कमलनाथ का 12 को ग्वालियर का संभावित दौरा स्थगित
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ग्वालियर : कमलनाथ का 12 को ग्वालियर का संभावित दौरा स्थगित

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : एआईसीसी की बैठक में जाना बताया कारण। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, जल्द तय होगी दौरे की नई तारीख।

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का उप चुनाव को ध्यान में रखते हुए 12 सितंबर को ग्वालियर का दौरा कार्यक्रम संभावित था, लेकिन शनिवार को उसे स्थगित कर दिया गया। दौरा स्थगित होने के पीछे एआईसीसी की बैठक होना बताया गया है, क्योंकि कमलनाथ को बैठक में भाग लेने दिल्ली जाना है। दौरा स्थगित होने के पीछे और भी कारण राजनीतिक गलियारों में बताए जा रहे हैं। अब देखना है कि कमलनाथ का दौरा ग्वालियर का कब बनता है।

12 सितंबर को ग्वालियर दौरे पर आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का दौरा अब स्थगित कर दिया गया है। दौरे को देखते हुए अंचल के कांग्रेसियों ने तैयारियां शुरू कर दी थीं। अब कमलनाथ का दौरा कब बनेगा इसको लेकर अभी तारीख तय नहीं हुई है। कमलनाथ के ग्वालियर दौरे के स्थगित होने को लेकर विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि यह संभावित दौरा था। असल में एआईसीसी की कुछ जरूरी बैठकें हैं, जहां कमलनाथ को जाना पड़ रहा है। दौरा निरस्त नहीं हुआ है, स्थगित हुआ है। अगली तारीख बैठक करके तय कर ली जाएगी, जिसे बहुत जल्दी मीडिया को बता दिया जाएगा। ग्वालियर चंबल कांग्रेस की गुटबाजी के कारण कमलनाथ के ग्वालियर दौरा स्थगित होने के आरोप पर वर्मा ने कहा कि यह मिथ्या आरोप है। उन्होंने बताया कि मुझे ग्वालियर एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल पहुंचने में ढाई से तीन घंटे लग गए। अगर गुटबाजी होती, तो मेरे सामने ही नजर आ जाती। जब मेरे जैसे छोटे कार्यकर्ता के लिए लोगों में इतना उत्साह था, तो फिर कमलनाथ के लिए तो लोग बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि एक बार कमलनाथ ग्वालियर आ जाएं, फिर सबको जलजला देखने मिलेगा।

इधर...प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं :

प्रदेश में कांग्रेस से भले ही सिंधिया चले गए हों और अब कांग्रेसी कह रहे हैं कि गुटबाजी चली गई है, लेकिन ऐसा नहीं है। कांग्रेस के अंदर अभी भी गुटबाजी चल रही है और कुछ बड़े नेता नाराज भी हैं। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष का पद कमलनाथ अपने हाथ में लिए हुए हैं इसलिए कुछ नेता नाराज हैं। ग्वालियर दौरा स्थगित होने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है। कांग्रेस सूत्र का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष नया बनाया जा सकता है और इसके लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह व पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह में से कोई का चुनाव हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष के लिए पहले डॉ. गोविंद सिंह का नाम तय हो गया था, लेकिन आखिरी समय में कांग्रेस के अन्य नेताओं ने टांग अड़ा दी थी जिसके कारण वह नेता प्रतिपक्ष बनने से रह गए थे और यह पद स्वयं कमलनाथ ने अपने पास रख लिया था। उप चुनाव को देखते हुए सबसे अधिक चुनाव ग्वालियर-चंबल संभाग में होना है ऐसे में डॉ. गोविंद सिंह को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, यह कांग्रेस के बड़े नेता जानते हैं, क्योंकि ग्वालियर-चंबल में डॉ. सिंह कांग्रेस के सर्वमान्य नेता हैं और उप चुनाव में वह काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। संभावना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लिए डॉ. सिंह के नाम पर सहमति बनाई जा सकती है और उनकी नाराजगी जो वह जाहिर नहीं करते उसे दूर किया जा सकता है।

आठ सितंबर को अंचल के कुछ बड़े नेता होंगे कांग्रेस में शामिल :

ग्वालियर दौरा स्थगित होने के बाद अब बताया जा रहा है कि अंचल से दूसरे दलों के कुछ नेता आठ सितंबर को भोपाल में कमलनाथ के सामने कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस सूत्र का कहना है कि अंचल के साथ ही ग्वालियर से भी भाजपा को झटका लग सकता है, क्योंकि ग्वालियर में भाजपा का एक बड़ा चेहरा आठ तारीख को कमलनाथ के सामने कांग्रेस में आ सकता है।

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