हम सब की जवाबदारी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में काउंसिल डेस्क तैयार की जाएगी। जहां शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने वाले बच्चों को इनके नंबर उपलब्ध कराए जाएंगे। कानूनगो ने कहा कि मध्यप्रदेश में 115 चिल्ड्रन इंस्टिट्यूट हैं, जहां पर विभाग के सहयोग से नियमित रूप से इनकी मानिटरिंग करवाई जाएगी। सतत निरीक्षण की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा है कि इन संस्थानों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए बाल संरक्षण आयोग द्वारा मासी नामक एक एप लांच किया जा रहा है। यह एक मां की तरह बच्चों की मॉनिटरिंग करेगा। इसमें पूरा डाटा संरक्षित किया जाएगा।

प्रदेश के छह धार्मिक स्थानों से होगी बाल संरक्षण की निगरानी :

प्रियंक कानूनगो ने कहा कि देश के 50 ऐसे धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए हैं जहां से बाल भिक्षावृत्ति बाल श्रम की निगरानी आयोग स्वयं करेगा। इसके लिए मध्यप्रदेश में छह धार्मिक स्थलों का चयन किया गया है। इनमें सांची, पीतांबरा पीठ दतिया, खजुराहो, महाकालेश्वर उज्जैन, ओमकारेश्वर और ओरछा जैसे धार्मिक स्थल शामिल हैं। प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भोपाल की प्रॉसीक्यूशन रिलीफ फंड संस्था द्वारा मिशनरी स्कूलों में बच्चों के शोषण से संबंधित झूठी खबरों का प्रकाशन विदेशों तक में करवाया गया है। अब इस संस्था से इन जानकारियों का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। प्रदेश सरकार से भी कहा गया है कि अगर यह संस्था सही रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं करती हैं तो इस पर कार्यवाही की जाए। कानूनों ने कहा कि इस संस्था के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है फिर भी विदेशों में झूठी खबरों का प्रकाशन कर देश की और दुनिया के प्रतिष्ठित पोक्सो एक्ट की छवि को खराब किया गया है। उन्होंने धर्मांतरण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए कानून की भी प्रशंसा की।

बाल संरक्षण गृहों की निगरानी के लिए 'मासी' नामक एप होगा लांच :

आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने बताया कि देश के विभिन्न क्षेत्रों के बाल संरक्षण गृहों की स्थिति में सुधार करना और उनमें रह रहे बच्चों की सुरक्षा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की प्राथमिता है। उन्होंने बताया कि देश के सभी बाल संरक्षण गृहों की स्थितियों की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। जिससे यहां रहने बाले बच्चों की स्थिति, सुरक्षा व वातावरण में अपेक्षित सुधार होंगे। उन्होंने कहा कि इन बाल संरक्षण गृहों की सुरक्षा व निगरानी के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग 'मासी' नामक एप लांच करने जा रहा है। श्री कानूनगो ने बताया कि जीपीएस इनेवल्ड इस एप से बाल संरक्षण ग्रहों में निरीक्षण के लिए पहुंचने वाले अधिकारियों की रियल टाइम जानकारी व उनके द्वारा दिया जा रहा डाटा भी रियल टाइम में मिल जाएगा। बच्चो के अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि देश में सभी बाल संरक्षण गृहों की मौजूदा स्थिति का आंकलन करवाने के बाद आयोग ने एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसे राज्यों के साथ साझा किया गया है। ताकि आपेक्षित सुधार हो सकें। एक अन्य मामले में आयोग ने सागर कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए निर्देश दिए हैं कि सागर कलेक्टर धर्मांतरण का मामला दर्ज करने के साथ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की समुचित धाराओं के तहत कार्यवाही करें।

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