Indore : दूषित पानी के कारण शहर में बढ़े वायरल हेपेटाइटिस के मामले
इंदौर, मध्यप्रदेश। बारिश थमने के बाद शहर में जलजनित बीमारियों के बढ़ते मामलों ने लोगों को परेशान कर रखा है। शहर के डॉक्टरों ने भी वायरल हेपेटाइटिस को लेकर सतर्क रहने की सलाह लोगों को दे दी है, क्योंकि अचानक कुछ दिनों से इस बीमारी से पीड़ितों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसा संभवत: दूषित पानी के कारण हो रहा है। बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे है।
वायरल हेपेटाइटिस जिसे आम बोलचाल में पीलिया भी कहा जाता है। यह बीमारी लीवर को प्रभावित करती है। इस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे हो रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक अमूमन मानसून के दौरान पीलिया और अन्य बीमारियों के मामले बढ़ जाते हैं, लेकिन बच्चों में हेपेटाइटिस ए और ई सहित वायरल हेपेटाइटिस के मामले भी बढ़ रहे हैं।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और जनरल फीजिशियन डॉ. शेखर डी राव ने बताया कि मानसून के दौरान वायरल हेपेटाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं, क्योंकि मैंने एक महीने में लगभग 25 मामले देखे हैं जो सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत अधिक है। बच्चे इस बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं और इलाज में देरी से उनका लीवर भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि हेपेटाइटिस विभिन्न तरीकों से लोगों को प्रभावित कर सकता है। जबकि हेपेटाइटिस से प्रभावित एक व्यक्ति को थकान, पेट दर्द या बुखार का सामना करना पड़ सकता है, दूसरे को यह भी नहीं पता होगा कि उसे हेपेटाइटिस है। बहुत से लोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का विकास करते हैं, जिनमें लीवर का फेल होना या बीमारी के उपचार में देरी के कारण दीमाग को नुकासन पहुंचना शामिल है। बीमारी के प्रमुख लक्षणों में बुखार, भूख न लगना, कमजोरी और अन्य शामिल हैं। माता-पिता को इस मौसम में अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना चाहिए क्योंकि दूषित पानी का सेवन उन्हें इस बीमारी का शिकार बना रहा है। उक्त लक्षण मिलने पर तुरंत मरीज को डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू करना चाहिए। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि इस साल के हेपेटाइटिस दिवस यानी 29 जुलाई की थीम वायरल हेपेटाइटिस के मामलों पर जोर देना और मरीजों को समय पर इलाज मुहैया कराना रखी गई थी। बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन बेहतर उपाय है।
खजराना में फैला गया था पीलिया :
पिछले माह खजराना में पीलिया के मामले सबसे ज्यादा देखने में आए थे। इससे बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। स्थानीय अस्पताल और क्लीनिक्स में पीलिया से पीड़ित बच्चों और किशोरों के बहुत ज्यादा मामले आए थे। इस संबंध में स्थानीय चिकित्सकों का कहना था कि बच्चों में यह बीमारी केमिकलयुक्त खाद्य पदार्थ, जो आकर्षक पाउच में मिलती है, उसके खाने और दूषित पानी के कारण हुई थी।
नलो से आ रहा मटमेला पानी :
पिछले कुछ दिनों से शहर के कई इलाकों में नर्मदा लाइन के नलों में मटमेला पानी आने की शिकायत आ रही है। 40 मिनिट के दौरान पूरे समय नलो से गंदा और मटमेला पानी आ रहा है। मजबूरी में लोग इसी पानी को पी रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि जो दवा पानी में बारिश में डाली जाती है, वो भी नहीं डाली जा रहा है, क्योंकि पानी से स्मेल ही नहीं आती है। बारिश के कारण ज्यादातर बोरिंग से भी साफ पानी नहीं आ रहा है। यही दूषित पानी के कारण लोगों को डायरिया, पीलिया, टाइपाइड, वायपरल हेपेटाइजिस का शिकार बना रहा है।
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