केन्द्र-राज्य की इकाईयां बनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी

शहडोल, मध्यप्रदेश : जिले में कोयले के उत्पादन पर चल रहा है कालाबाजारी का खेल, शासन के बनाए नियम और कानून की उड़ रही धज्जियां।
केन्द्र-राज्य की इकाईयां बनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
केन्द्र-राज्य की इकाईयां बनी प्राइवेट लिमिटेड कंपनीShubham Tiwari

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में कोयले के काले खेल में अधिकारियों ने कोल व्यवसायी के इशारे पर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि, शासन के बनाये गये आदेश और नियम रौंद दिये गये, मौखिक आदेशों पर खदान से कोयला वाशरी के कोल स्टॉक पहुंच जाता है, खदान से संजय गांधी की जगह मौखिक आदेश पर ईटीपी ऑयरन इस्पात एण्ड पॉवर लिमिटेड के नाम से कट रही है, यह पूरा खेल छत्तीसगढ़ के कोल व्यवसायी प्रमोद जैन के इशारे पर खेला जा रहा है, नियमों को तोड़ना हो या फिर कोयले की हेराफेरी, तस्करी जैसे काम कोल वाशरी की आड़ में खेले जा रहे हैं। संजय गांधी के जिस अधिकारी के पास कोयले की पूरी कमान थी, शिकायत सीएम कमलनाथ तक पहुंचने के बाद उसे उक्त कार्य से हटाते हुए जांच ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव मो. सुलेमान को सौंप दी गई है।

पॉवर प्लांट की जगह वाशरी में डम्प :

अमलाई ओसीएम से 11 हजार मैट्रिक टन कोयला निकल गया, जो कि संजय गांधी ताप विद्युत गृह पहुंचना था, वह न तो अमलाई सायडिंग पहुंचा और न ही संजय गांधी, उक्त कोयले को अनूपपुर जिले के धिरौल स्थित ऑयरन इस्पात के कोल भण्डारण में भण्डारित कर दिया गया। जबकि आदेश के मुताबिक अमलाई ओसीएम से सीधे कोयला अमलाई सायडिंग पहुंचना था और फिर मालगाड़ी के माध्यम से संजय गांधी पॉवर प्लांट ऐसा न करके शासकीय उपक्रमों ने व्यापक पैमाने पर अनियमितताएं की। जो कि नियमों और शर्तों के तहत दण्डनीय अपराध है।

आयरन इस्पात को जारी हुई ईटीपी :

संजय गांधी ताप विद्युत गृह इकाई ने एसईसीएल के सोहागपुर क्षेत्र के अमलाई ओसीएम से ए-ग्रेड के स्टीम कोयले का डीओ खरीदने के बाद लोडिंग और अनलोडिंग का काम पहले महावीर बेनीफिकेश और वर्तमान में ऑयरन इस्पात एण्ड पॉवर लिमिटेड कंपनी को दिया था, अमलाई ओसीएम में बैठे अधिकारियों ने मौखिक आदेशों के तहत ईटीपी ऑयरन इस्पात के धिरौल भण्डारण की काट दी, जबकि विक्रेता को नियमों के तहत क्रेता के नाम से ईटीपी जारी करने के प्रावधान हैं।

सीएम तक पहुंची शिकायत :

संजय गांधी ताप विद्युत गृह परियोजना में कोयले की क्वालिटी में हो रही गड़बड़ी की शिकायत सूबे के मुखिया कमलनाथ तक पहुंचने के बाद इस पूरे मामले की जांच ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव मो. सुलेमान को सौंपी गई है, शिकायत में पॉवर प्लांट के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद कई पर कार्यवाही की गाज भी गिरने की संभावना है। केन्द्र और राज्य सरकार की इकाईयां कोल व्यवसायी के लिए प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनकर काम कर रही हैं।

कोल सेक्शन से हटे जैन :

संजय गांधी ताप विद्युत गृह परियोजना में कोयले का काम देखने वाले अतिरिक्त मुख्य अभियंता एस.के. जैन को कोयले के काम से शिकायत होने के बाद हटा दिया गया, शिकायत में एस.के. जैन के ऊपर ही पूरा चक्रव्यूह रचने और षड्यंत्र करने का आरोप है, साथ ही एक कैमिस्ट के रूप भी गंभीर आरोप लगाये गये हैं। आरोप यह भी हैं कि जैन नामक अधिकारी के संरक्षण में अर्सो से मिलावटी कोयले का खेल-खेला जा रहा था और मास्टर माइंड होने का आरोप भी उसी के ऊपर लग रहा था। संजय गांधी के कथित अधिकारी वेतन तो राज्य सरकार से ले रहे हैं, लेकिन चाकरी प्रमोद जैन की कर रहे हैं, यही हाल एसईसीएल के अधिकारियों का भी है। अचरज की बात यह है कि प्रदेश के खनिज संसाधन मंत्री अनूपपुर जिले के प्रभारी मंत्री भी है और उनके प्रभार वाले जिले में कोयले का काला खेल-खेला जा रहा है और खनिज विभाग के अधिकारी खामोश बैठे हैं।

शर्तों का खुलेआम हो रहा उल्लंघन :

कथित कंपनी को करोड़ों रूपये का ठेका संजय गांधी ने जिन शर्तों के तहत दिया है, उन शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है, जिसमें संरक्षण संजय गांधी परियोजना का भी है, इसके साथ ही एसईसीएल के अधिकारी भी मिले हुए हैं। वाहन तय रूट से अलग कोयला लेकर दौड़ रहे हैं, जहां पर कोयला जाना चाहिए, वहां न पहुंचकर कहीं और पहुंच रहा है, अगर इस मामले में जांच हुई तो आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियों के काले कारनामों से पर्दा उठेगा।

नियमों में क्या लिखा है, इसे देखना पड़ेगा, हमारा 11 हजार मैट्रिक टन कोयला कोल वॉशरी के भण्डारण में रखा हुआ है, रैक पहुंचने पर सैंपलिंग की जाती है और उसकी फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी भी की जाती है, रही बात आरोप और शिकायत की तो कोई भी लगा सकता है, जांच रिपोर्ट में सच्चाई सामने आयेगी। बीच में खबरें आईं थी कि वॉशरी के लोग कुछ गड़बड़ी कर रहे हैं तो उन्हें फटकार भी लगाई गई थी और टीम ने दौरा भी किया था।

एस.के.जैन, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर पाली

हमारे यहां कई कंपनियों के कोयले का डीओ आता है, यह देखकर बताना पड़ेगा कि किस-किस का कितना कोयला हमारे कोल भण्डारण में है, संजय गांधी के लोग भी हमारे यहां आते-जाते रहते हैं।

एस.पी. दीक्षित, प्रबंधक, ऑयरन इस्पात एण्ड पॉवर लिमिटेड

कोयले से जुड़े हुए बिन्दुओं की जांच की जा रही है, भण्डारण में अगर अनियमितता मिली तो कार्यवाही होगी।

पी.पी.राय खनिज अधिकारी अनूपपुर

अगर ईटीपी गलत जारी हो रही है तो बुधवार को जांच करवाई जायेगी, उल्लंघन मिलने पर कार्यवाही भी प्रस्तावित की जायेगी।

सुश्री फरहत जहां, खनिज अधिकारी, शहडोल

मुख्यालय से हमें आदेश मिला है, जिसके चलते हम ऑयरन इस्पात के नाम से ईटीपी जारी कर रहे हैं। आप ऊपर चर्चा कर सकते हैं। सबको इस बारे में जानकारी है।

सी.एल.पटेल, तकनीकी निरीक्षक, अमलाई ओसीएम

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