झखरावल पंचायत में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू, कलेक्टर करा रहे जांच

सिंगरौली, मध्य प्रदेश : जांच शुरू होते ही झखरावल पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है। सरपंच, सचिव एवं अन्य इस पूरी धांधली में शामिल फर्जी वेंडरों के होश गायब हैं।
झखरावल पंचायत में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरू
झखरावल पंचायत में हुए फर्जीवाड़े की जांच शुरूShashikant Kushwaha

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत ग्राम पंचायत झखरावल में लाखों रुपए के हुए फर्जीवाड़े का मामला कलेक्टर राजीव रंजन मीणा की संज्ञान में पहुंचते ही उन्होंने जांच शुरू करा दी है। यह जांच जिला पंचायत सीईओ साकेत मालवीय की निगरानी में हो रही है शीघ्र ही जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी एवं दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी, जांच शुरू होते ही झखरावल पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है। सरपंच, सचिव एवं अन्य इस पूरी धांधली में शामिल फर्जी वेंडरों के होश गायब हैं। इस पूरे मामले को राज एक्सप्रेस ने अपने न्यूज़ पोर्टल और समाचार पत्र में प्रमुखता से प्रकाशित किया था (मामले को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)। न्यूज़ पोर्टल और समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सिंगरौली ने तत्काल जांच शुरू करा दी है।

यह है मामला :

दरअसल झखरावल पंचायत में पिछले कुछ वर्षों के अंतराल में विभिन्न निर्माण कार्यों एवं अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए का भुगतान आहरित किया गया है, ग्राम वासियों की शिकायत पर राज एक्सप्रेस ने इस पूरे मामले का तहकीकात करते हुए तमाम साक्ष्य उपलब्ध करने के बाद प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सिंगरौली ने मामले की जांच शुरू करा दी है। इस मामले के संबंध में बताते चले कि ग्राम पंचायत ने कई ऐसे मजदूरों के नाम से राशि आहरित की गई है, जो झखरावल ग्राम पंचायत में मजदूर है या फिर अन्य ऐसे लोगों को वेन्डर बनाया गया है जो संबंधित सामान के सप्लायर ही नहीं है। प्रमुख रूप से सुधीर कुमार, महेश राम, सजीवन, दीपक, घनश्याम हलवाई, आर.के. टेंट हाउस, श्रेया कंस्ट्रक्शन, गुरु ट्रेडर्स एवं अभिषेक ट्रेडर्स सहित और भी कई नाम से बिल लगाकर राशि आहरित की गई है। ग्राम वासियों का आरोप है कि इनमें से तमाम बिल फर्जी तरीके से लगाकर राशि आहरित की गई है। प्रमुख रूप से सुधीर कुमार के नाम से कंप्यूटर मरम्मत की भी बिल लगाई गई है, ईंधन के नाम पर भी लगाई गई है, भवन की पुताई के नाम पर भी साथ ही रेत, गिट्टी, ईटा एवं लोहा इत्यादि के नाम पर भी लगाई गई है। वही एक राम सजीवन मजदूर से लाखों रुपए की सामग्री खरीदी गई है जो बहुत ही गरीब है। इसके अलावा राम नंदे मजदूर से भी लाखों की सामग्री खरीदी गई है। वही आर.के.टेंट हाउस के नाम से लाखों रुपए आहरित किए गए है। वहीं सरपंच कुसमी देवी ने खुद अपने नाम से भी बिल लगा कर राशि आहरित की है कुल मिलाकर तमाम फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए आहरित कर लिए गए।

कूप निर्माण कराया हितग्राही ने और भुगतान हड़प लिया सचिव ने :

झखरावल पंचायत अंतर्गत हितग्राही राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने कपिलधारा योजना अंतर्गत पंचायत की स्वीकृति के बाद कूप का निर्माण कराया था, हितग्राही ने स्वयं के पैसे से कूप का निर्माण कराया था। लेकिन जब निर्माण कार्य पूरा हो गया, इसके बाद झखरावल पंचायत के सरपंच कुशुमी देवी व सचिव अजीत शुक्ला के द्वारा कूप निर्माण की समस्त अभिषेक ट्रेडर्स के नाम से फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित कर ली गई है। वही हितग्राही ने बताया कि कूप निर्माण कराने के लिए उसने उधार में साहूकारों से पैसा लिया था, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो सका है और उधर बताते हैं कि सरपंच सचिव ने वेंडर के माध्यम से राशि 1 लाख 40 हजार रूपये आहरित कर आपस में बंदरबांट कर लिया है। फिलहाल इसकी शिकायत कलेक्टर राजीव रंजन मीणा से करते हुये हितग्राही ने भुगतान दिलाने की मांग की है।

झखरावल पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच कलेक्टर सिंगरौली के निर्देश पर सीईओ जिला पंचायत साकेत मालवीय की निगरानी में हो रही है। अब विभिन्न भुगतान की जांच होगी तथा जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित जनों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

मचा हड़कंप :

जांच शुरू होते ही झखरावल पंचायत में सरपंच सचिव एवं अन्य फर्जी वेंडरों के होश गायब हैं, अब जांच प्रभावित करने एवं कार्यवाही से बचने की कोशिश की जा रही है। लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह से सभी घोटाले सार्वजनिक हो चुके हैं ऐसे में जांच प्रभावित होने का सवाल ही नहीं खड़ा होता, ऐसे में निश्चित रूप से बड़ी कार्यवाही का खतरा साफ मंडरा रहा है।

इनका कहना है :

मामला संज्ञान में आते ही सीईओ जिला पंचायत को जांच के लिए निर्देशित कर दिया गया है। दोषी पाए जाने पर संबंधित जनों के खिलाफ कार्यवाही होगी।

राजीव रंजन मीणा, कलेक्टर, सिंगरौली

झखरावल पंचायत में हुए विभिन्न भुगतान की जांच कराई जा रही है। जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। एक सप्ताह के अन्दर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।

साकेत मालवीय, सीईओ, जिला पंचायत, सिंगरौली

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