किल कोरोना अभियान बना मजाक, कर्मचारी बिना मास्क-ग्लब्स के कर रहे सर्वे

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए 1 जुलाई से शुरू किया गया किल कोराना अभियान सर्वे दल के लिए संक्रमण के खतरे का सबब बनता नजर आ रहा है।
किल कोरोना अभियान बना मजाक
किल कोरोना अभियान बना मजाकSocial Media

हाइलाइट्स :

  • बिना सुरक्षा उपकरणों के चलाया जा रहा किल कोरोना अभियान

  • सर्वे कर रही टीम ने रोया अपना दुखड़ा

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए 1 जुलाई से शुरू किया गया किल कोराना अभियान सर्वे दल के लिए संक्रमण के खतरे का सबब बनता नजर आ रहा है। जिसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ग्राउंड लेवल पर सर्वे टीम के पास न तो खुद की सुरक्षा के लिए ट्रिपल लेयर मास्क हैं न सर्जिकल ग्लब्स और न ही कॉटन सेनिटाइजर। इतना ही नहीं यह सर्वे इतनी तंगहाली और गरीबी में हो रहा है कि कुछ जगहों पर सर्वे रिपोर्ट भरने के लिए छपे हुए रिपोर्टिंग प्रपत्र और रजिस्टर व पेन-पेंसिल तक नहीं दिए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि जिम्मेदार अफसरों ने किल कोरोना अभियान को मजाक बना दिया है।

प्रदेशव्यापी किल कोरोना अभियान के तहत जिले में 1 जुलाई से शुरू हुआ यह अभियान 15 जुलाई तक चलाया जाना है। लेकिन कई जगहों पर सर्वे दलों को जरूरी सामग्री न दिए जाने की वजह से रिपोर्ट तैयार करने में समस्या आ रही है। अपनी नौकरी बचाने के लिए एएनएम, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं महिला पर्यवेक्षक, बीईई, एलएचवी, आशा कार्यकर्ता व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जा रही हैं लेकिन देखने को मिल रहा है कि टीम के सदस्यों के पास छपे हुए प्रपत्र नहीं हैं। जिससे वे अपने खर्चे से बाजार से रजिस्टर और कोरे कागज खरीद कर स्केल पेंसिल से खाने बना कर रिपोर्ट भर रही हैं। सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए जरूरी ग्लब्स और मास्क व सेनेटाइजर नहीं दिए गए हैं। जबकि शहर में हर रोज कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस स्थिति में सर्वे दल के सदस्य खुद अपनी ही सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

सर्वे कर रही टीम ने रोया अपना दुखड़ा :

सर्वे कर रही टीम ने बताया कि कई बार मांग करने पर भी मास्क, ग्लब्स, कॉटन और सेनिटाइजर भी नहीं दिया। इतना ही नहीं प्रपत्र भी नहीं दिए, इस वजह से स्वयं के पैसों से रजिस्टर खरीदकर उसमें जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। शासन ने जो उपकरण टीम के पास होना अनिवार्य बताया है, उसमें से सिर्फ हमें थर्मल गन मिली है।

सर्वे दल के पास होने चाहिए ये उपकरण :

  • पल्स ऑक्सीमीटर

  • नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर

  • ट्रिपल लेयर मास्क

  • सर्जिकल ग्लब्स

  • कॉटन

  • सेनिटाइजर

  • रजिस्टर

  • पेन

  • पेंसिल

  • रिपोर्टिंग प्रपत्र

दल में ये शामिल :

एएनएम, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक एवं महिला पर्यवेक्षक, बीईईए एलएचवी को शामिल किया गया है।

अभियान का यह है उद्देश्य :

शासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार किल कोरोना अभियान स्पेशल फीवर स्क्रीनिंग अभियान है। संभावित रोगियों की समय पर पहचान कर उन्हें तत्काल अस्पताल भेजकर उनका उपचार कराना है। जिससे आगे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके तथा मृत्यु की घटनाओं में कमी लाई जा सके। इसके लिए हर सर्वे दल के पास पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन कॉन्टेक्ट थर्मामीटर रहेगा ताकि वे व्यक्ति का तापमान और ऑक्सीजन का लेवल नाप कर यह सुनिश्चित कर सकें कि वह संदिग्ध कोरोना संक्रमित है या नहीं। अभियान के तहत प्रत्येक दल को प्रतिदिन 100 घरों तक जाने का लक्ष्य दिया गया है।

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