इंदौरः सावरकर को "भारत रत्न" दिए जाने से बढ़ा सियासी बवाल
राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के वाणिज्यिक शहर इंदौर में कांग्रेसियों द्वारा वीर सावरकर का विवादित पोस्टर लगाने का मामला सामने आया है, जिसमें भाजपा ने आगामी महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के वचनपत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी। जिससे नाराज होकर कांग्रेसियों ने सावरकर को देशद्रोही बताकर विवादित पोस्टर लगाए।
कांग्रेसियों ने कहा- इस मांग से बापू का होगा अपमानः
कांग्रेसियों ने इस मांग का विरोध करते हुए शहर के रीगल तिराहे पर स्थित गांधी की प्रतिमा के पास अनुचित तरीके से पोस्टर लगाकर कहा कि, इस मांग से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सम्मान को ठेस पहुंचती है क्योंकि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ वीर सावरकर ने देशद्रोही की भूमिका निभाई है।
इसके साथ ही कांग्रसियों ने भारत माता का पोस्टर लगाकर भाजपा सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।
विरोध के दौरान पोस्टर मुक्त निगम के अधिकारी पहुंचेः
पोस्टर लगाने की सूचना मिलने पर पोस्टर मुक्त निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और विवादित पोस्टर को हटाने की कोशिश करने लगे, जिससे कांग्रेसियों और अधिकारियों में बहस और हंगामा होने लगा। जिसके बाद आपसी सहमति से पोस्टर निगम के अधिकारियों द्वारा हटा लिए गए।
बता दें कि, यह विवादित पोस्टर कांग्रस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी द्वारा लगाए गए थे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बढ़ते हंगामे को सरकार के अधिकारियों ने किया नजरअंदाजः
कांग्रसियों द्वारा किए गए इस हंगामे और विरोध प्रदर्शन को सरकार के अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, यह विरोध अनवरत जारी रहेगा क्योंकि विपक्षियों द्वारा की गई इस प्रकार की मांग से बापू के सम्मान को ठेस पहुंचने के साथ ही उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे और अन्य 8 देशद्रोही लोगों को बल मिलेगा। वीर सावरकर उन सब देशद्रोहियों में से एक है।
साथ ही निगम के अधिकारियों को सरकार की धौंस देते हुए कांग्रसियों ने कहा था कि- यह हमारी सरकार है हमें पोस्टर लगाने से कोई नहीं रोक सकता। जिससे मामला बढ़ गया था।
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