ग्वालियर : पुलिस के पहरे में ऑक्सीजन टैंक पहुंचा जेएएच

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : सोमवार को ऑक्सीजन का टैंक पुलिस की सुरक्षा के बीच जेएएच पहुंचा और उसने टैंकों में गैंस भरी। जेएच एवं सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में बने टैंक में कुल 30 किलोलीटर गैस फिल की गई।
पुलिस के पहरे में ऑक्सीजन टैंक पहुंचा जेएएच
पुलिस के पहरे में ऑक्सीजन टैंक पहुंचा जेएएचSocial Media

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से जेएएच में ऑक्सीन की खपत में भी इजाफा हुआ है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ऑक्सीनज की किल्लत नहीं होने दे रहा है। सोमवार को ऑक्सीजन का टैंक पुलिस की सुरक्षा के बीच जेएएच पहुंचा और उसने टैंकों में गैंस भरी। जेएएच में ऑक्सीन की व्यवस्था के प्रभारी डॉक्टर आशीष माथुर ने बताया कि टैंक के माध्यम से कार्डियोलॉजी,जेएच एवं सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में बने टैंक में कुल 30 किलोलीटर गैस फिल की गई। अस्पताल प्रबंधन के बाद दो दिन का स्टॉक है और कोरोना के मरीज बढ़ने के कारण खपत में भी इजाफा हो गया है इस दिनों 7-8 किलोलीटर गैस प्रतिदिन लग रही है, लेकिन ऑक्सीजन की शार्टेज नहीं होने दी जाएगी। इसके साथ ही जेएएच के समूह में जहां ऑक्सीजन सिलेंडर से मरीजों का ऑक्सीजन दी जाती है वहां पर भी पर्याप्त स्टॉक रखा जा रहा है।

हाईकोर्ट ने यह दिया आदेश :

  • मध्यम एवं गरीबी परिवार को ध्यान में रखते हुए सभी जिला एवं छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमडेसेविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

  • निजी अस्पताल/नर्सिंग होम्स में इलाज के नाम पर मरीजों से वसूल की जाने वाली दरों को निश्चित किया जाए। वहीं, मेडिकल स्टोर भी जेनेरिक और ब्रांडेड रेमडेसेविर इंजेक्शन की दर अपने यहां लगाना सुनिश्चित करें।

  • निजी अस्पतालों द्वारा कोविड रोगियों से उपचार के लिए एडवांस डिपोजिट के नाम पर मोटी रकम जमा करवाने पर रोक लगाई जाए।

  • सरकार आवश्यकता पड़ने पर सरकारी/निजी स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग सेंटर, होटल, मैरिज गार्डन आदि को कोविड अस्पताल में बदलकर उपयोग में ले।

  • प्रदेश के बड़े शहरों पतन शवदाह गृहों की संख्या को बढ़ाया जाए। खराब पड़े शवदाह गृहों की मरम्मत की जाए।

  • इंडियन मेडिकल और एमपी नर्सिंग होम एसोसिएशन को सॉफ्ट लोन दिलवाने में मदद की जाए जिससे वह ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए स्वयं की एयर सेपरेशन यूनिट लगा सकें।

  • प्रदेश में मेडिकल, पैरा-मेडिकल आदि स्टाफ के खाली पड़े पदों को तत्काल अल्प समय के आधार पर भरा जाना चाहिए।

  • प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में रिटायर्ड हो चुके मेडिकल ऑफीसर, पैरा मेडिकल एवं नर्सिंग स्टाफ को पुन: अल्प समय 2 या तीन वर्ष के लिए नियुक्त किया जा सकता है।

  • न्यायालय ने ऑक्सीजन और रेमडेसेविर इंजेक्शन को लेकर केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह पूरे देश को दृष्टिगत रखते हुए इनकी उपलब्धता सुनिश्चित करे। ऑक्सीजन और रेमडेसेविर का उत्पादन बढ़ाया जाए । उत्पादन संभव नहीं हो पा रहा है तो आयात किया जाए। पर सुनिचिश्त किया जाए कि जब कोविड अपने पीक पर हो तो इसकी देश में कमी न हो।

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