2700 कैदियों से मिलने पहुंची 12000 बहिनें
2700 कैदियों से मिलने पहुंची 12000 बहिनेंRaj Express

सेन्ट्रल जेल में खुली मुलाकात : कैदियों को उनकी बहिनों ने किया तिलक, मांगी भाई की रिहा होने की दुआ

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : सुबह के आठ बजने से पहले ही सेन्ट्रल जेल पर महिलाओं को जमावड़ा लग गया था। जेल में बंद अपने भाई को तिलक करने के लिए अंचलभर से उनकी बहिनें आईं।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। सेन्ट्रल जेल में भाईदूज के मौके पर खुली मुलाकात का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल होने के लिए करीब 12 हजार बहिनें पहुंची। जिन्होंने अपने- अपने भाईयों को तिलक कर उनकी दीर्घायु व जेल से जल्द रिहाई की दुआ मांगी। जेल में खुली मुलाकात का आयोजन सुबह के करीब 8 बजे से शुरू होकर शाम के 5 बजे सम्पन्न हुआ।

सुबह के आठ बजने से पहले ही सेन्ट्रल जेल पर महिलाओं को जमावड़ा लग गया था। जेल में बंद अपने भाई को तिलक करने के लिए अंचलभर से उनकी बहिनें आईं। बहिनों की बड़ी संख्यां देख जेल प्रबंधन ने भी सुबह 8 बजे से पहले ही जेल में खुली मुलाकात आरंभ करा दी। कैदियों की बहिनें जेल के विभिन्न नियमों का पालन करते हुए जेल में अंदर पहुंची। वहीं बैरिकों में रहने वाले कैदी जेल के ग्राउण्ड में लगाए गए टेंट के नीचे पहुंच गए। जिन्होंने बहिनों के हाथ से अपने माथे पर तिलक कराया। साथ ही मिठाई का भी आनंद लिया।

घर का कोई सामान नहीं जाने दिया अंदर :

कुछ वर्ष पूर्व तक जेलों में होने वाली खुली मुलाकात में कैदियों की बहिनें अपने साथ घर पर पकाए हुए पकवान भी लेकर आतीं थीं। लेकिन भोपाल में सेन्ट्रल जेल से फरार हुए कैदियों के भागने के बाद जेल विभाग द्वारा कड़ाई बरती जाने लगी। जिसके तहत परिजन जेल में कुछ भी सामान लेकर नहीं जा सकते। इसलिए जेल प्रबंधन द्वारा जेल पर पहुंची प्रत्येक कैदी की बहिन को लड्डुओं का पैकेट दिया। जिसे बहिनों ने अपने भाई को तिलक करने के बाद अपने- अपने भाई को दिया।

कई जगह हुई तलाशी, फिर भी नशा व रकम पहुंचने की आशंका :

जेल प्रबंधन ने जेल में जाने वाली महिलाओं की सघन तलाशी कराई थी, लेकिन इसके बाद भी आशंका बनी हुई है कि जेल में मिलने के लिए गईं महिलाएं अपने साथ नशा और नगद रुपए लेकर गईं थीं। जिसे वह अपने- अपने भाई को सौंप कर आईं हैं। इसका सबसे बड़ा कारण महिलाओं की बड़ी संख्या है। चूंकि जेल पर मुलाकात के लिए पहुंची महिलाओं की संख्यां 12 हजार से अधिक बताई जा रही है, इतनी अधिक महिलाओं की बारीकी से तलाशी करना संभव नहीं था। इसलिए कई ऐसी महिलाएं भी होती हैं, जो इसका फायदा उठाकर जेल में बंद अपने परिजनों को ऐसे पदार्थ व वस्तुएं उपलब्ध करा देतीं हैं, जिन पर जेल प्रबंधन द्वारा रोक लगाई गई है।

जेल अधीक्षक ने लगाए ठुमके :

जेल में होने वाली खुली मुलाकात के लिए प्रबंधन द्वारा बीते आठ दिन से तैयारी शुरू कर दी थी। कर्मचारियों की ड्यूटी चार्ट तैयार कर दिया गया था। सभी अधिकारी व कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी के बारे में समझा दिया था। इसी बीच बुधवार को जेल अधीक्षक विदित सिरवैया ने भी होली मनाने का प्लान तैयार कर दिया। उन्होंने अपने बंगले पर डीजे सेट लगवाकर विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के साथ होली खेली। इस मौके पर न केवल अधिकारी, कर्मचारियों ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाए, बल्कि जेल अधीक्षक के साथ कई होली के गीतों पर ठुमके भी लगाए। एक वीडियो में जेल अधीक्षक व जेल के कर्मचारी डीजे में चल रहे गानों पर कमर हिलाते हुए नजर आ रहे हैं।

इनका कहना :

जेल में हुई खुली मुलाकात के दौरान करीब 12 हजार महिलाएं आईं थीं। जिनको जेल प्रबंधन की ओर से एक- एक डिब्बा मिठाई दी गई थीं। कैदियों की बहिनों ने उनको तिलक किया और मिाठाई भी खिलाई। वहीं महिला कैदियों से मिलने के लिए आईं महिलाओं की भी उनसे मुलाकात कराई। जेल में प्रवेश से पूर्व महिलाओं की सही तरीके से चैकिंग की गई। चैकिंग के दौरान जो भी प्रतिबंधित सामान मिला था। उसे जब्त किया गया था। मुलाकात के बाद उसे उन महिलाओं को वापस कर दिया गया।

विदित सिरवैया, जेल अधीक्षक

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