कचरे के ढेर हटे नहीं, सर्वे में हुआ खुलासा-स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में रैकिंग गिरने का खतरा
ग्वालियर। स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले तीन साल से लगातार ग्वालियर की रैकिंग गिर रही है। कागजों में अधिकारी सब कुछ बेहतर बताते हैं लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग है। भोपाल से आई यूएडीडी की कंसलटेंट टीम ने तीन दिन में प्री सर्वे किया जिसमें हर जगह गंदगी एवं लापरवाही सामने आई। लोग खुले में पेशाब करते दिखे, कचरे के ढेर हटे नहीं और गीला एवं सूखा कचरा घरों से अलग होता नहीं मिला। इस सर्वे की जानकारी टीम ने नवागत निगमायुक्त हर्ष सिंह को दे दी है। निगमायुक्त ने इन बिंदूओं पर कार्य करने के आदेश भी दे दिए हैं। इन निर्देशों का कितना पालन होता है यह एक सप्ताह में पता चल जायगा।
दरअसल नगर निगम अधिकारियों को स्वच्छता सर्वेक्षण बोरियत भरा काम लगता है। वर्ष 2016 से लगातार सर्वे किया जा रहा है लेकिन अब तक 20 प्रतिशत घरों से भी गीला एवं सूखा कचरा अलग होकर नहीं आ रहा। हर साल निगम अधिकारी कचरा ठिए खत्म करके वहां पेटिंग कराकर कुछ गमले रख देते हैं और फोटो खिंचकार अपने वरिष्ठ अधिकारियों को खुश कर देते हैं। जबकि हकीकत में तीन से चार दिन बाद फिर से ठिए पर कचरा डलने लगता है। नगरीय प्रशासन आयुक्त भरत सिंह ने ग्वालियर की लगातार गिरती रैकिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। साथ ही उन्होंने सर्वेक्षण से पहले भोपाल से यूएडीडी की कंसलटेंट कंपनी केपीएमजी के तीन सदस्यीय दल को प्री सर्वेक्षण करने के लिए भेजा। तीन दिन इस दल ने शहर का निरीक्षण किया। दल के सदस्यों ने जो रिपोर्ट दी उसमें बताया गया कि शहर में खुले में लोग पेशाब कर रहे हैं। उन्हे कोई रोक नहीं रहा। कचरा समय पर नहीं उठ रहा और कचरा प्रबंधन पर भी किसी का ध्यान नहीं है। टीम के सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट को लेकर निगमायुक्त हर्ष सिंह के साथ बैठक भी की है। टीम के सदस्यों ने जो आवश्यकताएं बताई हैं उसके अनुसार निगमायुक्त ने कार्य कराने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं।
गांधी रोड़ के 14 सी नंबर बंगले में रहेंगे निगमायुक्त
निगमायुक्त हर्ष सिंह रविवार को भोपाल रवाना हो गए हैं। वह अपना सामान लेने गए हैं और 12 अप्रैल को वापस आ जायंगे। उन्हें गांधी रोड़ पर स्थित 14 सी नंबर बंगला अलॉट हुआ है। निगम कर्मचारी इस बंगले की साफ सफाई कर रहे हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए जो तैयारी करनी है उन्हें लेकर निगमायुक्त ने नगर निगम के अधिकारिक गु्रप पर मैसज डाले हैं। साथ ही नगरीय प्रशासन प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने जिन बिंदूओं पर काम करने की जरूरत बताई है वह बिंदू भी गु्रप पर डाल दिए गए हैं।
सर्वे टीम ने रिपोर्ट में यह बताई खामियां
-शहर में जगह-जगह लोग खुले में पेशाब कर रहे हैं, कहीं कोई रोका टोकी नहीं है। टीम ने रेलवे स्टेशन परिसर में वाहन स्टेण्ड के पास होटलों के पीछे की दीवारों पर खुले में लोगों द्वारा पेशाब करने की जानकारी भी दी।
-जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। मुख्य मार्गों से भी कचरा ठिए नहीं हटाए गए।
-भवन निर्माण सामग्री जगह-जगह डली हुई है। न किसी पर जुर्माना किया जा रहा है न कार्यवाही की गई।
-घरों से गीला एवं सूखा कचरा अलग होकर नहीं आ रहा। निगम अमला लोगों को जागरूक करने में भी रूचि नहीं दिखा रहा।
-बाटर वॉडी के पास मूत्रालय एवं शौचालय बने हुए हैं जो कि नहीं होना चाहिए। अगर मूत्रालय एवं शौचालय पहले से बने हैं तो उनके निकासी पाईप का कनेक्शन सीवर लाईन में होना आवश्यक है।
6 साल में इस तरह रही ग्वालियर की रैकिंग
-वर्ष 2015-16 में 400 वां नंबर
-वर्ष 2016-17 में 27 वां नंबर
-वर्ष 2017-18 में 28 वां नंबर
-वर्ष 2018-19 में 59 वां नबर
-वर्ष 2019-20 में 28 वां नंबर
-वर्ष 2021-22 में 42 वां नंबर
10 लाख से अधिक की आबादी में मिली रैकिंग
-2020 में 13 वी रैकिंग मिली
-2021 में 15 वीं रैकिंग मिली
-2022 में 18 वी रैकिंग मिली
इनका कहना है
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर ग्वालियर के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इस बार बेहतर कार्य करते हुए हर हाल में बेहतर रैकिंग लानी है। प्री सर्वे में जो खामियां मिली है उन्हें दूर किया जायगा।
भरत यादव, आयुक्त, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मप्र
यूएडीडी की जो कंसलटेंट टीम आई थी उसने सर्वे रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी है। जो भी कमियां मिली है उन्हें दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। समय रहते व्यवस्थाओं को बेहतर किया जायगा।
हर्ष सिंह, निगमायुक्त, ग्वालियर
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