एक महीने में MBBS छात्र की मौत, दोषियों तक नहीं पहुंच पाई समिति
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Gwalior : एक महीने में एमबीबीएस छात्र की मौत के दोषियों तक नहीं पहुंच पाई समिति

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : डॉक्टरों की चार सदस्यी समिति कर रही है मामले की जांच। 7 अक्टूबर की रात में निजी अस्पताल में हुई थी एमबीबीएस छात्र की मौत।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। एक महीने पहले जीआर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र ने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया था। आरोप था कि छात्र को जयारोग्य अस्पताल में उपचार नहीं मिला था। इसलिए उसे निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। मामले की जांच के लिए जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अक्षय निगम ने डॉक्टरों की चार सदस्यी जांच समिति का गठन किया था। एक महीना गुजर गया, लेकिन जांच समिति अपनी रिपोर्ट अधिष्ठाता को प्रस्तुत नहीं कर सकी है।

जीआर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र अजय प्रताप सिंह को जयारोग्य अस्पताल में उपचार मिला या नहीं ?, या निजी अस्पताल संचालकों की लापरवाही से छात्र की मौत हुई है। कारण एक महीन बाद भी स्पष्ट नहीं हो पाया है, क्योंकि जांच में जुटी समिति एक महीने बाद भी अपनी जांच रिपोर्ट अधिष्ठाता डॉ. अक्षय निगम को नहीं सौंप पाई है। जबकि समिति को 7 दिवस के अंदर अपनी रिपोर्ट जीआर मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. अक्षय निगम को सौंपनी थी। साथ ही अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि समिति कब तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जबकि अधिष्ठाता डॉ. निगम द्वारा 10 अक्टूबर 2022 को जारी आदेश में उन्होंने स्पष्ट लिखा था कि छात्र डॉ. अजय प्रताप सिंह की मृत्यु से संबंधित जांच के लिए समिति का गठन किया जाता है। जिसके अनुसार समिति 7 दिवस में जांच कर अपनी रिपोर्ट अधिष्ठाता को प्रस्तुत करें। उसके बाद भी यह रिपोर्ट एक महीने बाद भी समिति प्रस्तुत नहीं कर पाई है। यहां बता दें कि फरुर्खाबाद निवासी 21 वर्षीय अजय प्रताप सिंह की 7 अक्टूबर की रात में एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी।

यह समिति कर रही जांच :

  • डॉ. पुनीत रस्तोगी - अध्यक्ष

  • डॉ. अजय गौड - सदस्य

  • डॉ. अतुल अग्रवाल - सदस्य

  • डॉ. सुरेन्द्र यादव - सदस्य

हॉस्पिटल संचालक नहीं दे रहे है सही जानकारी :

जानकारी के अनुसार समिति ने छात्र का उपचार जिन दो निजी अस्पताल में हुआ था, उनसे छात्र के उपचार की फाइल मांगी है। लेकिन दोनों ही अस्पतालों में से किसी ने अभी तक फाइल समिति को नहीं सौंपी है। उसमें से एक अस्पताल बंद भी हो चुका है। वहां से फाइल आना मुश्किल दिख रहा है। इस वजह से भी जांच प्रभावित हो रही है।

समिति इन मुद्दों पर कर रही जांच :

  • छात्र को जयारोग्य अस्पताल में उपचार मिला या नहीं?

  • अजय को उपचार के लिए दर-दर भटकना पड़ा या नहीं ?

  • कहीं निजी अस्पताल संचालकों ने उपचार में लापरवाही तो नहीं बरती ?

  • छात्र को देखने के लिए वरिष्ठ चिकित्सक समय पर पहुंचे या नहीं ?

  • कहीं उसके साथी ही तो उसे बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल नहीं ले गए?

  • अजय के साथियों ने जिम्मेदार अधिकारियों को क्यों अवगत नहीं कराया?

इनका कहना है :

एमबीबीएस छात्र अजय प्रताप सिंह की मृत्यु से संबंधित जांच रिपोर्ट अभी तक आई नहीं है। जांच में क्यों देरी हो रही है। इस संबंध में मैं बुधवार को जांच समिति से बात करूंगा और जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दूंगा।

डॉ.अक्षय निगम, अधिष्ठाता,जीआर मेडिकल कॉलेज

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