Kotma : तो क्या 'मेरा मन मेरी मर्जी' के तर्ज पर हो रहा कोतमा मॉडल सड़क का निर्माण

सड़क निर्माण में हो रहे हैं, अनियमितता और मनमाने कार्य को लेकर पूर्व में प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन ठेकेदार द्वारा "मेरा मन मेरी मर्जी" के तर्ज पर मनमाने तरीके से सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है।
तो क्या 'मेरा मन मेरी मर्जी' के तर्ज पर हो रहा कोतमा मॉडल सड़क का निर्माण
तो क्या 'मेरा मन मेरी मर्जी' के तर्ज पर हो रहा कोतमा मॉडल सड़क का निर्माणराज एक्सप्रेस, संवाददाता
Summary

कोतमा में मॉडल सड़क का निर्माण कार्य विगत कई महीनों से अनिल बिल्डकॉन नामक कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। सड़क निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से करने के आरोप लगातार लग रहे हैं। सड़क निर्माण के दौरान अवैध निर्माण को हटाये जाने के लिए अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व और नगर पालिका कोतमा द्वारा लगभग 1 सैकड़ा से भी अधिक अतिक्रमण हटाने के नोटिस बांटे गए, लेकिन अनिल बिल्डकॉन कंपनी द्वारा बिना अतिक्रमण हटाये ही मनमाने तरीके से सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है।

कोतमा, मध्यप्रदेश। निर्माण के शुरुआती दिनों से ही कोतमा मॉडल रोड विवादों से घिरी हुई हैं। सत्ता तथा विपक्ष दल के द्वारा सड़क निर्माण में हो रहे हैं, अनियमितता और मनमाने कार्य को लेकर पूर्व में प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन ठेकेदार द्वारा "मेरा मन मेरी मर्जी" के तर्ज पर मनमाने तरीके से सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। सड़क निर्माण कार्य में कहीं सड़क 5 मीटर तो कहीं 6 मीटर तो कहीं 7 मीटर की चौड़ाई लेकर बनाई जा रही है। जबकि स्टीमेट में निर्धारित चौड़ीकरण को सांठगांठ कर विभागीय मिलीभगत से अनदेखी किया जा रहा है। वही मॉडल सड़क निर्माण में सड़क के मध्य बनने वाले डिवाइडर ज्योति 1 मीटर से ज्यादा चौड़ाई की बनाई जानी थी उसे मनमाने तरीके से आधा फुट में सिकोड़ दिया गया है।

संरक्षण दे रहा भ्रष्टाचार को अंजाम :

लगातार मॉडल सड़क निर्माण में विभिन्न प्रकार की अनियमितताएं के साथ गुणवत्ता विहीन कार्य और बिना अतिक्रमण हटाये मनमाने तरीके से कार्य करने को लेकर पूर्व में कई शिकायतें और आरोप लगे थे जिस पर पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा ठेकेदार कंपनी से सांठगांठ कर मनमानी निर्माण को अंजाम देने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग के संरक्षण प्राप्त हो जाने से अनिल बिल्डकॉन को मनवाने कार्य की मौन स्वीकृति प्राप्त हो गई है जिससे वह जहां जैसे और जिस तरह की तर्ज पर कार्य करते हुए मॉडल सड़क को भ्रष्टाचार की खाई में धकेलता जा रहा है।

दिखावे की कार्यवाही से गुलजार बिल्डकॉन :

पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा शिकायतों और आरोपों पर दिखावे की कार्यवाही के कारण ठेकेदार कंपनी अनिल बिल्डकॉन मनमाना कार्य कर गुलजार होते जा रहा है। 7 मीटर से घटकर सड़क कहीं 5 मीटर तो कहीं 6 मीटर तक सिमट गई है जिससे कोतमा को मिलने वाली एकमात्र मौजूद सड़क कोतमा की आकर्षण का नहीं विफलता का प्रतीक होता जा रहा है। शिकायतों पर कागजी कार्यवाही और नाम मात्र की कार्यवाही के कारण अनिल बिल्डकॉन के हौसले बुलंद है, जिससे कि भविष्य में कोतमा के विकास को लेकर बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

नाली के ऊपर सड़क निर्माण :

नगर पालिका कोतमा द्वारा करोड़ों की लागत से पूर्व में सड़क के दोनों किनारों पर नाली का निर्माण किया गया था जो कि अब तक जनता के लिए सुविधाजनक था, लेकिन अब अनिल बिल्डकॉन कंपनी द्वारा नाली के ऊपर ही सड़क की ढलाई कर भविष्य में जनता की जान जोखिम में डाली जा रही है। क्योंकि सड़क निर्माण का कार्य नॉर्मल तरीके से किया गया था जिस पर सैकड़ों टन वजन सहने की क्षमता बिल्कुल भी नहीं थी फिर भी ऊपर से सड़क की ढलाई कर नगर पालिका द्वारा बनाई गई नाली को पूरी तरह ढक दिया गया है जिससे भविष्य में भारी भरकम वाहनों से सड़क और नाली बह जाने की आशंका बनी रहेगी।

सांठगांठ की ओर इशारा :

निर्माणाधीन एजेंसी व ठेकेदार कोतमा के कुछ सफेदपोश नेता और अतिक्रमणकारियों की गुपचुप तरीके से बैठक इस भ्रष्टाचार और अनियमितता भरे निर्माण कार्य को सांठगांठ के स्वरूप मोहर लगाने की ओर इशारा कर रही है। गुपचुप तरीके से अतिक्रमणकारियों पीडब्ल्यूडी विभाग और ठेकेदार एजेंसी के बैठक करने के बाद से नोटिस में चयनित किए गए घर और स्थान को छोड़कर लगभग 2 फुट बाद से अनिल बिल्डकॉन का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है जो कि साफ तौर पर सांठगांठ का नतीजा हो सकता है।

तो कैसे मिल रही है छूट :

गुप्त तरीके से बैठक करने के बाद नगर भर में चर्चा का विषय है कि आखिर क्या कारण है कि ठेकेदार कंपनी द्वारा अतिक्रमणकारियों के घर को छोड़कर अन्य जगह निर्माण कार्य किया जा रहा है। वही मिली सूचना के अनुसार बैठक में लिए गए निर्णय और सांठगांठ में 2 फुट जगह निर्धारित मापदंड के विपरीत छोडऩे की बात कही जा रही है जिसके लिए नेता निर्माणाधीन विभाग और निर्माणाधीन ठेकेदार द्वारा लंबी रकम लेकर व्यापारियों के द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं। देखना यह है कि क्या विभागों के मिलीभगत और सफेदपोश नेताओं के खुराफाती दिमाग ने कोतमा के विकास को ग्रहण लगा दिया है या फिर ठेकेदार के मेरी मर्जी के तर्ज पर विभागीय मुहर लग चुकी है।

इनका कहना है :

इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ से संपर्क करना चाहा तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया, जिस कारण से संपर्क नहीं हो पाया।

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