इंदौर: एजेंटों के माध्यम से लाई जाती थीं माय होम में लड़कियां

जीतू सोनी को फिलहाल पलासिया थाने में दर्ज मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है। उसे महिला थाने में रखा गया है, जहां एसपी और एएसपी स्तर के अधिकारी ही पूछताछ कर रहे हैं।
गिरफ्तार जीतू सोनी
गिरफ्तार जीतू सोनीSocial Media

हाइलाइट्स :

  • 100 से ज्यादा पर दर्ज हो सकता है मानव तस्करी का केस।

  • दलाल रोजगार के बहाने रिश्तेदार बनाकर लाते थे।

इंदौर, मध्य प्रदेश। ब्लेकमेल और मानव तस्करी के मामले में पकड़ाया माय होम होटल के संचालक जीतू सोनी से रिमांड के दौरान पुलिस के बड़े अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस को पता चला है कि लड़कियों को पश्चिम बंगाल और अन्य इलाकों से दलालों के माध्यम से लाया जाता था। इनकी संख्या एक सैकड़ा से ज्यादा है, जिनकी पहचान कर उन पर भी मानव तस्करी का केस दर्ज होगा।

जीतू सोनी को फिलहाल पलासिया थाने में दर्ज मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है। उसे महिला थाने में रखा गया है, जहां एसपी और एएसपी स्तर के अधिकारी ही पूछताछ कर रहे हैं। पूरे थाने के आसपास बल लगाकर आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। महिला थाने का काम फिलहाल पलासिया थाने से ही हो रहा है। बुधवार को पूछताछ में पता चला कि लड़कियों को होटल में जबर्दस्ती नहीं लाया गया, बल्कि इसके लिए 100 से ज्यादा एजेंट छोड़े गए थे। वे पश्चिम बंगाल और उसके आसपास के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की लड़कियों पर नजर रखते और उन्हें रिश्तेदार बनकर नौकरी दिलाने के बहाने यहां ले आते थे। यहां उनका ब्रेनवाश कर होटल में छोड़ दिया जाता था। इस जानकारी के बाद पुलिस अब दलालों की पहचान कर उनके खिलाफ भी मानव तस्करी का केस दर्ज करने वाली है। जीतू का कहना है कि उसने कभी किसी लड़की से दुर्व्यवहार नहीं किया, सभी अपनी मर्जी से यहां रहती थी।

पुलिस को देते थे जानकारी :

सूत्रों के अनुसार प्रशासन द्वारा किरायेदार, नौकरों, प्रतिष्ठानों में काम करने वाले और होटल में रुकने वालों की जानकारी संबंधित थाने पर देना अनिवार्य किया गया था। इसके बाद होटल माय होम की ओर से भी समय-समय पर होटल स्टाफ और गेस्ट की जानकारी तुकोगंज थाने पर दी जाती थी। इन कागजों में लड़कियों के नाम भी रहते थे। इसका मतलब है कि पुलिस को होटल के कार्यकलापों की जानकारी थी, इसके बावजूद इससे पहले उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इन लड़कियों में से एक ने 2019 में आत्महत्या भी कर ली थी, इस पर भी स्थानीय पुलिस ने सिर्फ मर्ग कायम कर मामला रफा-दफा कर दिया था।

कार्रवाई की जानकारी किसने दी :

पुलिस जीतू सोनी से पता कर रही है कि 30 नवंबर की रात माय होम होटल पर कार्रवाई की जानकारी उसे किसने दी। बताया जाता ह कि कार्रवाई से आधे घंटे पहले तक जीतू होटल पर था, उसे किसी का फोन आया और वह निकल गया था। कार्रवाई की तैयारी तत्कालीन डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र ने काफी गोपनीय तरीके से की थी, इसके बावजूद जीतू को इसकी भनक कैसे लगी। इसका जवाब जानने के लिए भी पुलिस अधिकारी प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग और राजनीतिक स्तर पर उसके कौन मददगार थे, जिनके बूते पर उसने इतना बड़ा एम्पायर खड़ा कर लिया था।

नेपाल-बंगाल तक काटी फरारी :

30 सितंबर को फरार होने के बाद जीतू राजकोट गया था। वह आनलाईन तरीके से कार्रवाई का अपडेट लेता रहा। जब मामला ज्यादा बढ़ा और टीम रवाना होने की सूचना मिली तो वह नेपाल चला गया, जहां कुछ दिन रहने के बाद पश्चिम बंगाल में भी फरारी काटी। इसके बाद मुंबई और गुजरात को उसने ठिकाना बना लिया था।

कैमरे सिर्फ निगरानी के लिए थे :

रिमांड के दौरान जीतू ने कबूला कि होटल के डांस फ्लोर पर कैमरे से नजर रखी जाती थी। यदि कोई ग्राहक लड़कियों से बदतमीजी करता तो तत्काल बाउंसर वहां पहुंच जाते थे। जीतू का कहना है कि इन कैमरों की रिकार्डिंग नहीं की जाती थी, ये सिर्फ निगरानी के लिए लगाए गए थे। हालांकि पुलिस को शक है कि इनके माध्यम से भी कुछ लोगों को ब्लेकमेल किया गया है।

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