अमानक और अवैध स्पीड ब्रेकर दे रहे शरीर को दर्द और वाहनों को नुकसान
अमानक और अवैध स्पीड ब्रेकर दे रहे शरीर को दर्द और वाहनों को नुकसानसांकेतिक चित्र

Indore : अमानक और अवैध स्पीड ब्रेकर दे रहे शरीर को दर्द और वाहनों को नुकसान

इंदौर, मध्यप्रदेश : शहर की विभिन्न सड़कों पर नियमों को तोड़ते हुए स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। इससे जहां पीठ दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं इससे वाहनों की रिपेयरिंग का खर्च भी बढ़ा है।

इंदौर, मध्यप्रदेश। शहर की विभिन्न सड़कों पर नियमों को तोड़ते हुए स्पीड ब्रेकर बना दिए गए हैं। इससे जहां पीठ दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वहीं इससे वाहनों की रिपेयरिंग का खर्च भी बढ़ा है। इसके बाद भी सड़कों पर बने इन ब्रेकरों को हटाने पर विभागों के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। नियमानुसार हाइवे या गलियों में कहीं भी स्पीड ब्रेकर बनाने का नियम नहीं है। बेहद जरूरी होने पर मामला जिला यातायात सुरक्षा समिति के पास जाता है और उसके अनुमोदन के बाद ही निश्चिम मापदंड के अनुरूप ब्रेकर बनवाए जाते हैं। इसका पालन इंदौर शहर में नहीं हुआ और गली-गली में ब्रेकर बना दिए गए हैं, जो 10 इंच चौड़े और 9 इंच तक ऊंचे हैं। शहर में बनी कई नई सड़कों पर भी वाहनों की स्पीड को कम करने के लिए कांक्रीट और डामर से स्पीड ब्रेकर लगाए गए हैं। लेकिन इनके निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया गया है। इससे दोपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार बन रहे हैं।

जानकारी के अनुसार अमानक स्पीड ब्रेकर गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों के लिए भी घातक हैं। वाहन पर इससे होने वाले झटके कमर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। शहर की सड़कों पर बिना किसी मानक के नियम विरुद्ध बने स्पीड ब्रेकर्स से लगातार गुजरने पर वाहन चालकों की रीढ़ की हड्डी को झटका लगता है। इससे हड्डियां क्रेक या मसल्स डेमेज हो सकती हैं जो धीरे-धीरे करके कुछ दिनों बाद कमर दर्द के रूप में सामने आती है। ब्रेकर से बाइक या कार के कलपुर्जों को नुकसान पंहुचता है।

बनाने के लिए लेनी पड़ती है परमिशन :

स्पीड ब्रेकर ट्रैफिक पुलिस व लोगों की मांग पर नगरीय निकाय भी बनवाती है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी को आवेदन देना होता है। विभाग के अधिकारी ब्रेकर की आवश्यकता जांचने के बाद परमिशन देते हैं, जबकि शहर में मनमर्जी से ब्रेकर बनेे हैं। अब रहवासी क्षेत्रों में भी कांक्रीट से अमानक ब्रेकर बनाया गया है। जानकारी के अनुसार मोहल्लों में अपने-अपने घर के सामने ब्रेकर बनवा लेते हैं। यह गैर कानूनी है। यह सड़क निर्माण एजेंसी या स्थानीय नगरीय निकाय की जमीन में अतिक्रमण जैसा है। इस पर जुर्माना भी ठोका जा सकता है। मानक के अनुसार

स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर व वृत्ताकार रेडियस 17 सेंटीमीटर हो। स्पीड ब्रेकर बनाने का मकसद वाहनों की स्पीड 20 से 25 किलोमीटर करना होता है। स्पीड ब्रेकर पर थर्मो प्लॉस्टिक पैंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, जिससे वाहन चालकों को रात में भी दिखे। वाहन चालक को अलर्ट करने के लिए ब्रेकर से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड लगा होना चाहिए। एक्सपर्ट के अनुसार भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) की ब्रेकर निर्माण को लेकर गाइड लाइन है। इसमें यह ध्यान दिया गया है कि सड़क पर स्पीड ब्रेकर की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई का स्लोप इस तरह बनाया जाए, जिससे वाहन की स्पीड तो कम करनी पड़े, लेकिन चालकों को हिचकोले या झटके नहीं लगें।

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