टंट्या भील की अष्ट धातु की प्रतिमा का पातालपानी अनावरण
टंट्या भील की अष्ट धातु की प्रतिमा का पातालपानी अनावरणSocial Media

राज्यपाल और सीएम ने टंट्या भील की अष्ट धातु की प्रतिमा का पातालपानी में किया अनावरण

इंदौर, मध्यप्रदेश : टंट्या भील मामा बलिदान दिवस पर पातालपानी पहुंचकर में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान उनकी कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया।
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इंदौर, मध्यप्रदेश। एमपी के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज इंदौर में देश की स्वतंत्रता और जनजातीय गौरव की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले मामा टंट्या भील के बलिदान दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पातालपानी है। अमर क्रांतिकारी, मामा टंट्या भील के बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पातालपानी पहुंचे मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज का जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय नागरिकों ने आत्मीय स्वागत किया।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री द्वारा पातालपानी, जिला इंदौर में स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक टंट्या मामा भील की अष्टधातु की प्रतिमा का अनावरण।

मिली जानकारी के मुताबिक टंट्या भील मामा बलिदान दिवस पर पातालपानी में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान उनकी कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे। राज्यपाल और मुख्यमंत्री सबसे पहले टंट्या भील मामा के मंदिर में पूजा-अर्चना की, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील गौरव रथ यात्रा का पूजन एवं यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने टंट्या मामा के चित्रपटल पर तिलक लगाकर उन्हें नमन किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री ने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील स्मारक स्थल में शिलालेख का अनावरण किया।

इसके बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील की अष्ट धातु की प्रतिमा का पातालपानी में अनावरण किया। इस अवसर पर सीएम ने कहा- बड़ौदा अहीर की उस पावन भूमि को नमन करता हूँ, जहाँ क्रान्तिसूर्य टंट्या मामा का जन्म हुआ था। पातालपानी की उस पवित्र माटी को शत- शत प्रणाम करता हूँ, जहाँ जननायक टंट्या मामा ने अंतिम सांस ली।

सीएम बोले- जननायक, अमर क्रांतिकारी मामा #TantyaBhil ने अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध हथियार उठाया, ब्रिटिश सैनिक उनके नाम से कांपते थे और उनको पकड़ने के लिए उन्होंने छल का सहारा लिया। वीर जननायक के चरणों में प्रणाम। जनजातीय नायकों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया, लेकिन आजादी के बाद लंबे समय तक शासन करने वालों ने इन्हें कोई महत्व नहीं दिया। जनजातीय नायकों के योगदान को भुला दिया गया। आपको बताते चले कि आज दोपहर डेढ़ बजे से जननायक टंट्या मामा स्मृति समारोह का मुख्य कार्यक्रम नेहरू स्टेडियम में होगा, जिसका सीधा प्रसारण पातालपानी में बड़ी स्क्रीन पर किया जाएगा।

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