इंदौर, मध्यप्रदेश। नगर निगम ने 1 अप्रैल से जो विभिन्न टैक्स वृद्धि की है, यदि यह लागू हो जाता है, तो हर माह एक मकान मालिक की जेब पर कम से कम 940 रुपए का अतिरिक्त भार और सालभर का 11280 पड़ेगा, इसके साथ संपत्तिकर गाइड लाइन से चुकाना होगा, इसका भार अलग से पड़ेगा। वर्तमान में घर-घर कचरा वाहन का शुल्क 62 रुपए से शुरू होकर 150 रुपए प्रतिमाह (घरेलू) था, जिसे बढ़ाकर 150 से 300 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया है।
इसी प्रकार नर्मदा के पानी के लिए प्रतिमाह 200 रुपए चुकाना पड़ रहे थे, अब बढ़कर 400 रुपए प्रतिमाह देना होगा। नगर निगम अब सीवरेज शुल्क भी वसूलेगा आवासीय श्रेणी में सीवरेज लाइन जोड़ने पर 240 हर महीने देने होंगे। यही स्थिति संपत्ति कर को लेकर है, जिसमें भी नगर वासियों को अपनी-अपनी संपत्ति पर भारी टैक्स अब नगर निगम को चुकाना पड़ेगा। दरअसल, इंदौर की स्वच्छता रैंकिंग में जो प्रमुख शर्ते हैं, उनमें खर्चों की भरपाई शहर की जनता से किया जाना भी प्रमुख है।
इस कारण बढ़ा रहा निगम टैक्स :
निगम ने पहली बार 5 गुना टैक्स बढ़ाने को लेकर जो वजह बताई थी, उसके मुताबिक इंदौर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 204. 83 करोड़ रुपए, जल प्रदाय सेवा में 302.46 करोड़ रुपए और सीवरेज में 27 करोड़ से ज्यादा की राशि व्यय की गई है। इस राशि की तुलना में जो राशि कलेक्शन के बाद प्राप्त हुई है, वह कम है, इसलिए 5 गुना टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। इस पर शासन ने 5 गुना टैक्स के स्थान पर दोगुना कर लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। यह भी प्रदेश में किसी शहर में लगने वाला सर्वाधिक टैक्स होगा। निगम द्वारा की गई इस प्रस्तावित वृद्धि को लेकर आमजन में काफी रोष है और इसका विरोध भी सोशल मीडिया पर शुरू हो गया है। वहीं इस मामले में अब तक इंदौर नगर निगम प्रशासन ने कोई भी अधिकृत बयान या टैक्स में की गई वृद्धि को लेकर बयान और न ही टैक्स की सूची जारी की है।
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