Gwalior : कांग्रेस नेता फिर निशाने पर, 50 साल पुराने मंदिर पर कार्यवाही

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : मंदिर परिसर में गैरेज संचालित मिला, तोड़फोड़ न कर मंदिर के मेन गेट पर लगाया ताला। शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने बनाई दूरी, 14 को आएंगे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह।
कार्यवाही करते अधिकारी
कार्यवाही करते अधिकारीShahid

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। लक्ष्मण तलैया के पास एक मंदिर पर बुधावर को प्रशासन ने अतिक्रमण मानकर कार्यवाही करते हुए उसके मेन गेट पर ताला जड़ दिया। उक्त मंदिर पर पिछले 50 सालों से कांग्रेस नेता वीर सिंह तोमर भण्डारा करते आ रहे हैं और उनका ही कब्जा प्रशासन बता रहा है। कोरोना काल के बाद अब कांग्रेस नेता एक बार फि र भाजपा सरकार के निशाने पर आ गए हैं और इस कार्यवाही के बाद अब किसी अन्य कांगे्रस नेता का भी नंबर आ सकता है। वीर सिंह तोमर शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष है, लेकिन कार्यवाही से पहले शहर कांग्रेस अध्यक्ष को सूचना दीए लेकिन वह नहीं पहुंचे।

लक्ष्मण तलैया के पास काफी पुराना मंदिर है जहां आसपास के लोग पूजा करने तो आते ही है साथ ही लोग भण्डारा भी करते रहते है। यह मंदिर करीब 50 साल पुराना बताया गया है और इस मंदिर के जो महंत थे उन्होंने एक पुजारी के नाम वसीयत कर दी थी जो मंदिर की पूजा पाठ करते थे। उन्ही पुजारी ने उक्त जमीन किसी चौहान के नाम से एग्रीमेंट कर दिया था और उसका जो भी टैक्स होता था वह जमा भी किया जाता था। एसडीएम प्रदीप तोमर के नेतृत्व में बुधवार को प्रशासनिक अमले के साथ मंदिर पहुंचे। कार्यवाही के लिए हिटैची मशीन के साथ पुलिस फोर्स भी था। अमले के पहुंचने की जानकारी जैसे ही कांग्रेस नेता वीर सिंह तोमर को लगी तो वह भी पहुंच गए और उन्होंने जो दस्तावेज भी एसडीएम को दिखाएं। इस पर एसडीएम को कहना था कि शासकीय जमीन है और इस पर गैरेज बनाना गलत है जिस पर कांग्रेस नेता न कहा कि शासकीय जमीन तो लक्ष्मण तलैया से लेकर उरवाई गेट तक है ऐसे में कार्यवाही एक तरफ से सभी पर होना चाहिए। कांग्रेस नेता की बात सुनने के बाद एसडीएम ने मंदिर परिसर से गैरेज संचालित करने वाले नासिफ से कहा कि अपना सामान निकाल लो नहीं तो बंद हो जाएगा। सामान निकाल लेने के बाद मंदिर परिसर में प्रशासन ने अपना ताला लगाकर सील कर दिया।

कार्यवाही होते ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष को लगाया फोन पर नहीं पहुंचे :

शहर कांग्रेस के कार्यवाही अध्यक्ष वीर सिंह तोमर ने मंदिर पर प्रशासन की कार्यवाही शुरू से होने से पहले शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा को फोन कर अवगत कराया तो उन्होंने जवाब दिया कि पहले अशोक सिंह को बुला लो फिर बता देने में आ जाऊंगा। इस तरह शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने एक तरह से वीर सिंह से दूरी बना ली, वहीं ग्वालियर विधानसभा से भी कोई कांग्रेसी नहीं पहुंचा, जबकि शहर कांग्रेस अध्यक्ष जब दर्शन सिंह हुआ करते थे उस समय भी प्रशासन मंदिर पर कार्यवाही करने पहुंचा था तो वह दो बार वीर सिंह का साथ देने के लिए पहुंचे थे। बताया गया है कि वीर सिंह के मंदिर पर जो क ार्यवाही हुई है उसका विरोध करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह 14 अगस्त को ग्वालियर आ रहे है और वह मंदिर भी पहुंचेगे।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष वीर सिंह तोमर का कहना है कि "दो दिन पहले उनके भतीजे एनएसयूआई नेता पुष्पेन्द्र सिंह तोमर ने महलगेट पर सिंधिया को पुतला जलाया था उसी के बाद यह कार्यवाही होना दर्शाता है कि कार्यवाही किसके इशारे पर की गई है।"

इनका कहना :

लक्ष्मण तलैया पर बना मंदिर शासकीय जमीन पर है और उसमें गैरेज भी संचालित था। इसको लेकर प्रशासन ने कार्यवाही की और मंदिर की तोड़फोड़ न करते हुए पूरे परिसर को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है और ताला लगा कर सील कर दिया है। दस्तावेज जो भी थे वह सही नहीं थे।

प्रदीप सिंह तोमर, एसडीएम, ग्वालियर

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