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Gwalior News: मृतक के नाम से ली निर्माण स्वीकृति, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

HighCourt Gwalior Order: मामले में लगातार नगर निगम अधिकारियों से लेकर कलेक्ट्रेट तक शिकायत की गई, लेकिन कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा।

ग्वालियर । बालावाई के बाजार में बनाए गए शॉपिंग कॉम्पलेक्स को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। शिकायत कर्ता दिनेश शर्मा ने आरोप लगाए थे कि भवन स्वामी पीताम्बर लोकवानी, अमरलाल लोकवानी द्वारा मृत व्यक्ति के नाम से निर्माण स्वीकृति ली गई है। साथ ही एक अन्य शिकायत में बताया गया था कि आवासीय निर्माण स्वीकृति होने पर व्यवसायिक कॉम्पलेक्स बनाया गया है। 30 जून 2023 को उच्च न्यायालय ने शिकायत कर्ता की सुनवाई कर पूरे मामले की जांच करने के लिए निगमायुक्त को आदेश दिए हैं। दस्तावेजों की जांच हुई तो गंभीर लापरवाही सामने आ सकती है।

शिकायतकर्ता दिनेश शर्मा ने बताया कि बालावाई के बाजार में भूखंड क्रमांक 1066, 1067, 1071 पर पीताम्बर लोकवानी, अमरलाल लोकवानी एवं निर्मला लोकवानी द्वारा 30 जनवरी 2019 में जी प्लस टू की आवासीय भवन निर्माण स्वीकृति नगर निगम से ली गई थी। इसमें निर्मला देवी लोकवानी की मृत्यु 10 फरवरी 2017 को हो चुकी है। ऐसे में मृत व्यक्ति के नाम से ली गई निर्माण स्वीकृति पूरी तरह गलत है। इस मामले में लगातार नगर निगम अधिकारियों से लेकर कलेक्ट्रेट तक शिकायत की गई, लेकिन कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा।

उच्च न्यायालय ने सुनवाई कर 30 जून 2023 को आदेश जारी कर निगमायुक्त से कहा है कि वह शिकायतकर्ता की सुनवाई करें और दस्तावेजों की जांच करें। शिकायतकर्ता द्वारा इस आदेश की कॉपी नगर निगम की जनसुनवाई के जरिए निगमायुक्त एवं अपर आयुक्त को प्रस्तुत की जा चुकी है। आवासीय निर्माण की स्वीकृति, बना लिया कॉम्पलेक्स शिकायतकर्ता के अनुसार नगर निगम ने जो निर्माण स्वीकृति दी है वह आवासीय है। लेकिन मौके पर तीन मंजिला कॉम्पलेक्स बना लिया है। तलघर में दुकानें भी बनाई गई हैं जो उच्च न्यायालय के आदेश की खुली अवहेलना है। इस मामले में शिकायत करने पर टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग द्वारा कार्रवाई के आदेश भी जारी किए गए थे, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। पूरे शहर में नियम विरुद्ध हो रहा है निर्माण आवासीय स्वीकृति होने पर व्यवसायिक इमारतों का निर्माण पूरे शहर में हो रहा है।

महाराज बाड़े से लेकर सिटी सेंटर पटेल नगर में 500 सैकड़ा से अधिक इमारतें इसी प्रकार बनाई हैं। आवासीय निर्माण स्वीकृत होने पर आवेदक को कम पैसा जमा करना पड़ता है और बहुत ज्यादा नियम भी नहीं देखे जाते, लेकिन व्यवसायिक निर्माण स्वीकृति देने पर बहुत से नियम देखने पड़ते हैं। यह बात और है कि कुछ जगहों पर निगम अधिकारी नियमों की दुहाई देकर निर्माण स्वीकृति निरस्त कर देते हैं और कुछ जगहों पर खुले आम निर्माण कर लिया जाता है। सिटी सेंटर पटेल नगर में वर्तमान में दो दर्जन से अधिक इमारतें निर्माणाधीन हैं, जिनकी आवासीय स्वीकृति दी गई है जबकि भवन स्वामी कॉम्पलेक्स का निर्माण कर रहा है।

इनका कहना

आवासीय स्वीकृति पर व्यवसायिक निर्माण को लेकर न्यायालय में मामला चल रहा है, जबकि हाईकोर्ट में हमने मृत व्यक्ति के नाम से निर्माण स्वीकृति जारी करने की याचिका लगाई थी। इस याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने निगमायुक्त को आदेश दिए हैं कि वह शिकायत कर्ता की सुनवाई करें। मैंने उच्च न्यायालय के आदेश की कॉपी एवं दस्तावेज निगमायुक्त कार्यालय में पहुंचा दिए हैं। जब निगमायुक्त मुझे बुलाएंगे तो मैं सारी जानकारी उन्हें उपलब्ध करा दूंगा।

दिनेश शर्मा, याचिकाकर्ता

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