सिर्फ जबलपुर के कुछ अस्पतालों में चस्पा हुई उपचार रेट लिस्ट!

जबलपुर, मध्य प्रदेश : कोरोना संबंधी मामले में दावा, आईएमए ने इंटरविनर बनने पेश किया आवेदन।
सिर्फ जबलपुर के कुछ अस्पतालों में चस्पा हुई उपचार रेट लिस्ट!
सिर्फ जबलपुर के कुछ अस्पतालों में चस्पा हुई उपचार रेट लिस्ट!Raj Express

जबलपुर, मध्य प्रदेश। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष शुक्रवार को परिपालन रिपोर्ट पेश की गयी। कोर्ट मित्र की ओर से युगलपीठ को बताया गया कि सिर्फ जबलपुर जिले के कुछ अस्पतालों में कोरोना उपचार संबंधी रेट लिस्ट चस्पा की गयी है। प्रदेश के अन्य जिलों में ऐसा नहीं किया गया है और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार प्रसार भी नहीं किया गया है। मामले की सुनवाई दौरान इंडियन मेडिकल एसोसियेशन की ओर से इंटरविनर बनने आवेदन पेश कर कहा गया कि प्राईवेट अस्पताल, होटलों व बारातघरों का अधिग्रहण कर कोरोना मरीजों का उपचार कर रहें है, जो नियम विरुद्ध है। युगलपीठ ने इंटरविनर आदेवन को रिकॉर्ड में लेने के निर्देश जारी किये है, हालांकि विस्तुत आदेश फिलहाल प्रतिक्षित है।

गौरतलब है कि प्रदेश के शाजापुर जिले स्थित एक निजी अस्पताल के प्रबंधन के बिल की राशि का भुगतान नहीं होने पर वृद्ध मरीज को बेड से बांधकर रखा हुआ था। इस संबंध में अखबारों में फोटो सहित समाचार प्रकाशित हुए थे। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल ने 11 जून को मप्र हाईकोर्ट को पत्र लिखा था। जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल डॉ. अश्वनी कुमार द्वारा उक्त घटना का उल्लेख करते हुए सर्वोच्च न्यायालय को 8 जुलाई को एक पत्र लिखा था। जिसमें उक्त घटना को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया गया था। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भेजे गय पत्र की सुनवाई युगलपीठ द्वारा जनहित याचिका के रूप में करते हुए प्रदेश सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किये थे। मामले की पूर्व सुनवाई पर न्यायालय को बताया गया था कि उक्त अस्पताल को सीज करते हुए लायसेंस निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है और मानव अधिकार आयोग को भी स्थिति से अवगत कराया गया है। मामले में न्यायालय ने ने वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ को कोर्ट मित्र नियुक्त करते हुए आर्थिक रूप से असक्षम लोगों के लिए प्राईवेट हॉस्पिटल में निशुल्क मेडिकल सुविधा तथा उपचार के लिए गाइड लाईन निर्धारित करने सुझाव पेश करने के निर्देश दिये थे। मामले की पूर्व सुनवाई दौरान कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने बताया कि इंदौर जिला प्रशाासन ने निर्देश जारी किये है कि कोरोना मरीजी से उपचार के लिए निजी अस्पताल पूर्व निर्धारित दर से 40 प्रतिशत अतिरिक्त बेड चार्ज ले सकते है, इसमें वेंटीलेंटर चार्ज भी शामिल रहेगा। पीपीई किट के लिए अस्पताल प्रबंधन 15 सौ रूपये प्रति मरीज ले सकता है। ऑक्सीजन के लिए 15 सौ रूपये अधिकतम तथा भोजन और डिस्पोजल आईटम के लिए साढ़े सात सौ रूपये निर्धारित किये है। इसके अलावा डॉक्टर की फीस तथा दवाई के दाम अलग से देने होंगे। युगलपीठ ने इंदौर फार्मूला को उपयुक्त मानते हुए पूरे प्रदेश में लागू करने तथा रेट लिस्ट अस्पताल में चस्पा करने के निर्देश दिये थे। मामले में कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जबलपुर के कुछ अस्पतालों में रेट लिस्ट चस्पा की गयी है। प्रदेश के अन्य शहर में ऐसा नहीं किया गया है, हालांकि मामले में विस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है।

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