हाइलाइट्स :
आज भोपाल में दिग्विजय सिंह ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दिग्विजय ने ईवीएम, वीवीपैट और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने EVM से जुड़े कई सवाल किए
Digvijaya Singh Press Conference: आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इस दौरान उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), वीवीपैट और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने EVM से जुड़े कई सवाल किए और सॉफ्टवेयर ही तय करेगा किसकी सरकार बनेगी।
भोपाल में ईवीएम में गड़बड़ी का डेमो:
बता दें, भोपाल में दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मशीनों और वीवीपैट में कथित मैनिपुलेशन का लाइव डेमो दिखाते हुए निर्वाचन आयोग से मांग की हैं कि आयोग चुनावों में मत डालने के बाद मतदाताओं के हाथ में पर्ची दे, जिन्हें मतदाता मतपेटी में डालें और उन्हीं पर्चियों की बाद में गणना हो।
दिग्गी ने कहा कि, गुजरात के एक सूचना का अधिकार कार्यकर्ता और आईआईटी स्नातक के माध्यम से ये लाइव डेमो प्रदर्शित करवाया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेहता ने एक जुगाड़ ईवीएम मशीन बनाई है। इस दौरान मेहता ने 10 लोगों से वोट डलवाकर ये प्रदर्शित किया कि किस प्रकार मशीन के अंदर मतदाता पर्चियों के प्रकाशन में प्री प्रोग्रामिंग के माध्यम से कथित तौर पर मैनिपुलेशन किया जा सकता है।
डेमो के बाद दिग्गी ने केंद्र सरकार-निर्वाचन आयोग पर कई आरोप लगाए:
इस डेमो के बाद दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग पर लगातार कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वीवीपैट में पर्ची दिखाई देती है पर वो हाथ में नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि 2003 से लेकर आज तक चुनाव आयोग इस सॉफ्टवेयर को पब्लिक डोमेन में इसलिए नहीं लाता क्योंकि आयोग का कहना है कि इसे हैक किया जा सकता है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि इन मशीनों को प्री प्रोग्रामिंग के माध्यम से वैसे भी मैनिपुलेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि वे और सिविल सोसायटी के बहुत से लोग आयोग से इस बारे में सवाल करते हैं, लेकिन आयोग कभी सवालों के जवाब नहीं देता दिग्विजय सिंह ने ये आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के 24 दलों ने मेमोरेंडम देकर आयोग से मिलने के लिए समय मांगा, लेकिन छह महीने से आयोग ने मिलने का समय नहीं दिया।
अपनी मांग लगातार दोहराते हुए दिग्गी ने कहा
दिग्गी ने अपनी मांग लगातार दोहराते हुए कहा कि ईवीएम मशीनों में जो दिखता है, वो छपता नहीं, इसलिए उनकी मांग है कि जो बटन दबाया गया है, आयोग उस पर्ची को मतदाता के हाथ में दे, उसे मतदाता मतपेटी में डाल दे और उसी की गिनती हो क्योंकि ईवीएम में प्री प्रोग्रामिंग से नतीजे बदले जाते हैं।
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