भेड़ाघाट के स्टोन क्राफ्ट को मिला GI का टैग
भेड़ाघाट के स्टोन क्राफ्ट को मिला GI का टैगSocial Media

ग्वालियर की हस्तनिर्मित कालीन और भेड़ाघाट के स्टोन क्राफ्ट को मिला GI का टैग, सीएम ने जताई खुशी

मध्य प्रदेश इन दिनों काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में खबर आई है कि, हस्तशिल्प श्रेणी में प्रदेश की गोंड पेंटिंग, ग्वालियर के हस्तनिर्मित कालीन को जीआई टैग मिला है।

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। भारत का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश इन दिनों काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में खबर आई है कि, हस्तशिल्प श्रेणी में प्रदेश की गोंड पेंटिंग, ग्वालियर के हस्तनिर्मित कालीन को जीआई टैग मिला है। इसके अलावा बारीक नक्काशी एवं अद्वितीय शिल्प कला से युक्त जबलपुर के भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट को भी जी.आई. का टैग मिला है। खास बात यह है कि, मुरैना की गजक को भी पिछले दिनों जीआई टैग मिला था। ऐसे में ग्वालियर चंबल अंचल के पास दो चीजों के लिए जीआई टैग मिला है।

ग्वालियर के हस्तनिर्मित कालीनों की खासियत:

  • ग्वालियर के कालीनों में डिजाइन फारसी कालीन डिजाइनों से प्रभावित होते हैं जो समरूपता और ज्यामिति के क्रमपरिवर्तन का एक परस्पर क्रिया है।

  • आयताकार कालीन में दो मोटी सीमाएं होती हैं जो एक केंद्रीय पदक के किनारे होती हैं।

  • डिज़ाइन दो अलग-अलग श्रेणियों में आते हैं वक्रीय और सरलरेखीय, कुछ शिल्पकारों के अनुसार, ग्वालियर के कालीन अपने सुंदर पुष्प पैटर्न के लिए प्रसिद्ध हैं।

  • डिजाइन, पैटर्न और उनकी सममित भिन्नताएं कालीन के दो मुख्य भागों में होती हैं

स्टोन क्राफ्ट को मिला जी.आई. टैगिंग:

वहीं, बारीक नक्काशी एवं अद्वितीय शिल्प कला से युक्त जबलपुर के भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट को भी जी.आई. का टैग मिला है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्विटर के जरिए दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए इसपर खुशी जताई है।

सीएम शिवराज ने कही यह बात:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "बारीक नक्काशी एवं अद्वितीय शिल्प कला से युक्त जबलपुर के भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट दुनियाभर में अपनी अलग पहचान रखता है। स्टोन क्राफ्ट की जी.आई. टैगिंग हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है। यह कला देश-दुनिया में फैले, हमारे कलाकार सशक्त व समृद्ध हों, इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।"

प्रदेश के 6 उत्पादों को मिला जीआई टैग:

जानकारी के लिए बता दें कि, प्रदेश के 6 उत्पादों को जीआई टैग (GI Tag) मिला है। जिनमें ग्वालियर का कारपेट, भेड़ाघाट के स्टोनक्रॉप, डिंडौरी की गोंड पेंटिंग, उज्जैन की बाटिक प्रिंट, बालाघाट की वारासिवनी की रेशमी साड़ी और रीवा का सुंदरजा आम शामिल हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के इंडस्ट्री प्रमोशन इंटरनल ट्रेड ने यह तमगा दिया है। बता दें, अब तक प्रदेश में 19 उत्पादों को जीआई टैग का तमगा मिल चुका है।

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