शहर में खुलने थे 58 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक
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Gwalior : शहर में खुलने थे 58 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक, 45 के लिए नहीं मिल रही जगह

2020 में शुरू हुई थी योजना, 13 क्लीनिक के लिए ही मिली जगह। 11 नई जगह बनेगी और 2 क्लीनिक के लिए पुराने भवनों की होगी मरम्मत। नगरीय प्रशासन अपर आयुक्त की बैठक में दिया गया था प्रजेन्टेशन।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। दिल्ली की मौहल्ला क्लीनिक योजना की तर्ज पर मप्र में मुख्यमंत्री ने संजीवनी क्लीनिक योजना का शुभारंभ किया गया था। इस योजना के तहत ग्वालियर शहर में 58 एवं डबरा में 5 क्लीनिक खोले जाने थे। पिछले 2 सालों में अधिकारी ग्वालियर में मात्र 13 क्लीनिकों के लिए जगह चिन्हित कर सके हैं। इसमें 11 स्थानों पर नए भवन बनेंगे। 45 क्लीनिकों के लिए अभी कोई जगह नहीं ढूंढी जा सकी है। डबरा में 5 में से मात्र 1 जगह ही क्लीनिक के लिए जगह चिन्हित की जा सकी है। इस योजना का प्रजेन्टेशन बुधवार को ग्वालियर प्रवास पर आए नगरीय प्रशासन अपर आयुक्त सतेन्द्र सिंह की बैठक में दिया गया। उन्होंने जल्द से जल्द बाकी बची जगहों को चिन्हित कर संजीवनी क्लीनिक शुरू कराने के निर्देश दिए हैं।

आप की सरकार बनने के बाद दिल्ली में मौहल्ला क्लीनिक खोली गई। इस क्लीनिकों में प्राईवेट नर्सिंग होम की तर्ज पर व्यस्थाएं दी गई थीं। सुबह 10 से शाम 6 बजे तक क्लीनिक पर डॉक्टर मौजूद रहते है। घर के पास क्लीनिक होने से मरीज तत्काल उपचार के लिए यहां जाते हैं। परीक्षण करने के बाद डॉक्टर गंभीर अवस्था होने पर उन्हें बड़े हॉस्पिटल में शिफ्ट कर देते हैं। इससे उपचार के अभाव में मरीजों की मौत होने का सिलसिला कम हो गया है। कोरोना काल में भी इन क्लीनिकों ने बड़े स्तर पर आम जनता को सहूलियत दी थी। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने संजीवनी क्लीनिक के नाम से योजना बनाई। इस योजना के तहत महानगर एवं छोटे कस्बों में क्लीनिक खोले जाने थे। मप्र में इस योजना का नाम मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक कर दिया गया। ग्वालियर में 58 मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक खोजने की योजना पर काम शुरू हुआ। अफसरों ने 11 जगह चिन्हित की जहां नए भवनों का निर्माण होना था। साथ ही दो ऐसे भवन भी देखे गए जो मरम्मत के बाद क्लीनिक बनने के योग्य थे। लेकिन डेढ़ साल में अफसर 45 जगह तक चिन्हित नहीं कर पाए हैं।

निर्माण के लिए नहीं मिली जगह की सुपुर्दगी :

निगम अधिकारियों की माने तो 11 जगह नए भवनों का जो निर्माण होना है उसके लिए टेण्डर जारी कर दिए थे, लेकिन प्रशासन से अब तक जगह निर्माण के लिए नगर निगम को नहीं मिली हैं। चूंकि यह कार्य मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल है, इसलिए काम जल्दी करने के लिए टेण्डर लगा दिए हैं। आचार संहिता खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक के काम में तेजी आएगी।

12 करोड़ रुपए भवन के लिए मिले :

