इंदौर, मध्यप्रदेश। तेंदुए के हमले से 7 वर्षीय बच्ची की मौत के बाद ग्रामीण खौफजदा है। वहीं, घटना के बाद जागा वनविभाग जंगल से सटे गांवों व कस्बों में मुनादी कर वह लोगों को सतर्क करेगा। साथ ही घरों से बाहर नहीं सोने व मवेशियों को खुले में नहीं छोडऩे को लेकर भी अलर्ट करेगा। बीट गार्ड को क्षेत्र में लगातार दौरा करने के साथ ही जंगली जानवरों के मूवमेंट पर नजर रखने के निर्देश भी दिए हैं। चोरल रेंज के कक्ष-205 में बुधवार-गुरुवार की रात रवीना की तेंदुए के हमले में मौत हो गई थी। हमले के दौरान शोरगुल सुनकर परिवार जागा तो तेंदुआ बच्ची को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई थी। जानकारी मिलते ही अलसुबह वन विभाग से लेकर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। इसके बाद पूरे क्षेत्र में वन विभाग का अमला सतत भ्रमण कर रहा है ताकि फिर से तेंदुआ किसी को शिकार ना बना ले।
घटना के बाद चोरल रेंजर ने सभी बीट गार्ड को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सतत गश्त करें। गांववासियों को भी अलर्ट कर उन्हें रात में घरों से बाहर नहीं निकलने और बाहर नहीं सोने को कहें। मैदानी अमले ने भी अपना मूवमेंट तेज कर दिया है। रेंजर रविकांत जैन ने बताया कि हम वन समितियों की बैठक लेकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं ताकि ऐसी घटना फिर न हो।
बच्ची की मौत के बाद वन विभाग ने शव पोस्टमार्टम भी कराया है। मौत का सही कारण जानने के लिए अभी अधिकारियों को पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। अधिकारियों ने तुरंत ही परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई थी, अब वन अधिनियम के तहत मिलने वाले मुआवजे की राशि के लिए प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। ताकि समय रहते परिजनों को मुआवजे की पूरी राशि मिल जाए।
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