जिले में रेत का ठेका निरस्त कंपनी ब्लैक लिस्टेड
जिले में रेत का ठेका निरस्त कंपनी ब्लैक लिस्टेडPrafulla Tiwari

Hoshangabad : जिले में रेत का ठेका निरस्त, कंपनी हुई ब्लैक लिस्टेड

होशंगाबाद, मध्यप्रदेश : सरकार ने प्रदेश के होशंगाबाद सहित आधा दर्जन जिलों में रेत के ठेके निरस्त कर दिए हैं और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया है।

होशंगाबाद, मध्यप्रदेश। सरकार ने प्रदेश के होशंगाबाद सहित आधा दर्जन जिलों में रेत के ठेके निरस्त कर दिए हैं। इनमें सर्वाधिक महंगा और सबसे ज्यादा चर्चित होशंगाबाद की रेत खदानों का ठेका है जो तेलंगाना की कंपनी को मिला था। कंपनी ने सरकार को दी जाने वाली किश्तें जमा नहीं की थी। राशि जमा करने के लिए शासन के द्वारा कंपनी को तीन बार नोटिस दिए गए लेकिन भुगतान नहीं होने पर सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए ठेका निरस्त कर दिया और कंपनी को ब्लैक लिस्टेड भी कर दिया है। कंपनी अब होशंगाबाद तो क्या समूचे मध्यप्रदेश में रेत खनन का कारोबार नहीं कर सकेगी।

प्रदेश का सबसे महंगा खदान का ठेका फिर होगा :

प्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे महंगी होशंगाबाद की रेत खदान का ठेका फिर से होगा। राज्य सरकार ने पिछले साल 13 जनवरी को यह ठेका छत्तीसगढ़ की कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन (आरकेटीसी) को 261 करोड़ रु. में दिए थे, लेकिन कंपनी ने खनिज विभाग द्वारा नोटिस देने के बावजूद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर की तीन किस्तों के 63 करोड़ 49 लाख 66 हजार 508 रु. जमा नहीं किए। इसीलिए विभाग ने ठेका निरस्त कर कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। साथ ही कंपनी की देय बकाया राशि पर ब्याज लगाने और सुरक्षा निधि जब्त करने के आदेश दिए हैं। विभाग के इस फैसले के बाद होशंगाबाद कलेक्टर खदानों का कब्जा अपने अधीन लेंगे।

स्टॉक रेत बेचने की मंजूरी, रॉयल्टी देने को तैयार :

प्रदेश में होशंगाबाद जिले में118 खदानें हैं, जो आरकेटीसी को तीन साल के लिए यानी 30 जून 2023 तक मिली थी। कोरोना की मार के चलते कंपनी घाटे में थी और सितंबर से ठेका छोड़ने की कवायद में लगी हुई थी। कंपनी ने माइनिंग काॅर्पोरेशन को पत्र लिखा था। 16 दिसंबर को पत्र में उसने तर्क दिया था कि वो रेत की उत्खनित मात्रा के हिसाब से रेत की रॉयल्टी देने को तैयार है। शासन ने इन सभी तर्कों को अमान्य करने के साथ ही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की है। हालांकि कंपनी को स्टॉक से रेत बेचने की मंजूरी वाले आदेश पर कोई रोक नहीं लगी है। इसके पहले तेलंगाना की पावर मैक कंपनी को 217 करोड़ में ठेका मिला था।

खनन बंद तो निर्माण का ठप :

ठेका निरस्त होते ही कंपनी ने जिले की खदानों से रेत का खनन बंद कर दिया है और उसी के साथ ही ना सिर्फ होशंगाबाद जिला बल्कि भोपाल शहर आसपास के इलाकों में रेत की आपूर्ति प्रभावित हुई है और इसका असर निर्माण कार्यों पर भी पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि जल्दी ही नया ठेका नहीं हुआ तो रेत की कीमत में और इजाफा होगा फिलहाल स्टाक की रेत बेचने की अनुमति है लेकिन इसके भी दाम बढ़ा दिए गए हैं।

सुर्खियों में रहा अवैध खनन अब और मिलेगा बढ़ावा :

अवैध रेत खनन के मामले में होशंगाबाद जिला नासिर पत्र प्रदेश बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बुरी तरह बदनाम हो चुका है। करोड़ों का ठेका होने के बाद भी जिले में नर्मदा और अन्य नदियों से लगातार रेत का अवैध उत्खनन होता रहा और रोकथाम के तमाम प्रशासनिक उपाय और इंतजामों के बीच इसमें कोई कमी नहीं आई। समझा जा रहा है कि ठेका कंपनी को नुकसान का यह भी एक बड़ा कारण रहा कि जिले में रेत माफिया सक्रिय रहा जिसके कारण कंपनी को घाटा उठाना पड़ा संभवत: यही कारण है कि आमदनी पर्याप्त नहीं होने के कारण कंपनी किश्त जमा नहीं कर पाई। रेत खनन बंद होने से निर्माण कार्य ठप होते जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही नए ठेके नहीं हुए तो अवैध उत्खनन को और बढ़ावा मिलेगा जिले में रेत माफिया काफी समय से सक्रिय है। जबकि अधिकृत ठेका व्यस्त हो चुका है तो ऐसे में रेत की मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन गड़बड़ाना निश्चित है। इसकी भरपाई के लिए रेत माफिया अब दोगुनी ताकत के साथ अवैध तरीके से रेत निकालेगा और उसके दाम निश्चित रूप से बढ़ेंगे जिनका असर निर्माण कार्यों की लागत पर पड़ना तय है।

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