मदरवार्ड और केआरएच में बच्चे की खातिर मां गुजार रहीं जमीन पर रातें
मदरवार्ड और केआरएच में बच्चे की खातिर मां गुजार रहीं जमीन पर रातेंRaj Express

Gwalior : मदरवार्ड और केआरएच में बच्चे की खातिर मां गुजार रहीं जमीन पर रातें

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : ठंड में प्रसूताओं को अपने नवजात बच्चे की खातिर मजबूरन जमीन पर रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह हाल मदरवार्ड के अलावा केआरएच, जेएएच और माधव डिस्पेंसरी में भी है।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। जेएएच के कमलाराजा अस्पताल में मदर वार्ड की दुर्दशा हो रही है। मदर वार्ड में उन माताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिनके बच्चे एसएनसीयू में भर्ती रहते हैं। ऐसी ठंड में प्रसूताओं को अपने नवजात बच्चे की खातिर मजबूरन जमीन पर रात गुजारने को मजबूर होना पड़ रहा है। यह हाल मदरवार्ड के अलावा केआरएच, जेएएच और माधव डिस्पेंसरी में भी है।

सरकार द्वारा गर्भवति महिलाओं व प्रसूताओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन कमलाराजा अस्पताल में पहुंच रहीं प्रसूताओं को अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसका उदहारण इन दिनों कमलाराजा अस्पताल में देखा जा सकता है। अस्पताल परिसर, बरामदे, चबूतरे और किसी विभाग के दरवाजे पर कुछ बैठी, कुछ लेटी, तो कुछ अन्य काम करतीं महिलाएं मिल जाएंगी। यह वह महिलाएं हैं, जो अपने नवजात बच्चों की खातिर मजबूरन जमीन पर रात गुजारने को मजबूर हैं, क्योंकि इनके नवजात बच्चे किसी न किसी परेशानी के चलते कमलाराजा अस्पताल के एसएनसीयू (गहन बाल रोग चिकित्सा इकाई) में भर्ती हैं। जबकि रात के समय इन दिनों जिले में तापमान काफी नीचे पहुंच गया है। ऐसे हालात में प्रसूताओं को रात गुजारना दुखदायी हो रहा है। प्रबंधन ने प्रसूताओं के रूकने के लिए नया मदर वार्ड तो बनवा दिया, लेकिन पर्याप्त पलंग की व्यवस्था नहीं है। साथ ही वहां कोई देखरेख वाला नहीं है।

वार्ड की नहीं होती है सफाई :

अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों का इन दिनों सफाई व्यवस्था पर पूरा फोकस है, उसके बाद भी नए मदर वार्ड की स्थिति ऐसी है कि वहां प्रसूताओं का दुर्गंध के मारे बुरा हाल है। नए मदर वार्ड में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होने के साथ शोचालय पूरी तरह गंदे पड़े हुए है। स्थिति इतनी खराब है कि प्रसूताएं और उनके परिजन दुर्गंध के कारण शैचालय में घुस तक नहीं पा रहे हैं।

इंफेक्शन का रहता है खतरा :

प्रसव के बाद महिलाओं को कम से कम एक दो से तीन दिन तक अस्पताल में पलंग पर रखा जाता है, लेकिन कमलाराजा अस्पताल में मुरार सहित, मुरैना व भिण्ड से आने वाले नवजात शिशुओं की मां को प्रसव के बाद ही जमीन पर लेटने के लिए कह दिया जाता है। ऐसे में संक्रमण रोग होने की संभावना बनी रहती है।

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