Gwalior : वाहन पोर्टल शुरू होने में अभी लग सकता है 4 दिन का समय
ग्वालियर, मध्यप्रदेश। केंद्र सरकार के वाहन पोर्टल पर ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश के वाहनों के पंजीयन की व्यवस्था सोमवार से शुरू कर दी गई है। लेकिन ग्वालियर में वाहन पोर्टल व्यवस्था को शुरू होने में अभी 4 से 5 दिन का समय लग सकता है, क्योंकि कुछ तकनीकी खामियां सामने आ रही है, जिसे जल्द ही दूर करने का काम किया जाएगा। वाहन पोर्टल व्यवस्था का जायजा लेने के लिए सोमवार को अपर परिवहन आयुक्त अरविन्द सक्सैना व आरटीओ रॉयल हुण्डई शोरूम सहित एक अन्य शोरूम में पहुंचे। दोनो शोरूम पर उन्होंने वाहन पोर्टल की तैयारी को लेकर जानकारी ली तो इन्शयोरेंश लिंकअप होने में दिक्कत सामने आई।
वाहन पोर्टल शुरू होने से अब सभी प्रकार के वाहनों के लिए एक ही सीरीज होगी। ग्वालियर में सोमवार से एमपी 07 जेड-ए नंबर वाली सीरीज शुरू कर दी गई है। जिन वाहनों को 31 जुलाई तक बेचा गया था और उनका टैक्स जमा कर वीआईडी व्हीकल इंन्फारमेशन डिटेल लोड कर दी गई है, उन्हें ही एक माह तक पुराने नंबर मिल सकेंगे। वाहन पोर्टल शुरू हो चुका है और इसके चलते अब स्मार्ट चिप कंपनी एक माह बाद पंजीयन से जुड़े काम बंद देगी।
उल्लेखनीय है कि वाहन पोर्टल का प्रदेश में ट्रायल विदिशा जिले में किया गया। इसके बाद 27 जुलाई से इसे लागू किया जाना था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया गया था। अपर परिवहन आयुक्त अरविन्द्र सक्सैना व आरटीओ एसपीएस चौहान ने बताया कि जिन डीलरों ने परिवहन विभाग में आकर अपने आईडी पासवर्ड ले लिए हैं, वह अपनी गाड़ी पंजीयन करवा पाएंगे। नई व्यवस्था के तहत सभी वाहनों के लिए अब एक ही सीरीज होगी। इसमें सभी प्रकार के वाहनों को एक ही सीरीज के नंबर देंगे। फिलहाल नॉन कॉमर्शियल वाहनों (कार, मोटरसाईकिल, स्कूटर, ट्रैक्टर) के लिए यह व्यवस्था शुरू की गई है। शीघ्र ही कॉमर्शियल वाहनों पर भी व्यवस्था लागू होगी।
वीआईपी नंबर की नीलामी होगी 15 अगस्त से :
वीआईपी नंबरों की नीलामी के लिए अधिकारियों ने काफी प्रयास किए थे, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो सका। अब वाहन पोर्टल व्यवस्था से पहले जो वाहन खरीदे गए थे उन वाहनों को वीआइपी नंबर नहीं मिल सकेंगे। वाहन पोर्टल में वीआइपी नंबर लेने की व्यवस्था अलग से रखी गई है। उसमें आवेदक को पहले नंबर लेना होता है। इसके बाद उस नंबर पर गाड़ी पंजीकृत होती है। अब 15 अगस्त से हर सप्ताह वीआईपी नंबरों की नीलामी होगी।
डीलर किसी भी जिले में वाहन पंजीकृत कर सकेगा :
डीलर के यहां गाड़ी लेने पर ग्राहक का आधार नंबर लिया जाएगा। वाहन सर्वर पर आधार नंबर डाल कर वेरिफाई करते ही पूरी जानकारी आ जाएगी। इससे पंजीयन कार्ड पर वाहन के मालिक की सही जानकारी आधार के अनुसार होगी। वैसे इससे पहले भी डीलर पॉइन्ट रजिस्ट्रेशन व्यवस्था लागू थी, लेकिन वाहन को मॉडल एप्रूव कराने के लिए संबंधित को आरटीओ दफ्तर में आना पड़ता था, लेकिन वाहन पोर्टल व्यवस्था लागू होने से मॉडल एप्रूव साइट पर ही आसानी से हो जाएगे जिससे दलाली प्रथा पर रोक तो लगेगी ही साथ ही आरटीओ दफ्तर के चक्कर लगाने से भी छुटकारा मिल सकेगा।
यह होगी व्यवस्था :
वाहनों की कीमत सीधे एनआइसी की वेबसाइट से लेने की सुविधा होगी। माडल अपडेट करने की परेशानी खत्म हो जाएगी।
वाहनों का इश्योरेंस पालिसी का सत्यापन आइआरडीए की वेबसाइट से जाएगा। जिसके कारण इश्योरेंस का फजीर्वाड़ा नहीं हो सकेगा।
चेचिस और इंजन नंबर यूनिक हो जाएंगे। देश के किसी भी राज्य में उस चेचिस या इंजन नंबर पर वाहन का पंजीयन नहीं हो सकेगा।
सारी जानकारी आनलाइन होगी, दस्तावेजों की एक कापी आरटीओ जाएगी जहां पर केवल सत्यापन होगा, पंजीयन डीलर के यहां हो जाएगा।
ग्वालियर में वाहनो की सीरीज एमपी 07 जेडए से शुरू होगी जबकि प्रदेश के इंदौर में जेडबी सीरीज शुरू हुई है।
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