हिजाब विवाद पर कैलाश विजयवर्गीय ने दिया रिएक्शन
हिजाब विवाद पर कैलाश विजयवर्गीय ने दिया रिएक्शनSyed Dabeer Hussain - RE

हिजाब विवाद पर कैलाश विजयवर्गीय ने दिया रिएक्शन, कहा- 'ये भी टूलकिट का हिस्सा'

देशभर में इन दिनों हिजाब विवाद (Hijab Controversy) का मुद्दा गरमाया हुआ है। अब इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की भी एंट्री हो गई है।

राज एक्सप्रेस। देशभर में इन दिनों हिजाब विवाद (Hijab Controversy) का मुद्दा गरमाया हुआ है। अब इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) की भी एंट्री हो गई है। उन्होंने ट्वीट कर निशाना साधा है। इस पूरे विवाद को लेकर उन्होंने इशारों ही इशारों में कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।

कैलाश विजयवर्गीय ने किया ट्वीट:

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ट्विटर अकाउंट पर हिजाब विवाद पर रिएक्शन दिया है। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट करते हुए कहा, "भारत में जब भी कोई विवाद होता है कोई न कोई गैंग प्रगट हो जाता है। कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग, कभी मोमबत्ती गैंग, कभी गोल बिंदी गैंग, कभी अवार्ड वापसी गैंग…। हिजाब विवाद भी उसी टूलकिट का हिस्सा है। सभी के तार आपस में जुड़े हुए हैं और सभी प्रायोजित है।"

वहीं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि, "हर शिक्षण संस्थान का अनुशासन होता है और वहां जो यूनिफॉर्म तय की गई हो उसी यूनिफॉर्म का उपयोग किया जाना चाहिए।"

बता दें कि, मध्य प्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar) ने हिजाब को लेकर दिए गए बयान को भले ही पलट दिया हो, लेकिन जो बहस शुरू हुई है, वह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हिजाब विवाद में मध्य प्रदेश के एक के बाद एक कई नेता सामने आए और इसपर रिएक्शन दिया। हिजाब विवाद को लेकर अभी और भी बयानबाजी का दौर चलने की संभावना है। हिजाब विवाद को लेकर कई नेता सवाल खड़े कर रहे हैं जबकि कुछ नेता विवादित बयान देने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।

क्‍या है पूरा मामला :

मामला यह है कि, कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वालीं लड़कियों को कॉलेज में एंट्री नहीं दी जा रही है। जिसके बाद छात्राओं ने कॉलेज के फैसले को मानने से मना कर दिया था। इस मामले को लेकर छात्राओं हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है। वहीं मामले पर हाई कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया था कि, अंतिम आदेश तक छात्रों के लिए किसी भी धार्मिक प्रतीक की अनुमति नहीं है। इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

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