इंदौर ट्रैफिक पुलिस को मिली 90 पीओएस मशीन
इंदौर ट्रैफिक पुलिस को मिली 90 पीओएस मशीनRaj Express

Indore : अब नहीं चलेगा केश नहीं का बहाना, ट्रैफिक पुलिस को मिली 90 पीओएस मशीन

इंदौर, मध्यप्रदेश : ट्रैफिक रूल तोड़ने पर नहीं चलेगा केश नहीं होने का बहाना, अब पुलिस को 90 पीओएस मशीन मिल गई है, जिसके माध्यम से चालान या समन शुल्क का डिजिटल भुगतान मौके पर ही किया जा सकता है

इंदौर, मध्यप्रदेश। ट्रैफिक रूल तोड़ने पर अक्सर वाहन चालक नकद रुपए नहीं होने का बहाना बनाते हैं, लेकिन अब पुलिस को 90 पीओएस मशीन मिल गई है, जिसके माध्यम से चालान या समन शुल्क का डिजिटल भुगतान मौके पर ही किया जा सकता है।

बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम पलासिया के सभागृह में कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र द्वारा पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनो का वितरण कर चालान की समन शुल्क राशि के डिजिटल पेमेंट व्यवस्था का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर एडी. सीपी मनीष कपूरिया, राजेश हिंगड़कर, डीसीपी ट्रैफिक महेशचंद जैन सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

कमिश्नर मिश्र ने बताया कि तकनीकी के इस दौर में यह बेहद आवश्यक था। इससे चालानी कार्रवाई में और अधिक पारदर्शिता आएगी। ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने की समन शुल्क राशि जमा करने के लिए डिजिटल पेमेंट की इस नई व्यवस्था के तहत इंदौर पुलिस को 90 पीओएस मशीन प्रदान की गई है। इससे वाहन चालक पीओएस मशीन के माध्यम से डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुर्माने की राशि का भुगतान कर सकते हैं। पीओएस मशीन के माध्यम से चालानकर्ता मौके पर वाहन चालक का फोटो खींचेगा और गाड़ी का रजिस्टर्ड नंबर या चेचिस नम्बर पीओएस मशीन में फीड करेगा। मशीन में वाहन स्वामी की जानकारी स्वत: डिस्प्ले पर आ जाएगी, साथ ही अन्य जानकारी अधिकारी द्वारा फीड की जाएगी। पेमेंट ऑप्शन में से एक को सिलेक्ट कर जुर्माना भरा जा सकेगा। चालक द्वारा नगद भुगतान करने की स्थिति में भी पीओएस मशीन से चालान जनरेट हो सकेगा। यदि वाहन चालक के पास डिजीटल पेमेंट की सुविधा नहीं है, तो पीओएस में उसके बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को फीड कर मैसेज द्वारा एक लिंक शेयर की जाएगी। वाहन चालक लिंक के माध्यम से 7 दिन में जुर्माने का भुगतान कर सकता है। इसके बावजूद यदि चालान जमा नहीं होता है तो इस स्थिति में चालान न्यायालय जाकर जमा करना होगा। मौके पर यातायात पुलिस के अधिकारियों को पीओएस मशीनों का वितरण कर मशीन को चलाने की विधि का भी प्रशिक्षण दिया गया।

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