अधिकारियों को काम से अधिक दफ्तर बदलने की चिंता
अधिकारियों को काम से अधिक दफ्तर बदलने की चिंताRaj Express

अधिकारियों को काम से अधिक दफ्तर बदलने की चिंता, मोतीमहल से कार्यालय हो रहे शिफ्ट

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : प्रदेश में कभी विधान सभा मोतीमहल में लगती थी और बाद में उस स्थान पर तमाम विभागों के दफ्तर खुले हुए थे, लेकिन जल्द ही यह अतीत बनने जा रहा है।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्रदेश में कभी विधान सभा मोतीमहल में लगती थी और बाद में उस स्थान पर तमाम विभागों के दफ्तर खुले हुए थे, लेकिन जल्द ही यह अतीत बनने जा रहा है। इसका कारण यह है कि मोतीमहल से सरकारी कार्यालय पूरी तरह से खाली हो रहे हैं और जो समय विभागों को खाली करने के लिए दिया है उसके कारण विभाग प्रमुख को काम से अधिक दफ्तर खाली करने की चिंता है।

शहर की बीचों बीच स्थित मोतीमहल में सभागीय कार्यालय के साथ ही करीब 26 विभागों के मुख्यालय संचालित होते हैं। साथ ही पांच प्रदेश स्तरीय कार्यालय भी खुले हुए हैं, लेकिन अब संभागीय कार्यालय नीडम रोड पर बनकर शुरू हो चुका है, जिसके कारण संभागायुक्त कार्यालय तो पहले ही वहां पहुंच गया है। अधिकांश विभाग प्रमुखों से पहले ही कह दिया गया है कि जल्द कार्यालय खाली कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का काम करें। वित्तीय साल होने के कारण विभागों में काफी काम रहता है, जिसके कारण कई विभाग तो ऐसे हैं जो अपने लिए कार्यालय खोलने का स्थान तक नहीं खोज पाए हैं, क्योंकि मार्च माह समाप्त होने वाला है जिसके कारण उनके ऊपर काम समाप्त करने का दबाव रहता है। अब स्थिति यह है कि विभागों में अपने काम के लिए आने वाले लोग भी परेशान हो रहे हैं, क्योंकि उनको कहा जा रहा है कि अभी आपके काम को लेकर कुछ भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि हमें दफ्तर को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने का काम करना है। हालात यह है कि कई विभाग प्रमुख तो ऐसे हैं जिनको तमाम प्रयास के बाद भी स्थान नहीं मिल रहा है। कई विभाग प्रमुख तो ऐसे हैं जो सारा काम छोड़कर सिर्फ और सिर्फ दफ्तर के लिए स्थान खोजने में लगे हुए हैं, क्योंकि मार्च माह समाप्त होते ही उनके ऊपर सरकारी डंडा चल सकता है।

कर्मचारी सबसे अधिक दुखी :

मोतीमहल से सरकारी दफ्तर खाली होने का जब से फरमान जारी हुआ है तभी से कर्मचारी खासे दुखी हैं। वह यह कहते सुने जा रहे हैं कि अब कैसे दफ्तर पहुंचेंगे, कुछ समय और यहां कार्यालय बना रहता तो ठीक था। कर्मचारियों की चिंता यह है कि मोतीमहल उनके लिए आना आसान था, लेकिन दूसरे स्थान पर जहां कार्यालय खुल रहे हैं। वहां, तक पहुंचने में उनके सामने परेशानी आने वाली है उसको लेकर वह चिंतित हैं, जिसमें खासकर महिला कर्मचारी सबसे अधिक दुखी हैं।

निराश होकर लौट रहे :

मोतीमहल में तमाम दफ्तर ऐसे हैं, जहां लोग अपने काम के संबंध में अन्य जिलों से भी आते है। अब दफ्तर खाली होना शुरू हो गए हैं। ऐसे में जो लोग काम के संबंध में यहां आते हैं उनको निराश होकर लौटना पड़ रहा है। लोग जब पूछते हैं कि अब कब और कहां आना है तो अधिकारी व कर्मचारी उनको एक ही जवाब देते हैं कि, हमें ही नहीं पता कि दफ्तर कहां शिफ्ट होना है तो फिर हम आपको क्या बताएं।

यह है मोतीमहल का अतीत :

  • 1824 से 1827 के बीच हुआ निर्माण।

  • दौलतराव सिंधिया ने कराया था निर्माण कार्य शुरू।

  • पूना में पेशवा के महल पर आधारित है नक्शा।

  • जयाजीराव सिंधिया ने कराया निर्माण पूरा।

  • करीब 400 कमरे, 50 हॉल और पांच तरफ से प्रवेश द्वार हैं महल के।

  • शीशे और रंगों के उपयोग से दीवारों पर राग-रागनियों को प्रदर्शित करती हुईं पैंटिंग।

  • झील में पड़ने वाला प्रतिबिंब था महल की प्रमुख विशेषता।

  • प्रमुख दरबार हॉल में हैं 13 दरवाजे।

  • जमीन से सात फीट ऊपर लकड़ी के पैनल।

  • दरवाजों के ऊपर लकड़ी के घुमावदार मेहराबों पर चढ़ा हे सोने का वर्क।

  • ग्वालियर के आसपास पाए जाने वाले सफेद पत्थर से निर्माण।

  • आजादी के बाद मोतीमहल आया सरकार के कब्जे में।

  • मध्यभारत का प्रथम सचिवालय बना मोतीमहल में।

  • मध्यप्रदेश राज्य बनने के बाद से सरकारी कार्यालयों के रूप में महल का उपयोग।

मोतीमहल में इन विभागों के हैं दफ्तर :

  • करीब 26 विभागों के मुख्यालय यहां संचालित हैं।

  • पांच विभागों के आयुक्त कार्यालय है यहां, परिवहन, आबकारी और राजस्व मंडल के प्रदेश मुख्यालय, परिवहन आयुक्त कार्यालय का स्थानांतरण प्रस्तावित, आयुक्त, ग्वालियर संभाग, शिक्षा एवं उच्च शिक्षा के संयुक्त संचालक कार्यालय, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त कमिश्नर कार्यालय, महिला एवं बाल विकास का संयुक्त संचालक कार्यालय, संचालक, लोकल फंड कार्यालय, संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं, लेबर कोर्ट, कोषालय, अधीक्षक, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, अधीक्षक, लोकायुक्त एवं उप महानिरीक्षक, चंबल एवं ग्वालियर संभाग कार्यालय।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com