मरीज आ रहे जेएएच-केआरएच में पैसा पहुंच रहा शिवपुरी डीन के खाते में
मरीज आ रहे जेएएच-केआरएच में पैसा पहुंच रहा शिवपुरी डीन के खाते मेंSocial Media

Gwalior : मरीज आ रहे जेएएच-केआरएच में, पैसा पहुंच रहा शिवपुरी डीन के खाते में

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : जीआरएमसी आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के डीन। आयुष्मान योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले मरीज हो रहे परेशान।

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। शिवपुरी में बैठकर जयारोग्य-केआरएच में आने वाले मरीजों का पैसा आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी ले रहे हैं। जबकि उन्हें डीन पद संभालते ही नोडल अधिकारी पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जिम्मेदार अधिकारी भी इस ओर एक्शन लेने से कतरा रहे हैं। जिम्मेदारों के एक्शन न लेने से परेशानी का सामना अस्पताल में आने वाले मरीजों को करना पड़ रहा है।

आयुष्मान योजना शासन की महत्वकांक्षी योजना है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस योजना को पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं। जयारोग्य अस्पताल कैंसर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.अक्षय निगम को जीआरएमसी डीन ने 14 फरवरी 2020 को आयुष्मान योजना का नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। इसी बीच शासन ने उन्हें राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में डीन पद का प्रभार सौंप दिया। डॉ.निगम ने शिवपुरी में डीन पद का प्रभार भी ग्रहण कर लिया, लेकिन अभी तक आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी पद से इस्तीफा नहीं दिया है। जबकि उन्हें डीन का पद संभालते ही नोडल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि इस ओर जीआरएमसी प्रबंधन भी पहल करते हुए नोडल अधिकारी बदल सकता है, लेकिन उन्होंने भी इस ओर कोई कदम नहीं उठाया है।

पकड़ा था फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाला :

जयारोग्य अस्पताल में 7 सितम्बर 2021 को फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले युवक कृष्णा को जेएएच की टीम ने पकड़ा था। उसके पास से फर्जी आयुष्मान कार्ड भी बरामद हुए थे। कम्पू थाना पुलिस ने कार्रवाई की थी। उस कार्रवाई के बाद नोडल अधीकारी के सहायक सुनील राठौर को तो जेएएच के आयुष्मान सेंटर से हटा दिया, लेकिन प्रबंधन ने नोडल अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की।

देख-रेख के अभाव में शासन की योजना को लग रहा पलीता :

देख-रेख के अभाव में लोग शासन की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत को पलीता लगा रहे हैं। जिन्हें आवश्यकता है, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि लोग अपने स्वार्थ के चलते फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने में लगे हैं। जिनका नाम लिस्ट में उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाता। उसके बाद भी कार्रवाई शून्य।

वर्तमान में यह हैं ऑफीसर/ कॉर्डिनेटर :

  • डॉ. अक्षय निगम, नोडल अधिकारी

  • डॉ. अर्चना कंसल, नोडल आफीसर

  • डॉ. आशीष गुप्ता,नोडल आफीसर

  • डॉ. सुरेन्द्र यादव,नोडल आफीसर

  • डॉ. आनंद शर्मा, नोडल आफीसर

  • डॉ. प्रीति शर्मा, नोडल आफीसर

  • डॉ. सतेन्द्र सिंह राजपूत, नोडल आफीसर

  • डॉ. गजेन्द्रपाल सिंह उइके, मेडिकल कॉर्डिनेटर

(नोट : डॉ.अक्षय निगम शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में डीन हैं।)

इनका कहना है :

एक ही व्यक्ति के पास दो पदों की जिम्मेदारी कैसे है। मैं इस संबंध में पता करूंगा। यदि मरीजों को परेशानी हो रही है तो इस व्यवस्था में परिवर्तन किया जाएगा। व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी।

अनुराग चौधरी, सीईओ, आयुष्मान

डीन को नोडल अधिकारी बदलना चाहिए, क्योंकि नोडल अधिकारी का काम मरीजों को देखना, आयुष्मान मित्रों को देखना सहित अनेक काम रहते हैं। जो दूसरे जिले में रहकर कर पाना संभव नहीं है। मैं इस संबंध में सीएमएचओ साहब को अवगत कराकर जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन के संज्ञान में यह मामला लेकर आऊंगा।

शिवराम सिंह कुशवाह, जिला नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत योजना

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