हाइलाइट्स :
3 दिन में सीएमएचओ ने मांगे जवाब
सिविल सर्जन भी 7 दिन में भेजेंगे आंतरिक जांच रिपोर्ट
शहडोल, मध्य प्रदेश। सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित ब्लड बैंक से हो रही खून की कालाबाजारी और उसमें शामिल स्थानीय कर्मचारियों का चेहरा सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सोमवार को हरकत में आ गया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश पाण्डेय ने राज एक्सप्रेस की खबर को संज्ञान में लेते हुए पूरे मामले के सूत्रधार व्हीटी वैन के चालक राकेश वर्मन सहित कमलभान बैगा, केमला बैगा तथा आशा नामक महिला कर्मचारी को नोटिस देकर तीन दिन में उनसे जवाब मांगे हैं। इन जवाबों के बाद इस मामले में विभाग को प्राप्त हुए साक्ष्यों के आधार पर इनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
सिविल सर्जन को भी जिम्मेदारी :
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. विक्रम बारिया सहित दो अन्य चिकित्सकों की टीम बनाकर उन्हें पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी भी दी है, संभवत: यह टीम 7 दिनों के अंदर खून की कालाबाजारी और इस पूरे मामले की तह तक जांच करेगी, डॉ. राजेश पाण्डेय ने बताया कि इस मामले में और कितने लोग शामिल थे तथा भविष्य में इसकी पुर्नावृत्ति न हो इसके लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं।
डॉक्टरी छोड़ उमेश ने ब्लड बैंक में डाला डेरा :
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. सुधा नामदेव के पति व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश नामदेव इस मामले को लेकर पूरे दिन परेशान रहे, एक तरफ वे अपने मामले में डैमेज कंट्रोल करने में लगे थे, वहीं जिला चिकित्सालय में अपने बच्चों का इलाज कराने के लिए आये परिजन और बच्चे उन्हें ढूंढते हुए नजर आये, श्री नामदेव ने राज एक्सप्रेस से की गई चर्चा के दौरान यह बताया कि उनके सहमति पर ही व्हीटी वैन का चालक राकेश वर्मन यहां बैठता है, इस संबंध में किसे-क्या आपत्ति हो सकती है।
खून के सौंदे नहीं, एम्बुलेंस भी चलवाता है राकेश :
राज एक्सप्रेस से हुई चर्चा के दौरान डॉ. सुधा नामदेव ने बताया कि इस मामले से वे खुद आहत हैं, जब यह सौदा हुआ तो, वो खुद यहां नहीं थी, वो खुद चाहती हैं कि मामले की जांच हो, उन्होंने कहा कि मैनें अपना जीवन ब्लड बैंक को समर्पित किया है, राकेश के संदर्भ में उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से मालूम है कि राकेश यहां कर्मचारी होने के बाद भी निजी एम्बुलेंस का कारोबार करता है, लेकिन खून के सौदे के संदर्भ में उन्हें कोई जानकारी नहीं।
मंत्री से संत्री पर लगाये जातिवाद व रिश्वतखोरी के आरोप :
राज एक्सप्रेस से हुई चर्चा के दौरान डॉ. श्रीमती सुधा नामदेव ने कहा कि सीएमएचओ पद से हटाये जाने के बाद डॉ. राजेश पाण्डेय विभाग के मंत्री नरोत्तम मिश्रा व स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत वीरेन्द्र पाण्डेय, जय पाण्डेय को 15 लाख रूपये देकर जातिवाद फैला दिये और दोबारा सीएमएचओ बन गये, उन्होंने मीडिया से मांग की कि इस मामले को उठाया जाये।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुआ ब्लड बैंक :
सोमवार को ब्लड बैंक से हो रही खून की कालाबाजारी व सौदों का मामला मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद, यह पूरा मामला दिन भर सोशल मीडिया में ट्रोल होता रहा, दर्जनों लोगों ने इस मामले में ब्लड बैंक व वहां के जिम्मेदारों को जमकर कोसा, सोशल मीडिया पर खून के सौदेबाजी के इस खेल पर यूजरों ने जमकर गुस्सा निकाला।
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