आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने के नाम पर वसूली की तो जा सकते हैं जेल

National Commission for Indian Systems of Medicine : आयुष मंत्रालय के संज्ञान में आया कि, एएसयू मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने के नाम पर कुछ व्यक्ति वसूली कर रहे हैं।
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हाइलाइट्स :

  • संज्ञान में आए थे कई ठगी के मामले।

  • NCISM टीम द्वारा निरीक्षण प्रारंभ।

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्यवाही करने निर्देश।

मध्यप्रदेश। आयुर्वेद, यूनानी और सिद्धा मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने के नाम पर वसूली या ठगी की तो संबंधित व्यक्ति को जेल जाना पड़ सकता है। नई दिल्ली स्थित मेडिकल असिस्मेंट एंड रेटिंग बोर्ड फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के प्रेसीडेंट डॉ रघुराम भट्ट ने ASU (आयुर्वेद, यूनानी व सिद्धा - सोवा रिग्पा) के प्रिंसिपल, डॉयरेक्टर व डीन को पत्र लिखकर ऐसे मामलों में जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए सख्त कानूनी कार्यवाही करने को कहा है।

मध्यप्रदेश समेत देशभर के आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा- सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेजों का केंद्रीय आयुष मंत्रालय की सहमति पर भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग (NCISM) टीमों द्वारा निरीक्षण प्रारंभ हो गया है। मेडिकल असिस्मेंट एण्ड रेटिंग बोर्ड फॉर इण्डियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के प्रेसीडेंट डॉ रघुराम भट्ट ने एएसयू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉयरेक्टर व डीन को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार और उन एजेंटों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिए कहा है जो कॉलेज को मान्यता दिलाने के नाम पर ठगी करते हैं।

दरअसल आयुष मंत्रालय, NCISM व रेटिंग बोर्ड एनसीआईएसएम के संज्ञान में आया कि, एएसयू मेडिकल कॉलेज की मान्यता दिलाने के नाम पर कुछ व्यक्ति - एजेंट धन की मांग व वसूली में लिप्त होकर झूठा आश्वासन दे रहे हैं, जबकि कॉलेज की अनुमति प्रक्रिया पूरी तरह से संबंधित अधिनियमों व विनियमों पर निर्भर करती है। बता दें कि, मध्यप्रदेश, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश , छत्तीसगढ़ प्रदेश समेत देशभर में 550 से ज्यादा ASU मेडिकल कॉलेज संचालित हैं।

इस संबंध में जब आयुष मेडिकल एसोसिएशन व आयुर्वेद सम्मेलन के प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय से चर्चा की गई तो उन्होंने केंद्रीय आयुष मंत्रालय, एनसीआईएसएम व मेडिकल असिसमेंट एण्ड रेटिंग बोर्ड एनसीआईएसएम की कार्यवाही व भष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति की सराहना करते हुये कहा कि कानून सभी के लिये बराबर है।

NCISM ने कहा कि, चाहे कोई भी हो, संस्थागत स्टॉफ ही क्यों न हो अथवा किसी पर भी शंका होने पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय, आयोग को सूचित करें। आयोग ने इस प्रकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ NCISM Act 2020 तथा भारतीय दंड संहिता - 1860 व अन्य प्रासंगिक कानून के तहत कानूनी कार्यवाही को कहा है।

भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा जारी सर्कुलर
भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग द्वारा जारी सर्कुलरRaj Express

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