केन्द्र एवं प्रदेश सरकार जल्द से जल्द संजीवन क्लीनिक शुरू कराने पर जोर दे रही हैं। यही वजह है कि नगर निगम ग्वालियर को 12 करोड़ रुपए भवन निर्माण एवं मरम्मत के लिए मिल चुके हैं। लेकिन जब तक जगह चिन्हित नहीं होगी या प्रशासन द्वारा यह जगह नगर निगम के सुपुर्द नहीं की जाएगी तब तक निर्माण कार्य शुरू कराने में परेशानी आएगी। नगर निगम इस योजना में सिर्फ निर्माण एजेंसी है। संजीवनी क्लीनिक का संचालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाना है।

इस तरह बनने थे मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक :

  • संजीवनी क्लीनिक नए भवन कम से कम 2500 वर्गफीट में बनेंगे।

  • पुराना भवन कम से कम 1600 वर्गफीट हो जिसे मरम्मत कर उपयोग के लायक बनाया जा सके।

  • ये स्वास्थ्य केन्द्र सरकारी कार्य दिवसों पर भी सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुले रहेंगे।

  • संजीवन क्लीनिक में सामान्य ओपीडी परामर्श निशुल्क होगा।

  • गर्भवती महिलाओं की जांच और टीकाकरण मुफ्त में होगा।

  • कैंसर की मुफ्त जांच होगी।

  • उच्च रक्तचाप की जांच भी मुफ्त होगी।

  • मधुमेह जैसे अन्य रोगों की जांच भी मुफ्त रहेगी।

  • संक्रामक बीमारियों के इलाज की सेवाएं मिलेंगी।

  • संजीवनी क्लीनिक में 68 प्रकार की जांच एवं 120 प्रकार की दवाएं मुफ्त मिलने की संभावना है।

इन 13 जगहों को क्लीनिक के लिए किया गया चिन्हित :

  1. सत्यनारायण की टेकरी, बहोड़ापुर।

  2. चन्द्रनगर माहिते साहब की बाउण्ड्री के पास।

  3. शील नगर शरमन राय की पुलिया के पास।

  4. राजा मण्डी मीट मार्केट, रानी पुरा।

  5. 50 क्वार्टर, बिजली घर के बगल से।

  6. सेवा नगर।

  7. गदाईपुरा वेष्णोपुरम पुल के नीचे।

  8. रेशम मिल, पानी की टंकी के पास।

  9. लक्ष्मणपुरा पुरानी पुलिस चौकी।

  10. मारी माता महलगांव, मार्कन्डेश्वर मंदिर के पास।

  11. लक्ष्मण तलैया के पास।

  12. ग्राम पंचायत भवन, बड़ागांव वार्ड 61, जोन 22।

  13. खेरी जेल रोड।

इनका कहना :

हमने जगह चिन्हित कर ली है, आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। आचार संहिता खत्म होने के साथ ही जगह आवंटित कर दी जाएंगी।

कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, कलेक्टर

मुख्यमंत्री संजीवन क्लीनिक बनाने के लिए नगर निगम को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। हमें नया भवन बनाकर या जो पुराने भवन जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित कर बताए गए हैं उनकी मरम्मत करानी है। 11 नए भवन के लिए टेण्डर लगा दिए हैं और दो पुराने भवनों की हम मरम्मत करेंगे। जो स्थान चिन्हित नहीं हुए हैं उसके बारे में जिला प्रशासन के अधिकारी ही जानकारी दे सकते हैं।

किशोर कन्याल, निगमायुक्त

सरकार ने अब संजीवनी क्लीनिक की संख्या बढ़ाकर 58 कर दी है। लेकिन हमारे पास अभी 13 स्थान ही चिन्हित होकर आए हैं। हमने 11 नए भवनों के टेण्डर भी लगा दिए हैं। बाकी जिला प्रशासन की तरफ से जब जगह चिन्हित करके हमें दी जाएगी तभी हम निर्माण करा सकते हैं।

जेपी पारा, अधीक्षण यंत्री, जनकार्य विभाग, नगर निगम

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